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2018 पुलिस भर्ती: हाईकोर्ट ने नियुक्ति पत्र देने का दिया आदेश

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 2018 की पुलिस भर्ती में शारीरिक दक्षता परीक्षा और मेडिकल बोर्ड से सफल और चयनित अभ्यर्थी को दोबारा मेडिकल बोर्ड की जांच में अनुपयुक्त घोषित करने के आदेश को रद्द कर दिया गया.

इलाहाबाद हाईकोर्ट.
इलाहाबाद हाईकोर्ट.
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Published : Dec 21, 2020, 8:28 PM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि पुलिस भर्ती में नियमों के मानक के अनुसार ली गई शारीरिक दक्षता परीक्षा और मेडिकल बोर्ड से जांच के बाद चयनित अभ्यर्थी को दोबारा मेडिकल बोर्ड की जांच में अनुपयुक्त नहीं ठहराया जा सकता. इसी के साथ कोर्ट में 2018 की पुलिस भर्ती में शारीरिक दक्षता परीक्षा और मेडिकल बोर्ड से सफल और चयनित अभ्यर्थी को दोबारा मेडिकल बोर्ड की जांच में अनुपयुक्त घोषित करने के आदेश को रद्द कर दिया गया. हाईकोर्ट ने नियुक्ति पत्र जारी करने का आदेश दिया है. यह आदेश न्यायमूर्ति अजित कुमार ने मथुरा के धर्मराज की याचिका पर दिया है. याचिका पर अधिवक्ता डीसी द्विवेदी ने बहस की थी.

याची अधिवक्ता डीसी द्विवेदी का कहना था कि शारीरिक दक्षता परीक्षा और मेडिकल बोर्ड से जांच के बाद याची को चयनित किया गया. उसे प्रशिक्षण पर भेजने के बजाय दोबारा मेडिकल बोर्ड की जांच में अनुपयुक्त करार दे दिया गया. ऐसे ही एक केस में हाईकोर्ट ने दोबारा जांच को रद्द कर दिया है. कोर्ट ने नियमों के तहत जांच में उपयुक्त घोषित होने के बाद दोबारा जांच में लंबाई कम होने और सीने में फैलाव कम होने की रिपोर्ट पर नियुक्ति न देने को गलत करार दिया. याची की भी समान स्थिति है. इस पर कोर्ट ने दोबारा जांच रिपोर्ट को रद्द कर दिया है और नियुक्ति का आदेश दिया है.

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि पुलिस भर्ती में नियमों के मानक के अनुसार ली गई शारीरिक दक्षता परीक्षा और मेडिकल बोर्ड से जांच के बाद चयनित अभ्यर्थी को दोबारा मेडिकल बोर्ड की जांच में अनुपयुक्त नहीं ठहराया जा सकता. इसी के साथ कोर्ट में 2018 की पुलिस भर्ती में शारीरिक दक्षता परीक्षा और मेडिकल बोर्ड से सफल और चयनित अभ्यर्थी को दोबारा मेडिकल बोर्ड की जांच में अनुपयुक्त घोषित करने के आदेश को रद्द कर दिया गया. हाईकोर्ट ने नियुक्ति पत्र जारी करने का आदेश दिया है. यह आदेश न्यायमूर्ति अजित कुमार ने मथुरा के धर्मराज की याचिका पर दिया है. याचिका पर अधिवक्ता डीसी द्विवेदी ने बहस की थी.

याची अधिवक्ता डीसी द्विवेदी का कहना था कि शारीरिक दक्षता परीक्षा और मेडिकल बोर्ड से जांच के बाद याची को चयनित किया गया. उसे प्रशिक्षण पर भेजने के बजाय दोबारा मेडिकल बोर्ड की जांच में अनुपयुक्त करार दे दिया गया. ऐसे ही एक केस में हाईकोर्ट ने दोबारा जांच को रद्द कर दिया है. कोर्ट ने नियमों के तहत जांच में उपयुक्त घोषित होने के बाद दोबारा जांच में लंबाई कम होने और सीने में फैलाव कम होने की रिपोर्ट पर नियुक्ति न देने को गलत करार दिया. याची की भी समान स्थिति है. इस पर कोर्ट ने दोबारा जांच रिपोर्ट को रद्द कर दिया है और नियुक्ति का आदेश दिया है.

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