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प्रयागराज: इमाम हुसैन का चेहल्लुम 8 अक्टूबर को, शहर काजी ने किया एलान - चेहल्लुम 8 अक्टूबर को

प्रयागराज में माहे मोहर्रम की 29 तारीख को सफर उल मुरज्जब के चांद की तसदीक न होने से इमाम हुसैन के चेहल्लुम को लेकर भ्रम था. लेकिन अब यह भ्रम खत्म हो गया. सोमवार को शहर काजी ने एलान किया कि, हजरत इमाम हुसैन का चेहल्लुम 8 अक्टूबर जुमेरात को मनाया जाएगा.

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चेहलूम का एलान
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Published : Oct 6, 2020, 3:22 PM IST

प्रयागराजः शहर काजी मुफ्ती शफीक अहमद शरीफी ने प्रेस नोट के जरिए सोमवार को अपनी कौम को चेहल्लुम की तारीख का ऐलान किया. वहीं उम्मुल बनीन सोसाइटी के महासचिव अस्करी ने ओलमाओं के हवाले से बताया की शिया समुदाय में पहले ही चांद की तसदीक हो गई थी और हजरत इमाम हुसैन के चेहल्लुम से पहले दस दिवसीय अशरा शुरु हो चुका है. घरों और अजाखानों में मजलिसें हो रही हैं.

उधर, सरकार और जिला प्रशासन की तरफ से चेहल्लुम के जुलूस को लेकर कोई गाइड लाइन नहीं आने से भ्रम बना हुआ है. चेहल्लुम जुलूस इन्तेजामिया कमेटी की ओर से अभी यही फैसला हुआ है. परमिशन न मिलने की स्थिति में चेहल्लुम में शामिल अलम, ताबूत, ज़ुलजनाह, ताज़िया, आबिदे बीमार का बिस्तर, हज़रत अली असग़र का झूला समेत सभी शबीहों को फूलों से सजा कर इमामबाड़े में रखा जाएगा.

इमामबाड़े के अन्दर सोशल डिस्टेन्सिंग के साथ मास्क लगा कर लोगों का प्रवेश कराया जायगा. यहां लोग जियारत करने के उपरान्त इमामबाड़े से बाहर निकल जाएंगे. इमामबाड़े मे मजलिस होगी और वहीं पर मातमी अन्जुमने नौहा और मातम का नजराना पेश करेंगी.

प्रयागराजः शहर काजी मुफ्ती शफीक अहमद शरीफी ने प्रेस नोट के जरिए सोमवार को अपनी कौम को चेहल्लुम की तारीख का ऐलान किया. वहीं उम्मुल बनीन सोसाइटी के महासचिव अस्करी ने ओलमाओं के हवाले से बताया की शिया समुदाय में पहले ही चांद की तसदीक हो गई थी और हजरत इमाम हुसैन के चेहल्लुम से पहले दस दिवसीय अशरा शुरु हो चुका है. घरों और अजाखानों में मजलिसें हो रही हैं.

उधर, सरकार और जिला प्रशासन की तरफ से चेहल्लुम के जुलूस को लेकर कोई गाइड लाइन नहीं आने से भ्रम बना हुआ है. चेहल्लुम जुलूस इन्तेजामिया कमेटी की ओर से अभी यही फैसला हुआ है. परमिशन न मिलने की स्थिति में चेहल्लुम में शामिल अलम, ताबूत, ज़ुलजनाह, ताज़िया, आबिदे बीमार का बिस्तर, हज़रत अली असग़र का झूला समेत सभी शबीहों को फूलों से सजा कर इमामबाड़े में रखा जाएगा.

इमामबाड़े के अन्दर सोशल डिस्टेन्सिंग के साथ मास्क लगा कर लोगों का प्रवेश कराया जायगा. यहां लोग जियारत करने के उपरान्त इमामबाड़े से बाहर निकल जाएंगे. इमामबाड़े मे मजलिस होगी और वहीं पर मातमी अन्जुमने नौहा और मातम का नजराना पेश करेंगी.

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