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सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य प्रशांत त्रिवेदी को अवमानना नोटिस - सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य प्रशांत त्रिवेदी

यह आदेश न्यायमूर्ति सुनीत कुमार ने वाराणसी में राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सा अधिकारी डॉ. हरेंद्र राय और दो अन्य की याचिका पर दिया है. याचिका पर अधिवक्ता राघवेन्द्र प्रसाद मिश्र ने बहस की.

इलाहाबाद हाईकोर्ट.
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Published : Jul 13, 2021, 4:23 AM IST

प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य प्रशांत त्रिवेदी को अवमानना नोटिस जारी किया है. उन्हें आदेश पालन के लिए एक माह का समय दिया है और कहा है कि प्रथम दृष्टया अवमानना का केस बनता है. यदि आदेश का पालन नहीं किया गया तो कोर्ट बुलाकर अवमानना आरोप निर्मित करेगी.

यह आदेश न्यायमूर्ति सुनीत कुमार ने वाराणसी में राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सा अधिकारी डॉ. हरेंद्र राय व दो अन्य की याचिका पर दिया है. याचिका पर अधिवक्ता राघवेन्द्र प्रसाद मिश्र ने बहस की. उन्होंने कहा कि नियुक्ति से याचीगण की सेवा 28 साल हो गई है. नियमानुसार उन्हें तृतीय एसीपी मिलनी चाहिए. किन्तु उन्हें प्रोन्नति नहीं दी जा रही है.

इसे भी पढ़ें- दारोगा भर्ती में आयु सीमा बढ़ाने की मांग, इलाहाबाद HC में सुनवाई आज

कोर्ट ने सचिव को 1 सितंबर 20 को तीन माह में याची का प्रत्यावेदन निर्णीत करने का निर्देश दिया था. जिसका पालन नहीं किया गया तो दाखिल अवमानना याचिका पर कोर्ट ने आदेश पालन का समय दिया था. फिर भी कुछ न करने पर दुबारा यह अवमानना याचिका दायर की गई है.

प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य प्रशांत त्रिवेदी को अवमानना नोटिस जारी किया है. उन्हें आदेश पालन के लिए एक माह का समय दिया है और कहा है कि प्रथम दृष्टया अवमानना का केस बनता है. यदि आदेश का पालन नहीं किया गया तो कोर्ट बुलाकर अवमानना आरोप निर्मित करेगी.

यह आदेश न्यायमूर्ति सुनीत कुमार ने वाराणसी में राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सा अधिकारी डॉ. हरेंद्र राय व दो अन्य की याचिका पर दिया है. याचिका पर अधिवक्ता राघवेन्द्र प्रसाद मिश्र ने बहस की. उन्होंने कहा कि नियुक्ति से याचीगण की सेवा 28 साल हो गई है. नियमानुसार उन्हें तृतीय एसीपी मिलनी चाहिए. किन्तु उन्हें प्रोन्नति नहीं दी जा रही है.

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कोर्ट ने सचिव को 1 सितंबर 20 को तीन माह में याची का प्रत्यावेदन निर्णीत करने का निर्देश दिया था. जिसका पालन नहीं किया गया तो दाखिल अवमानना याचिका पर कोर्ट ने आदेश पालन का समय दिया था. फिर भी कुछ न करने पर दुबारा यह अवमानना याचिका दायर की गई है.

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