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कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने 10 दिवसीय उद्यमिता कार्यशाला का किया समापन - कार्यशाला का समापन

प्रयागराज में कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने झलवा के सीपी पब्लिक स्कूल में पहुंचकर फूड प्रोसेसिंग के 10 दिवसीय उद्यमिता कार्यशाला का समापन किया.

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कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने फूड प्रोसेसिंग के 10 दिवसीय उद्यमिता कार्यशाला का किया समापन.
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Published : Oct 13, 2020, 10:34 AM IST

प्रयागराज : उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह सोमवार को संगमनगरी पहुंचे. जहां कैबिनेट मंत्री ने झलवा के सीपी पब्लिक स्कूल में पहुंचकर फूड प्रोसेसिंग के 10 दिवसीय उद्यमिता कार्यशाला का समापन किया. कार्यक्रम के दौरान इस क्षेत्र में सराहनीय कार्य करने वाली महिलाओं को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया.

दरअसल धूमनगंज थाना क्षेत्र के झलवा के सीपी गौतम आईटीआई कॉलेज में 10 दिवसीय उद्यमिता कार्यशाला का आयोजन किया गया था. सोमवार को उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कार्यशाला का समापन किया. बता दें कि कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह शहर पश्चिमी से वर्तमान विधायक भी हैं.

उद्यमिता कार्यशाला के समापन के दौरान सिद्धार्थ नाथ ने कहा कि युवाओं को नई तकनीकी और नीति से लगातार उद्यमों को कैसे बढ़ाना चाहिए, उसका आगे कैसे विकास करना चाहिए, इसकी जानकारी इस कार्यशाला में बखूबी दिया गया है. उन्होंने कहा कि उम्मीद है की कार्यशाला से मिली जानकारी उनको आगे ले जाने में मददगार होगी. मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि शहर पश्चिमी गांव की बस्तियों में बहुत पुराने समय से बड़ी संख्या में महिलाएं फूड प्रोसेसिंग से जुड़े उत्पाद बनाते रही हैं. हस्त शिल्पियों के काम में लगी हुई महिलाओं को तकनीकी उन्नयन, विपणन, कच्चे माल की व्यवस्था, मानक आदि में पारंगत कराते हुए प्रयागराज के शहर पश्चिमी के गांव को राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर फूड प्रोसेसिंग से निर्मित सामग्रियों लिए स्थापित किया जाएगा. जो प्रयागराज की बाजारों में सिंघाड़ा, आम, लहसुन, अदरक, जैम, टमाटर, बिस्कुट, ब्रेड, नान बिस्कुट, पेस्टीज आदि होंगे. उन्होंने कहा कि इसके साथ ही अचार बनाने वाली बड़ी कंपनियों के साथ महिलाओं के परम्परागत व्यवसाय को बढ़ावा दिया जाएगा. ताकि महिलाओं को रोजगार मिले और वो आत्मनिर्भर बन सकें. इससे आय और रोजगार को बढ़ावा मिलने पर महिलाओं के व्यक्तित्व में निखार आएगा. मंत्री ने कहा कि ऐसी कार्यशालाओं से महिलाओं में ज्ञान, तकनीकी दक्षता, कौशल विकास, व्यापार, व्यवसाय और मानसिक, नैतिक, उत्कर्ष का ज्ञान के साथ भारतीय संस्कृति और हस्तशिल्प से महिला समाज के आधारभूत नियमों, व्यवस्थाओं, समाज के प्रतिमानों और मूल्यों का ज्ञान होता है. फूड प्रोसेसिंग शिक्षा महिलाओं के मन, आत्मा का सर्वांगीण एवं सर्वोत्कृष्ट विकास करती हैं.

कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने महिलाओं द्वारा बनाएं गए आचार, चटनी, बेकरी, पेस्टीज आदि सामग्रियों के नमूने को ध्यान से देखा. जिसके बाद उन्होंने उनको और अधिक कुशलता से आधुनिक मांग के अनुसार कार्य में तेजी लाने के लिए प्रेरित किया. मंत्री ने कहा कि हम कामन फैसलटीज सेन्टर की स्थापना करेंगे. उसमें समूह को उसका ओनर बना देंगे, जिसमें दो करोड़ का प्लांट लगेगा और समूह को एक रुपए नहीं लगाना पड़ेगा. कैबिनेट मंत्री ने कहा कि बड़ी कंपनियों के साथ टाईअप के साथ पारले जी, ब्रिटानिया आदि से जोड़कर उनकी गुणवत्ता का प्रशिक्षण कराकर बहनों के जीवन को समृद्ध करेंगे.

प्रयागराज : उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह सोमवार को संगमनगरी पहुंचे. जहां कैबिनेट मंत्री ने झलवा के सीपी पब्लिक स्कूल में पहुंचकर फूड प्रोसेसिंग के 10 दिवसीय उद्यमिता कार्यशाला का समापन किया. कार्यक्रम के दौरान इस क्षेत्र में सराहनीय कार्य करने वाली महिलाओं को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया.

दरअसल धूमनगंज थाना क्षेत्र के झलवा के सीपी गौतम आईटीआई कॉलेज में 10 दिवसीय उद्यमिता कार्यशाला का आयोजन किया गया था. सोमवार को उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कार्यशाला का समापन किया. बता दें कि कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह शहर पश्चिमी से वर्तमान विधायक भी हैं.

उद्यमिता कार्यशाला के समापन के दौरान सिद्धार्थ नाथ ने कहा कि युवाओं को नई तकनीकी और नीति से लगातार उद्यमों को कैसे बढ़ाना चाहिए, उसका आगे कैसे विकास करना चाहिए, इसकी जानकारी इस कार्यशाला में बखूबी दिया गया है. उन्होंने कहा कि उम्मीद है की कार्यशाला से मिली जानकारी उनको आगे ले जाने में मददगार होगी. मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि शहर पश्चिमी गांव की बस्तियों में बहुत पुराने समय से बड़ी संख्या में महिलाएं फूड प्रोसेसिंग से जुड़े उत्पाद बनाते रही हैं. हस्त शिल्पियों के काम में लगी हुई महिलाओं को तकनीकी उन्नयन, विपणन, कच्चे माल की व्यवस्था, मानक आदि में पारंगत कराते हुए प्रयागराज के शहर पश्चिमी के गांव को राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर फूड प्रोसेसिंग से निर्मित सामग्रियों लिए स्थापित किया जाएगा. जो प्रयागराज की बाजारों में सिंघाड़ा, आम, लहसुन, अदरक, जैम, टमाटर, बिस्कुट, ब्रेड, नान बिस्कुट, पेस्टीज आदि होंगे. उन्होंने कहा कि इसके साथ ही अचार बनाने वाली बड़ी कंपनियों के साथ महिलाओं के परम्परागत व्यवसाय को बढ़ावा दिया जाएगा. ताकि महिलाओं को रोजगार मिले और वो आत्मनिर्भर बन सकें. इससे आय और रोजगार को बढ़ावा मिलने पर महिलाओं के व्यक्तित्व में निखार आएगा. मंत्री ने कहा कि ऐसी कार्यशालाओं से महिलाओं में ज्ञान, तकनीकी दक्षता, कौशल विकास, व्यापार, व्यवसाय और मानसिक, नैतिक, उत्कर्ष का ज्ञान के साथ भारतीय संस्कृति और हस्तशिल्प से महिला समाज के आधारभूत नियमों, व्यवस्थाओं, समाज के प्रतिमानों और मूल्यों का ज्ञान होता है. फूड प्रोसेसिंग शिक्षा महिलाओं के मन, आत्मा का सर्वांगीण एवं सर्वोत्कृष्ट विकास करती हैं.

कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने महिलाओं द्वारा बनाएं गए आचार, चटनी, बेकरी, पेस्टीज आदि सामग्रियों के नमूने को ध्यान से देखा. जिसके बाद उन्होंने उनको और अधिक कुशलता से आधुनिक मांग के अनुसार कार्य में तेजी लाने के लिए प्रेरित किया. मंत्री ने कहा कि हम कामन फैसलटीज सेन्टर की स्थापना करेंगे. उसमें समूह को उसका ओनर बना देंगे, जिसमें दो करोड़ का प्लांट लगेगा और समूह को एक रुपए नहीं लगाना पड़ेगा. कैबिनेट मंत्री ने कहा कि बड़ी कंपनियों के साथ टाईअप के साथ पारले जी, ब्रिटानिया आदि से जोड़कर उनकी गुणवत्ता का प्रशिक्षण कराकर बहनों के जीवन को समृद्ध करेंगे.

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