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कार्यवाहक प्रधानाचार्य को बर्खास्त करने की मांग पर दायर याचिक को कोर्ट ने किया खारिज

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गोरखपुर के एक कॉलेज के कार्यवाहक प्रधानाचार्य को बर्खास्त करने की मांग में कॉलेज की प्रबंध समिति की याचिका खारिज कर दी है.

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इलाहाबाद हाईकोर्ट
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Published : Jun 28, 2022, 10:47 PM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने श्री गांधी इंटर कॉलेज हरपुर बुधात, गोरखपुर की प्रबंध समिति की कार्यवाहक प्रधानाचार्य का एक इंक्रीमेंट रोकने के कम दंड को रद कर उसे बर्खास्त करने का निर्देश देने की मांग में दाखिल याचिका खारिज कर दी है.

कोर्ट ने कहा, विपक्षी कार्यवाहक प्रधानाचार्य के खिलाफ बच्चों के यूनिफॉर्म का पैसा गबन करने, पैरेंट्स टीचर्स एसोसिएशन का पैसा हजम करने, मिड डे मील का गवन करने के आरोप को प्रबंध समिति साबित नहीं कर सकी. विपक्षी कार्यवाहक प्रधानाचार्य बनने के बाद कॉलेज देरी से आने पर अनुशासनात्मक समिति द्वारा एक इंक्रीमेंट रोकने के आदेश को सही माना और समिति के आदेश पर हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया है.

यह भी पढ़ें- जानलेवा हमला व मारपीट का मामला : कोर्ट ने आरोपी इरफान को दी सशर्त जमानत

यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ ने कॉलेज की प्रबंध समिति की सचिव माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड प्रयागराज के 18 दिसंबर 21 के आदेश को चुनौती याचिका पर दिया है. मालूम हो कि विपक्षी 2005 में प्रवक्ता नियुक्त किया गया. 12 मई 21 को वह कार्यवाहक प्रधानाचार्य नियुक्त किया गया. अध्यापक के तौर पर उसके खिलाफ कोई शिकायत नहीं थी. कार्यवाहक प्रधानाचार्य बनने पर प्रबंध समिति से विवाद हुआ.

प्रबंध समिति ने उसे निलंबित कर जांच बैठाई लेकिन जिला विद्यालय निरीक्षक ने अनुमोदन नहीं दिया. अनुशासनात्मक कार्रवाई में बोर्ड की गठित कमेटी ने प्रबंध समिति के आरोपों के पक्ष में सबूत न होने पर देरी से आने पर छोटा दंड देकर प्रकरण समाप्त कर दिया, जिसे समिति ने चुनौती दी गई थी.

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प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने श्री गांधी इंटर कॉलेज हरपुर बुधात, गोरखपुर की प्रबंध समिति की कार्यवाहक प्रधानाचार्य का एक इंक्रीमेंट रोकने के कम दंड को रद कर उसे बर्खास्त करने का निर्देश देने की मांग में दाखिल याचिका खारिज कर दी है.

कोर्ट ने कहा, विपक्षी कार्यवाहक प्रधानाचार्य के खिलाफ बच्चों के यूनिफॉर्म का पैसा गबन करने, पैरेंट्स टीचर्स एसोसिएशन का पैसा हजम करने, मिड डे मील का गवन करने के आरोप को प्रबंध समिति साबित नहीं कर सकी. विपक्षी कार्यवाहक प्रधानाचार्य बनने के बाद कॉलेज देरी से आने पर अनुशासनात्मक समिति द्वारा एक इंक्रीमेंट रोकने के आदेश को सही माना और समिति के आदेश पर हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया है.

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यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ ने कॉलेज की प्रबंध समिति की सचिव माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड प्रयागराज के 18 दिसंबर 21 के आदेश को चुनौती याचिका पर दिया है. मालूम हो कि विपक्षी 2005 में प्रवक्ता नियुक्त किया गया. 12 मई 21 को वह कार्यवाहक प्रधानाचार्य नियुक्त किया गया. अध्यापक के तौर पर उसके खिलाफ कोई शिकायत नहीं थी. कार्यवाहक प्रधानाचार्य बनने पर प्रबंध समिति से विवाद हुआ.

प्रबंध समिति ने उसे निलंबित कर जांच बैठाई लेकिन जिला विद्यालय निरीक्षक ने अनुमोदन नहीं दिया. अनुशासनात्मक कार्रवाई में बोर्ड की गठित कमेटी ने प्रबंध समिति के आरोपों के पक्ष में सबूत न होने पर देरी से आने पर छोटा दंड देकर प्रकरण समाप्त कर दिया, जिसे समिति ने चुनौती दी गई थी.

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