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मुख्तार के शूटर जीवा की पत्नी को बड़ा झटका, सुरक्षा की मांग को लेकर दाखिल याचिका खारिज - इलाहाबाद हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुख्तार के शूटर जीवा ( Jeeva wife security seeking plea rejected) की पत्नी की सुरक्षा की मांग वाली याचिका खारिज कर दी है. शूटर की पत्नी गैंगस्टर एक्ट की आरोपी है.

मुख्तार के शूटर जीवा की पत्नी को बड़ा झटका
मुख्तार के शूटर जीवा की पत्नी को बड़ा झटका
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Published : Jul 4, 2023, 10:02 PM IST

प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुख्तार अंसारी गैंग के शूटर संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा की पत्नी की सुरक्षा की मांग वाली याचिका खारिज कर दी है. यह आदेश न्यायमूर्ति अंजनी कुमार मिश्र एवं न्यायमूर्ति विवेक कुमार सिंह की खंडपीठ ने दिया. जीवा की पत्नी पायल माहेश्वरी की ओर से दाखिल याचिका पर उसके अधिवक्ता और शासकीय अधिवक्ता आशुतोष कुमार संड को सुनने के बाद याचिका को औचित्यहीन करार दिया गया.

आठ जून को हुई थी जीवा की हत्या : जीवा की हत्या के पूर्व दाखिल इस याचिका पर सोमवार को सुनवाई के दौरान शासकीय अधिवक्ता आशुतोष कुमार संड ने कोर्ट को बताया कि संजीव उर्फ जीवा की आठ जून की लखनऊ जिला न्यायालय के कोर्ट रूम में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. सरकार ने इस हत्याकांड की जांच के लिए एसआईटी गठित की. वह जांच कर रही है. इसके अलावा गैंगस्टर एक्ट की आरोपी याची पायल माहेश्वरी ने पति की हत्या के बाद गिरफ्तारी से बचने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. इस पर कोर्ट ने उसे गिरफ्तार नहीं करने को कहा था. हालांकि इस निर्देश के बाद भी याची अपने पति के अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हुई.

जीवा के खिलाफ दर्ज थे 24 मुकदमे : गौरतलब है कि वर्ष 1991 में मारपीट व हत्या की धमकी से अपराध की शुरुआत करने वाले जीवा के खिलाफ 24 मामले दर्ज हुए थे लेकिन उसे सजा केवल पूर्व मंत्री ब्रह्मदत्त द्विवेदी की हत्या के मामले में हुई. एक मुकदमे में विवेचना और दो में गवाही रही थी. भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या समेत कत्ल के 5 मामलों में वह दोषमुक्त हो गया था. अपहरण, लूट, डकैती व रंगदारी के 12 मामलों में भी जीवा के खिलाफ कोर्ट में अपराध साबित नहीं हो सका था.

यह भी पढ़ें : अतीक-अशरफ हत्याकांड की जांच करने फिर पहुंची न्यायिक जांच आयोग की टीम

प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुख्तार अंसारी गैंग के शूटर संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा की पत्नी की सुरक्षा की मांग वाली याचिका खारिज कर दी है. यह आदेश न्यायमूर्ति अंजनी कुमार मिश्र एवं न्यायमूर्ति विवेक कुमार सिंह की खंडपीठ ने दिया. जीवा की पत्नी पायल माहेश्वरी की ओर से दाखिल याचिका पर उसके अधिवक्ता और शासकीय अधिवक्ता आशुतोष कुमार संड को सुनने के बाद याचिका को औचित्यहीन करार दिया गया.

आठ जून को हुई थी जीवा की हत्या : जीवा की हत्या के पूर्व दाखिल इस याचिका पर सोमवार को सुनवाई के दौरान शासकीय अधिवक्ता आशुतोष कुमार संड ने कोर्ट को बताया कि संजीव उर्फ जीवा की आठ जून की लखनऊ जिला न्यायालय के कोर्ट रूम में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. सरकार ने इस हत्याकांड की जांच के लिए एसआईटी गठित की. वह जांच कर रही है. इसके अलावा गैंगस्टर एक्ट की आरोपी याची पायल माहेश्वरी ने पति की हत्या के बाद गिरफ्तारी से बचने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. इस पर कोर्ट ने उसे गिरफ्तार नहीं करने को कहा था. हालांकि इस निर्देश के बाद भी याची अपने पति के अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हुई.

जीवा के खिलाफ दर्ज थे 24 मुकदमे : गौरतलब है कि वर्ष 1991 में मारपीट व हत्या की धमकी से अपराध की शुरुआत करने वाले जीवा के खिलाफ 24 मामले दर्ज हुए थे लेकिन उसे सजा केवल पूर्व मंत्री ब्रह्मदत्त द्विवेदी की हत्या के मामले में हुई. एक मुकदमे में विवेचना और दो में गवाही रही थी. भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या समेत कत्ल के 5 मामलों में वह दोषमुक्त हो गया था. अपहरण, लूट, डकैती व रंगदारी के 12 मामलों में भी जीवा के खिलाफ कोर्ट में अपराध साबित नहीं हो सका था.

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