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अब बचत योजना की जगह अधिवक्ता निधि योजना

हाईकोर्ट बार एसोसिएशन (High Court Bar Association) द्वारा फोटो एफिडेविट के साथ 70 रुपये की जगह 500 रुपये लिए जाने के आदेश पर हाई कोर्ट द्वारा रोक लगा देने के बाद बार एसोसिएशन ने अपनी योजना बदल दी है.

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Published : Nov 21, 2022, 9:51 PM IST

अब बचत योजना की जगह अधिवक्ता निधि योजना
अब बचत योजना की जगह अधिवक्ता निधि योजना

प्रयागराज: हाईकोर्ट बार एसोसिएशन (High Court Bar Association) द्वारा फोटो एफिडेविट के साथ 70 रुपये की जगह 500 रुपये लिए जाने के आदेश पर हाई कोर्ट द्वारा रोक लगा देने के बाद बार एसोसिएशन ने अपनी योजना बदल दी है. तय किया गया है कि फोटो एफिडेविट के लिए तो हाई कोर्ट रूल्स और हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार 70 रुपये ही लिए जाएंगे मगर हर अधिवक्ता को अपने एफिडेविट के साथ 430 रुपये अलग से देने होंगे जो कि अधिवक्ता निधि के नाम से खोले गए खाते में जमा होंगे. बाद में यह रकम अधिवक्ता के बैंक खाते में ट्रांसफर कर दी जाएगी. सभी अधिवक्ताओं को अपना बैंक डिटेल निर्धारित प्रोफार्मा पर 30 नवंबर तक बार के कार्यालय में जमा करने के लिए कहा गया है.

इस संबंध में रविवार को हाईकोर्ट बार एसोसिएशन कार्यकारिणी की एक बैठक हुई. बैठक में हाईकोर्ट के आदेश को देखते हुए फोटो एफिडेविट के साथ 500 लिए जाने के निर्णय को वापस ले लिया गया. तय किया गया कि फोटो एफिडेविट के लिए अब 70रुपये ही लिए जाएंगे, मगर इसके अलावा हर अधिवक्ता को प्रत्येक एफिडेविट के साथ 430 रुपये देने होंगे जो कि बाद में उसके बैंक खाते में ट्रांसफर कर दिया जाएगा.

अभी निर्णय लिया गया कि बार एसोसिएशन द्वारा बाई लॉज़ में प्रस्तावित संशोधन को मंजूरी देने के लिए जनमत संग्रह कराया जाएगा. अधिवक्ता वशिष्ठ तिवारी को जनमत संग्रह समिति का चेयरमैन नियुक्त किया गया है व अन्य अन्य सदस्यों का चुनाव करेंगे. जनमत संग्रह 23 व 24 नवंबर को किया जाएगा. इसी क्रम में बार एसोसिएशन ने सदस्यता शुल्क जमा करने की अंतिम तिथि 21 नवंबर से बढ़ाकर 30 नवंबर कर दी है. बैठक की अध्यक्षता बार एसोसिएशन के अध्यक्ष राधाकांत ओझा ने व संचालन महासचिव एचडी सिंह जादौन ने किया. इसमें संयुक्त सचिव प्रेस आशुतोष तिवारी के अलावा बार कार्यकारिणी के सभी पदाधिकारी व सदस्य मौजूद थे.

ये भी पढ़ेंः निरहुआ बोले- आजमगढ़ वाले मनबढ़, इसलिए पिछड़े, कई संगठन विरोध में उतरे

प्रयागराज: हाईकोर्ट बार एसोसिएशन (High Court Bar Association) द्वारा फोटो एफिडेविट के साथ 70 रुपये की जगह 500 रुपये लिए जाने के आदेश पर हाई कोर्ट द्वारा रोक लगा देने के बाद बार एसोसिएशन ने अपनी योजना बदल दी है. तय किया गया है कि फोटो एफिडेविट के लिए तो हाई कोर्ट रूल्स और हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार 70 रुपये ही लिए जाएंगे मगर हर अधिवक्ता को अपने एफिडेविट के साथ 430 रुपये अलग से देने होंगे जो कि अधिवक्ता निधि के नाम से खोले गए खाते में जमा होंगे. बाद में यह रकम अधिवक्ता के बैंक खाते में ट्रांसफर कर दी जाएगी. सभी अधिवक्ताओं को अपना बैंक डिटेल निर्धारित प्रोफार्मा पर 30 नवंबर तक बार के कार्यालय में जमा करने के लिए कहा गया है.

इस संबंध में रविवार को हाईकोर्ट बार एसोसिएशन कार्यकारिणी की एक बैठक हुई. बैठक में हाईकोर्ट के आदेश को देखते हुए फोटो एफिडेविट के साथ 500 लिए जाने के निर्णय को वापस ले लिया गया. तय किया गया कि फोटो एफिडेविट के लिए अब 70रुपये ही लिए जाएंगे, मगर इसके अलावा हर अधिवक्ता को प्रत्येक एफिडेविट के साथ 430 रुपये देने होंगे जो कि बाद में उसके बैंक खाते में ट्रांसफर कर दिया जाएगा.

अभी निर्णय लिया गया कि बार एसोसिएशन द्वारा बाई लॉज़ में प्रस्तावित संशोधन को मंजूरी देने के लिए जनमत संग्रह कराया जाएगा. अधिवक्ता वशिष्ठ तिवारी को जनमत संग्रह समिति का चेयरमैन नियुक्त किया गया है व अन्य अन्य सदस्यों का चुनाव करेंगे. जनमत संग्रह 23 व 24 नवंबर को किया जाएगा. इसी क्रम में बार एसोसिएशन ने सदस्यता शुल्क जमा करने की अंतिम तिथि 21 नवंबर से बढ़ाकर 30 नवंबर कर दी है. बैठक की अध्यक्षता बार एसोसिएशन के अध्यक्ष राधाकांत ओझा ने व संचालन महासचिव एचडी सिंह जादौन ने किया. इसमें संयुक्त सचिव प्रेस आशुतोष तिवारी के अलावा बार कार्यकारिणी के सभी पदाधिकारी व सदस्य मौजूद थे.

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