प्रयागराज: ग्राम प्रधानों का कार्यकाल जहां 25 दिसंबर से समाप्त कर दिया गया है, वहीं ग्राम सभाओं में बनी कान्हा गोशालाओं का हाल प्रधानों के कार्यकाल समाप्त होने के बाद से ही बदतर स्थिति में पहुंच गया. पहले ग्राम प्रधानों की मनमानियां चला करती थी, वहीं अब कान्हा गोशालाओं में एडीओ पंचायत और ग्राम विकास अधिकारी की लापरवाही का खामियाजा गौंवंशोंं को भुगतना पड़ रहा है. कुछ इसी प्रकार का हाल इस समय कौंधियारा विकास खंड के तहत बनी कान्हां गोशाला देवरा और नौगवा का है.
इन गोशालाओं में रहने वाले गोवंश चारे और इलाज के अभाव में तड़प कर मर रहे हैं. वहीं गोशाला में काम करने वाले कर्मचारी मरे हुए गोवंशों को गोशाला के अंदर ही पुवालों में छिपा कर दबा दे रहे हैं और गांव में घूम रहे अन्य गोवंशों को पकड़ कर के गोशाला में बांधकर गोशाला में रहने वाले गोवंशों की संख्या को पूर्ण बता रहे हैं.
नौगवा गांव के ही रहने वाले एक व्यक्ति ने नाम न उजागर करने की शर्त पर बताया की नौगवा गोशाला में अबतक सैकड़ों की संख्या में गौवंश मर चुके हैं, जिनका रिकॉर्ड किसी भी रजिस्टर या गोशाला के अभिलेखों में दर्ज नहीं किया गया है. वहीं मरे हुए गोवंश को की संख्या पूर्ति करने के लिए पहले ग्राम प्रधान और अब एडीओ पंचायत व ग्राम विकास अधिकारी की शह पर बाहर से आवारा पशुओं को पकड़कर गोशाला में बांधकर मरे हुए पशुओं की संख्या को बराबर कर दिया जाता है.
नौगवां गौशाला में ही काम करने वाली कल्लन देवी के ने बताया गया कि गोशाला में कई मवेशी बीमार हैं और तीन मवेशी मर चुके हैं, जिन्हें पुआल में दबाकर रखा गया है, जिसका ख्याल न ही एडीओ पंचायत कौंधियारा को है और न ही ग्राम विकास अधिकारी को है. कागजों पर गौशाला में रहने वाले गौवंश के लिए भूसा, चुनी, चोकर, हरा चारा खिला कर के स्वास्थ्य बता रहे हैं. वहीं पशु चिकित्सा आधिकारी कौंधियारा डॉक्टर आरडी राम भी कागजों पर ही गौशालाओं में रहने वाले गौवंशो का इलाज करने में महारत हासिल किए हुए हैं. गौशाला में रहने वाले गौवंश के बिगड़ते स्वास्थ्य के बारे में उनसे जानकारी लेने के लिए कई बार पशु चिकित्सालय कौंधियारा में पहुंचने पर भी वह अस्पताल से नदारद ही दिखे.
गौशालाओं की बद से बदतर स्थिति के बारे में जब खंड विकास अधिकारी कौधियारा और एडीओ पंचायत से पूछा गया तो उनके द्वारा केवल इतना ही जवाब दिया गया कि गौशालाओं की स्थित सही है. कुछ मवेशी बीमार हैं, जिनका इलाज हो रहा है. गोशाला में मरे हुए मवेशियों के बारे में उन्होंने कुछ नहीं कहा.