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Maghi Purnima 2023 : पवित्र स्नान के साथ माघ मेले का समापन, प्रसाद लेकर वापस होंगे कल्पवासी

प्रयागराज में माघ मेले के पांचवा प्रमुख स्नान पर्व माघी पूर्णिमा पर श्रद्धालुओं ने पवित्र गंगा में आस्था की डुबकी लगाई. आज ही एक माह से चल रहे कल्पवास का भी समापन हो जाएगा. शिविरों से कल्पवासी अनुष्ठान के बाद अगले बरस आने का संकल्प लेकर विदा हो जाएंगी.

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Published : Feb 5, 2023, 8:37 AM IST

Updated : Feb 5, 2023, 12:17 PM IST

माघ मेले का पांचवा प्रमुख स्नान पर्व

प्रयागराजः संगम की रेती पर लगे माघ मेले का पांचवा प्रमुख स्नान पर्व माघी पूर्णिमा आज है. इस दिन संगम की रेती पर एक माह से चल रहे कल्पवास का भी समापन हो जाएगा. इसके साथ ही शिविरों से कल्पवासी अनुष्ठान के बाद अगले बरस आने का संकल्प लेकर विदा हो जाएंगी. कल्पवास की शुरुआत जनवरी पौष पूर्णिमा के स्नान पर्व के साथ हुई थी. माघी पूर्णिमा के मौके पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु गंगा यमुना और अदृश्य सरस्वती के पावन त्रिवेणी में ब्रह्म मुहूर्त से ही आस्था की डुबकी लगाने के लिए संगम तट पर आना शुरू कर दिया है.

ऐसी मान्यता है कि इस दिन स्नान और दान से पूरे माघ मास के स्नान का फल मिलता है. ब्रह्म मुहूर्त से स्नान दान शुरू हो गया है. आज के दिन गुरुदेव बृहस्पति और सूर्य दोनों एक साथ कुंभ राशि में संचरण करेंगे. इसलिए माघी पूर्णिमा पर आदित्य योग बन रहा है, जिसमें स्नान पर्व की शुभता में वृद्धि होगी.

माघ मेला प्रशासन ने पांचवें स्नान पर्व को लेकर व्यापक रूप से तैयारी की हैं. संगम तट पर बनाए गए 6 किलोमीटर लंबे स्नान घाटों पर खास इंतजाम किए गए हैं. घाटों पर जल पुलिस और गोताखोर तैनात किए गए हैं. इसके साथ ही मेले की सभी 16 इंट्री गेटों पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है. कोविड के संक्रमण के मद्देनजर थर्मल स्क्रीनिंग कराई जा रही है और कोविड टेस्ट भी कराया जा रहा है. माघ मेले में लोगों को वैक्सीन भी लगाई जा रही है. माघ मेले की सुरक्षा में सीसीटीवी कैमरे से निगरानी की जा रही है. इसके साथ ही साथ मेले में बनाए गए थानों, चौकियों और वाच टावर के साथ-साथ सीसीटीवी कैमरे से भी लगातार निगरानी रखी जा रही है.

एसएसपी माघ मेला डॉक्टर राजीव नारायण मिश्रा ने बताया कि आज से माघ मेला क्षेत्र से कल्पवासी वापस अपने गंतव्य की ओर रवाना होंगे, जिनके लिए मार्ग की व्यवस्था की गई है. 1 महीने की कल्पवास पूरा कर अपने घर को जाने वाले कल्पवासी के लिए किसी भी प्रकार की समस्या न हो उनके लिए अलग से मार्ग की व्यवस्था की गई है. इसके साथ ही उन सभी मार्गो पर ट्रैफिक भी सुचारू कर दिया गया है.

माघ पूर्णिमा पर काशी के घाटों पर उमड़ी श्रद्धालुओ की भीड़
माघ पूर्णिमा के अवसर पर हरिद्वार, प्रयागराज के साथ ही काशी में भी गंगा घाटों पर आस्था का सैलाब उमड़ा. यहां पर लाखों की संख्या में अस्सी से लेकर राजघाट तक श्रद्धालु गंगा में आस्था की डुबकी लगाई. बता दें कि, काशी में गंगा का विशेष महत्व माना जाता है. वहीं, माघ पूर्णिमा के महत्व की बात करें तो आज मां लक्ष्मी और श्रीहरि की विशेष कृपा प्राप्त होती है. मान्यता है कि काशी में स्नान करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है. यही कारण है कि लोग आज गंगा में आस्था की डुबकी लगाते दिखाई देते हैं.

घाट पर मौजुद अर्चकों का कहना है कि माघ स्नान का विशेष महत्व माना जाता है. आज स्नान दान करने से मां गंगा पापों से मुक्त कर मनोकामना को पूर्ण करती है. उन्होनें कहा कि बाबा विश्वनाथ अपनी नगरी में मुक्ति प्रदान करते हैं. यही कारण है कि दूरदराज से काशी में आकर श्रद्धालु अपनी मनोकामना पूर्ण करने के लिए मां गंगा से प्रार्थना करते हैं. वही श्रद्धालु भी स्नान दान करके काफी उल्लासित नजर आए.

माघ मेले का पांचवा प्रमुख स्नान पर्व

प्रयागराजः संगम की रेती पर लगे माघ मेले का पांचवा प्रमुख स्नान पर्व माघी पूर्णिमा आज है. इस दिन संगम की रेती पर एक माह से चल रहे कल्पवास का भी समापन हो जाएगा. इसके साथ ही शिविरों से कल्पवासी अनुष्ठान के बाद अगले बरस आने का संकल्प लेकर विदा हो जाएंगी. कल्पवास की शुरुआत जनवरी पौष पूर्णिमा के स्नान पर्व के साथ हुई थी. माघी पूर्णिमा के मौके पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु गंगा यमुना और अदृश्य सरस्वती के पावन त्रिवेणी में ब्रह्म मुहूर्त से ही आस्था की डुबकी लगाने के लिए संगम तट पर आना शुरू कर दिया है.

ऐसी मान्यता है कि इस दिन स्नान और दान से पूरे माघ मास के स्नान का फल मिलता है. ब्रह्म मुहूर्त से स्नान दान शुरू हो गया है. आज के दिन गुरुदेव बृहस्पति और सूर्य दोनों एक साथ कुंभ राशि में संचरण करेंगे. इसलिए माघी पूर्णिमा पर आदित्य योग बन रहा है, जिसमें स्नान पर्व की शुभता में वृद्धि होगी.

माघ मेला प्रशासन ने पांचवें स्नान पर्व को लेकर व्यापक रूप से तैयारी की हैं. संगम तट पर बनाए गए 6 किलोमीटर लंबे स्नान घाटों पर खास इंतजाम किए गए हैं. घाटों पर जल पुलिस और गोताखोर तैनात किए गए हैं. इसके साथ ही मेले की सभी 16 इंट्री गेटों पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है. कोविड के संक्रमण के मद्देनजर थर्मल स्क्रीनिंग कराई जा रही है और कोविड टेस्ट भी कराया जा रहा है. माघ मेले में लोगों को वैक्सीन भी लगाई जा रही है. माघ मेले की सुरक्षा में सीसीटीवी कैमरे से निगरानी की जा रही है. इसके साथ ही साथ मेले में बनाए गए थानों, चौकियों और वाच टावर के साथ-साथ सीसीटीवी कैमरे से भी लगातार निगरानी रखी जा रही है.

एसएसपी माघ मेला डॉक्टर राजीव नारायण मिश्रा ने बताया कि आज से माघ मेला क्षेत्र से कल्पवासी वापस अपने गंतव्य की ओर रवाना होंगे, जिनके लिए मार्ग की व्यवस्था की गई है. 1 महीने की कल्पवास पूरा कर अपने घर को जाने वाले कल्पवासी के लिए किसी भी प्रकार की समस्या न हो उनके लिए अलग से मार्ग की व्यवस्था की गई है. इसके साथ ही उन सभी मार्गो पर ट्रैफिक भी सुचारू कर दिया गया है.

माघ पूर्णिमा पर काशी के घाटों पर उमड़ी श्रद्धालुओ की भीड़
माघ पूर्णिमा के अवसर पर हरिद्वार, प्रयागराज के साथ ही काशी में भी गंगा घाटों पर आस्था का सैलाब उमड़ा. यहां पर लाखों की संख्या में अस्सी से लेकर राजघाट तक श्रद्धालु गंगा में आस्था की डुबकी लगाई. बता दें कि, काशी में गंगा का विशेष महत्व माना जाता है. वहीं, माघ पूर्णिमा के महत्व की बात करें तो आज मां लक्ष्मी और श्रीहरि की विशेष कृपा प्राप्त होती है. मान्यता है कि काशी में स्नान करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है. यही कारण है कि लोग आज गंगा में आस्था की डुबकी लगाते दिखाई देते हैं.

घाट पर मौजुद अर्चकों का कहना है कि माघ स्नान का विशेष महत्व माना जाता है. आज स्नान दान करने से मां गंगा पापों से मुक्त कर मनोकामना को पूर्ण करती है. उन्होनें कहा कि बाबा विश्वनाथ अपनी नगरी में मुक्ति प्रदान करते हैं. यही कारण है कि दूरदराज से काशी में आकर श्रद्धालु अपनी मनोकामना पूर्ण करने के लिए मां गंगा से प्रार्थना करते हैं. वही श्रद्धालु भी स्नान दान करके काफी उल्लासित नजर आए.

Last Updated : Feb 5, 2023, 12:17 PM IST
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