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प्रयागराज: धान की फसलों को नष्ट कर रहा कंडो रोग, अन्नदाता परेशान - धान की फसल में लग रहा कंडो रोग

प्रयागराज के करछना क्षेत्र में कई बिघे में किसान घान की फसल कड़ी मेहनत कर उगाए हैं, जिन्हें कंडो नामक रोग प्रभावित कर रहा है. फसले नष्ट होने से क्षेत्र के किसान काफी मायूस हैं. किसानों ने महंगे दामों में नई बीज खरीद कर धान की रोपाई की थी.

कंडो रोग से खेत में बर्बाद हो रही धान की फसल.
कंडो रोग से बर्बाद हो रही धान की फसल.
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Published : Oct 25, 2020, 5:20 PM IST

प्रयागराज: करोना काल में परेशान करछना क्षेत्र के अन्नदाताओं ने अच्छी फसल की उम्मीद में दलहनी फसलों के साथ-साथ धान की रोपाई भी बड़े पैमाने पर कर रखी थी. पहले मौसम की मार से दलहनी फसलें खराब हो गईं, वहीं अब खेतों में तैयार हो रही धान की फसलें भी कंडो रोग से प्रभावित होने की कगार पर हैं. जिससे अन्नदाता काफी परेशान हैं.

कंडो रोग के चलते धान की फसल को कीड़े चट कर रहे हैं. इस वर्ष लगातार बारिश होने के चलते धान की फसलें अच्छी हो रही हैं. धान की फसल को देखकर अन्नदाता के चेहरों पर खुशी दिख रही थी. लेकिन कंडो रोग लगने के कारण दाने पाउडर बनकर नष्ट हो रहे हैं. फसलों की इस तरह से बर्बादी देख अन्नदाता के चेहरे पर मायूसी छा गई है. बता दें कि करछना छेत्र की लगभग 30 प्रतिशत से अधिक धान की फसल कंडो रोग से बर्बाद हो रही है.

चिंता का विषय तो यह है कि इन पर दवाओं के छिड़काव का भी असर नहीं पड़ रहा है. महंगे खाद बीज व रोग निरोधी दवा अपनाने के बाद भी अन्नदाता की फसल सुरक्षित नहीं है. अन्नदाता इस बात से चिंतित है कि नई बीज खरीद कर धान की रोपाई की थी, लेकिन कंडो रोग से इसके भी दाम मिल पाने के आसार नहीं दिख रहे.

धान की बालियों में दाने की जगह निकल रहा है पाउडर

धान के पौधे में दाने की बजाए पाउडर निकलते देख किसानों की चिंताएं बढ़ गई हैं, जो पूरे खेत की फसल को खराब कर रहा है. इस बीमारी के फैलने से किसान बर्बाद हो रहे हैं. धान के पौधे में जो स्थिति है उसे कृषि वैज्ञानिक कंडो रोग बता रहे हैं. जिसका जबरजस्त प्रकोप इन दिनों यमुनापार के करछना क्षेत्र में देखा जा रहा है. फसलों में लगी इस बीमारी से ऐसा प्रतित हो रहा है कि किसानों के हाथ में धान के एक दाने भी नहीं आने वाले हैं. धान में लगने वाला यह रोग पहले दाने को पाउडर बनाता है और फिर पौधे में इसका प्रकोप फैलाता है.

प्रयागराज: करोना काल में परेशान करछना क्षेत्र के अन्नदाताओं ने अच्छी फसल की उम्मीद में दलहनी फसलों के साथ-साथ धान की रोपाई भी बड़े पैमाने पर कर रखी थी. पहले मौसम की मार से दलहनी फसलें खराब हो गईं, वहीं अब खेतों में तैयार हो रही धान की फसलें भी कंडो रोग से प्रभावित होने की कगार पर हैं. जिससे अन्नदाता काफी परेशान हैं.

कंडो रोग के चलते धान की फसल को कीड़े चट कर रहे हैं. इस वर्ष लगातार बारिश होने के चलते धान की फसलें अच्छी हो रही हैं. धान की फसल को देखकर अन्नदाता के चेहरों पर खुशी दिख रही थी. लेकिन कंडो रोग लगने के कारण दाने पाउडर बनकर नष्ट हो रहे हैं. फसलों की इस तरह से बर्बादी देख अन्नदाता के चेहरे पर मायूसी छा गई है. बता दें कि करछना छेत्र की लगभग 30 प्रतिशत से अधिक धान की फसल कंडो रोग से बर्बाद हो रही है.

चिंता का विषय तो यह है कि इन पर दवाओं के छिड़काव का भी असर नहीं पड़ रहा है. महंगे खाद बीज व रोग निरोधी दवा अपनाने के बाद भी अन्नदाता की फसल सुरक्षित नहीं है. अन्नदाता इस बात से चिंतित है कि नई बीज खरीद कर धान की रोपाई की थी, लेकिन कंडो रोग से इसके भी दाम मिल पाने के आसार नहीं दिख रहे.

धान की बालियों में दाने की जगह निकल रहा है पाउडर

धान के पौधे में दाने की बजाए पाउडर निकलते देख किसानों की चिंताएं बढ़ गई हैं, जो पूरे खेत की फसल को खराब कर रहा है. इस बीमारी के फैलने से किसान बर्बाद हो रहे हैं. धान के पौधे में जो स्थिति है उसे कृषि वैज्ञानिक कंडो रोग बता रहे हैं. जिसका जबरजस्त प्रकोप इन दिनों यमुनापार के करछना क्षेत्र में देखा जा रहा है. फसलों में लगी इस बीमारी से ऐसा प्रतित हो रहा है कि किसानों के हाथ में धान के एक दाने भी नहीं आने वाले हैं. धान में लगने वाला यह रोग पहले दाने को पाउडर बनाता है और फिर पौधे में इसका प्रकोप फैलाता है.

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