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कांग्रेस निकालेगी नदी अधिकार पदयात्रा, निषाद समाज को जोड़ने का होगा प्रयास - कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी

कांग्रेस पार्टी एक मार्च से नदी अधिकार पद यात्रा निकालने जा रही है. यात्रा निषाद बाहुल्य 12 सौ गांवों से होते हुए बलिया के माझीघाट तक जाएगी. इस दौरान कांग्रेस के नेता निषाद समुदाय के साथ ही नदी के सहारे जीवन यापन करने वाले लोगों को पार्टी से जोड़ने का प्रयास करेंगे.

कांग्रेस निकालेगी नदी अधिकार पदयात्रा.
कांग्रेस निकालेगी नदी अधिकार पदयात्रा.
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Published : Feb 25, 2021, 3:07 PM IST

प्रयागराज: कांग्रेस पार्टी विधानसभा चुनाव 2022 से पूर्व निषाद समाज (नाविकों) को साधने की पूरी कोशिश में जुटी है. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी से मिले निर्देश के बाद कांग्रेस कार्यकर्ता नदी और नाव के सहारे जीवन यापन करने वाले इस समाज को कांग्रेस से जोड़ने के लिए प्रयागराज से बलिया तक नदी अधिकार पद यात्रा निकालने जा रहे हैं. एक मार्च से शुरू होने वाली नदी अधिकार पदयात्रा में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी समेत कांग्रेस के दिग्गज नेता शामिल हो सकते हैं. एक मार्च से 20 मार्च तक उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी पिछड़ा वर्ग विभाग की अगुआई में यात्रा निकाली जाएगी.

उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी पिछड़ा वर्ग विभाग के कार्यकारी अध्यक्ष मनोज यादव के मुताबिक एक मार्च से शुरू हो रही यह यात्रा निषाद बाहुल्य 12 सौ गांवों से होते हुए बलिया के माझीघाट तक जाएगी. इसमें 6 सौ ऐसे गांव पड़ेंगे जो नदियों के किनारों पर ही स्थित हैं. यात्रा प्रयागराज से शुरू होकर भदोही, मिर्जापुर, वाराणसी, चंदौली, गाजीपुर होते बलिया के बैरिया तहसील के माझी घाट पर समाप्त होगी.

यात्रा के जरिए नाविकों के हक की आवाज उठाएंगे कांग्रेसी
20 दिनों की इस पदयात्रा में 400 किलोमीटर का सफर तय किया जाएगा. इस दौरान लगभग 12 सौ गांवों से होते हुए कांग्रेस कार्यकर्ता पदयात्रा निकालेंगे. इन 12 सौ गांवों में से 600 ऐसे गांव हैं जो नदी के किनारे ही स्थित हैं. इन गांवों से गुजरते समय कांग्रेस के नेता निषाद समुदाय के साथ ही नदी के सहारे जीवन यापन करने वाले लोगों को पार्टी से जोड़ने का प्रयास करेंगे.

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नाविकों के गांव बसवार पहुंचीं थीं प्रियंका गांधी
कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव व यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी 21 फरवरी को प्रयागराज स्थित बसवार गांव पहुंचीं थीं. बसवार गांव में 4 फरवरी को अवैध खनन के खिलाफ दबिश देने गई पुलिस और नाविकों के बीच झड़प हुई थी, जिसके बाद पुलिस ने न सिर्फ नाविकों के साथ मारपीट की थी, बल्कि उनकी नावों को भी तोड़ा था. इस दौरान नाविकों के घर की महिलाओं ने पुलिस पर मारपीट करने का आरोप लगाया था. इस मामले की जानकारी के बाद प्रियंका गांधी बसवार गांव पहुंचीं और नाविकों के साथ बैठकर न सिर्फ चौपाल लगाई, बल्कि यमुना के घाट तक पैदल जाकर टूटी हुई नावों को भी देखा था. प्रियंका गांधी ने नाविकों की मदद के लिए पार्टी की तरफ से 10 लाख रुपये की सहायता राशि भेजने का भी एलान किया था.

इसे भी पढ़ें-पीपा पुल पर माला बांधकर संकल्प पूरा कर रहे श्रद्धालु, जानिए क्या है रहस्य

निषाद समाज को नदी में खनन का मिले अधिकार
यात्रा के दौरान कांग्रेस नेता निषाद समाज को नदियों में खनन करने का अधिकार देने की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि एनजीटी की गाइडलाइन के बहाने नाविक समाज का उत्पीड़न किया जा रहा है, जबकि बड़े-बड़े माफिया को खनन की छूट दी गई है. यात्रा के जरिए नाविकों को नदी में खनन के साथ ही मत्स्य पालन की छूट देने की मांग की जाएगी.

प्रयागराज: कांग्रेस पार्टी विधानसभा चुनाव 2022 से पूर्व निषाद समाज (नाविकों) को साधने की पूरी कोशिश में जुटी है. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी से मिले निर्देश के बाद कांग्रेस कार्यकर्ता नदी और नाव के सहारे जीवन यापन करने वाले इस समाज को कांग्रेस से जोड़ने के लिए प्रयागराज से बलिया तक नदी अधिकार पद यात्रा निकालने जा रहे हैं. एक मार्च से शुरू होने वाली नदी अधिकार पदयात्रा में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी समेत कांग्रेस के दिग्गज नेता शामिल हो सकते हैं. एक मार्च से 20 मार्च तक उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी पिछड़ा वर्ग विभाग की अगुआई में यात्रा निकाली जाएगी.

उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी पिछड़ा वर्ग विभाग के कार्यकारी अध्यक्ष मनोज यादव के मुताबिक एक मार्च से शुरू हो रही यह यात्रा निषाद बाहुल्य 12 सौ गांवों से होते हुए बलिया के माझीघाट तक जाएगी. इसमें 6 सौ ऐसे गांव पड़ेंगे जो नदियों के किनारों पर ही स्थित हैं. यात्रा प्रयागराज से शुरू होकर भदोही, मिर्जापुर, वाराणसी, चंदौली, गाजीपुर होते बलिया के बैरिया तहसील के माझी घाट पर समाप्त होगी.

यात्रा के जरिए नाविकों के हक की आवाज उठाएंगे कांग्रेसी
20 दिनों की इस पदयात्रा में 400 किलोमीटर का सफर तय किया जाएगा. इस दौरान लगभग 12 सौ गांवों से होते हुए कांग्रेस कार्यकर्ता पदयात्रा निकालेंगे. इन 12 सौ गांवों में से 600 ऐसे गांव हैं जो नदी के किनारे ही स्थित हैं. इन गांवों से गुजरते समय कांग्रेस के नेता निषाद समुदाय के साथ ही नदी के सहारे जीवन यापन करने वाले लोगों को पार्टी से जोड़ने का प्रयास करेंगे.

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नाविकों के गांव बसवार पहुंचीं थीं प्रियंका गांधी
कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव व यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी 21 फरवरी को प्रयागराज स्थित बसवार गांव पहुंचीं थीं. बसवार गांव में 4 फरवरी को अवैध खनन के खिलाफ दबिश देने गई पुलिस और नाविकों के बीच झड़प हुई थी, जिसके बाद पुलिस ने न सिर्फ नाविकों के साथ मारपीट की थी, बल्कि उनकी नावों को भी तोड़ा था. इस दौरान नाविकों के घर की महिलाओं ने पुलिस पर मारपीट करने का आरोप लगाया था. इस मामले की जानकारी के बाद प्रियंका गांधी बसवार गांव पहुंचीं और नाविकों के साथ बैठकर न सिर्फ चौपाल लगाई, बल्कि यमुना के घाट तक पैदल जाकर टूटी हुई नावों को भी देखा था. प्रियंका गांधी ने नाविकों की मदद के लिए पार्टी की तरफ से 10 लाख रुपये की सहायता राशि भेजने का भी एलान किया था.

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निषाद समाज को नदी में खनन का मिले अधिकार
यात्रा के दौरान कांग्रेस नेता निषाद समाज को नदियों में खनन करने का अधिकार देने की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि एनजीटी की गाइडलाइन के बहाने नाविक समाज का उत्पीड़न किया जा रहा है, जबकि बड़े-बड़े माफिया को खनन की छूट दी गई है. यात्रा के जरिए नाविकों को नदी में खनन के साथ ही मत्स्य पालन की छूट देने की मांग की जाएगी.

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