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हाईकोर्ट ने बाहुबली मुख्तार अंसारी की सुरक्षा की मांग को लेकर दाखिल याचिका की खारिज

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बाहुबली मुख्तार अंसारी के बेटों उमर अंसारी और अब्बास अंसारी की सुरक्षा की मांग को लेकर दाखिल याचिका खारिज कर दी है.

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Published : Mar 3, 2022, 8:29 PM IST

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इलाहाबाद हाईकोर्ट

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी के बाहुबली मुख्तार अंसारी की सुरक्षा की मांग को लेकर दाखिल याचिका अर्थहीन मानते हुए खारिज कर दी है. कोर्ट ने कहा कि यदि नया वाद कारण उत्पन्न होता है तो दुबारा याचिका दायर करने में यह आदेश आड़े नहीं आएगा. न्यायमूर्ति सुनीता अग्रवाल और न्यायमूर्ति वी के श्रीवास्तव की खंडपीठ में यह आदेश दिया गया है.

दरअसल बाहुबली मुख्तार अंसारी के बेटों उमर अंसारी और अब्बास अंसारी ने अपने पिता की सुरक्षा की मांग को लेकर कोर्ट में एक याचिका दाखिल की थी. याची का कहना था कि बाहुबली एमएलसी बृजेश सिंह और विधायक सुशील सिंह के खिलाफ विशेष अदालत प्रयागराज में पैरवी के लिए आने में उन्हें खतरा है. इसलिए उनकी और उनके गवाहों की सुरक्षा की जाए. इतना ही नहीं महानिदेशक जेल उप्र लखनऊ को निर्देश दिया जाए कि अभियुक्तों और गवाहों की पेशी इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के माध्यम से की जाए.

इसे भी पढ़ेंः इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में छात्रों का हंगामा, पुलिस ने हिरास में लिया

वहीं, याची अधिवक्ता उपेन्द्र उपाध्याय ने याचिका वापस लेने की प्रार्थना की. इसे स्वीकार करते हुए कोर्ट ने याचिका वापस करते हुए खारिज कर दी है. बता दे कि मुख्तार अंसारी के काफिले पर कातिलाना हमले को लेकर आपराधिक केस विशेष अदालत में चल रहा है.

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प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी के बाहुबली मुख्तार अंसारी की सुरक्षा की मांग को लेकर दाखिल याचिका अर्थहीन मानते हुए खारिज कर दी है. कोर्ट ने कहा कि यदि नया वाद कारण उत्पन्न होता है तो दुबारा याचिका दायर करने में यह आदेश आड़े नहीं आएगा. न्यायमूर्ति सुनीता अग्रवाल और न्यायमूर्ति वी के श्रीवास्तव की खंडपीठ में यह आदेश दिया गया है.

दरअसल बाहुबली मुख्तार अंसारी के बेटों उमर अंसारी और अब्बास अंसारी ने अपने पिता की सुरक्षा की मांग को लेकर कोर्ट में एक याचिका दाखिल की थी. याची का कहना था कि बाहुबली एमएलसी बृजेश सिंह और विधायक सुशील सिंह के खिलाफ विशेष अदालत प्रयागराज में पैरवी के लिए आने में उन्हें खतरा है. इसलिए उनकी और उनके गवाहों की सुरक्षा की जाए. इतना ही नहीं महानिदेशक जेल उप्र लखनऊ को निर्देश दिया जाए कि अभियुक्तों और गवाहों की पेशी इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के माध्यम से की जाए.

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वहीं, याची अधिवक्ता उपेन्द्र उपाध्याय ने याचिका वापस लेने की प्रार्थना की. इसे स्वीकार करते हुए कोर्ट ने याचिका वापस करते हुए खारिज कर दी है. बता दे कि मुख्तार अंसारी के काफिले पर कातिलाना हमले को लेकर आपराधिक केस विशेष अदालत में चल रहा है.

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