प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नेपाल से लगे सीमावर्ती जिले महाराजगंज के रास्ते एक विदेशी नागरिक के भारत में अवैध रूप से घुसपैठ करने के मामले को गंभीरता से लेते हुए एडीजी गोरखपुर और एसपी महाराजगंज को तलब किया है. कोर्ट ने दोनों अधिकारियों को इस मामले में व्यक्तिगत हलफनामा देकर बताने के लिए कहा है कि इस मामले की जांच के लिए उन्होंने क्या कदम उठाए हैं. इससे पूर्व कोर्ट ने एसपी महाराजगंज द्वारा दाखिल हलफनामे को अस्वीकार करते हुए कहा कि एसपी के हलफनामे में तमाम विषमताएं हैं.
हाईकोर्ट का कहना था कि मामला विदेशी नागरिक से संबंधित है. जो कि भारत में अवैध तरीके से घुसा है. इस स्थिति में एसपी द्वारा दाखिल हलफनामा संतोषजनक नहीं है. कोर्ट ने नोटिस किया कि महाराजगंज बॉर्डर का जिला है. जहां से विदेशी नागरिकों के अवैध घुसपैठ की संभावना हमेशा रहती है. कोर्ट ने कहा कि पिछला अनुभव बताता है कि अवैध घुसपैठियों से राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा पैदा होता है. इसलिए एसपी महाराजगंज का पद बेहद संवेदनशील पद है. कोर्ट ने कहा कि हलफनामे से पता चलता है कि इस मामले में प्रश्नोत्तरी विदेश मंत्रालय और सेंट्रल प्वाइंट फॉरेन ब्यूरो आफ इमीग्रेशन को भेजी गई थी. वहां से कहा गया कि यह जांच एसपी महाराजगंज के कार्यालय से की जाए.
कोर्ट ने कहा कि हालांकि हलफनामे से यह नहीं पता चल रहा है कि उसके बाद एसपी कार्यालय द्वारा कोई कार्रवाई की गई या नहीं. कोर्ट ने कहा कि हलफनामे की अनियमितताओं को देखते हुए लग रहा है कि इस मामले को आवश्यक महत्व नहीं दिया गया है. कोर्ट ने एडीजी को व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल कर विशेष रूप से यह बताने के लिए कहा गया है कि किस प्रकार से याची ने फर्जी वीजा और पासपोर्ट पर भारत में अवैध रूप से प्रवेश किया. कोर्ट ने कहा कि इस संबंध में अन्य कोई महत्वपूर्ण सूचना हो तो वह भी दी जाए. कोर्ट ने कहा कि आम तौर पर अदालत अधिकारियों की व्यस्तता को देखते हुए उनको बुलाना नहीं चाहती है. मगर इस मामले की संवेदनशीलता और पुलिस के तौर तरीके को देखते हुए हम ऐसा कर रहे हैं.
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