प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मथुरा के शाहपुर गांव स्थित बांके बिहारी मंदिर की जमीन की खतौनी में ट्रस्ट का नाम हटाकर मस्जिद का नाम चढ़ाने के विरुद्ध दाखिल याचिका पर राज्य सरकार व वक्फ बोर्ड से जवाब मांगा है. कोर्ट ने कहा कि हलफनामे में खतौनी सहित जमीन की वर्तमान स्थिति भी बताई जाए.
यह आदेश न्यायमूर्ति विक्रम डी चौहान ने श्री बिहारी जी सेवा ट्रस्ट मथुरा की याचिका पर दिया है. याचिका में कहा गया है कि जमींदारी उन्मूलन कानून के पहले से जमीन याची के नाम थी. उस जमीन पर मंदिर भी बना है, लेकिन सपा सरकार में गांव के कुछ लोगों के षड्यंत्र के तहत अधिकारियों की मिलीभगत से उस जमीन पर मजार बनाकर मस्जिद का नाम दर्ज करा लिया. इसकी जानकारी होने पर ट्रस्ट और गांव वालों ने अधिकारियों से शिकायत की.
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इस पर संबंधित अधिकारियों से कई बार रिपोर्ट्स मांगी गई और मस्जिद होने के कारण वक्फ बोर्ड से भी जवाब तलब किया गया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई. याचिका में डीएम मथुरा एवं एसडीएम छाता को याची के प्रार्थना पत्र पर विचार करने का निर्देश देने की मांग की गई है. याची ने यह भी मांग की कि जमीन बांके बिहारी मंदिर की है इसलिए मस्जिद का नाम हटाकर उसे ट्रस्ट के नाम दर्ज किया जाए.
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