प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि प्राइवेट एडेड कॉलेजों में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी की नियुक्ति पर रोक का शासनादेश रद्द कर दिया है तो पुराने नियम लागू होंगे. ऐसे में प्रधानाध्यापक द्वारा नियमानुसार नियुक्त कर्मचारी को वेतन पाने का अधिकार है और जिला विद्यालय निरीक्षक वित्तीय अनुमोदन देने के लिए बाध्य हैं.
कोर्ट ने जिला विद्यालय निरीक्षक बस्ती को याची को वित्तीय अनुमोदन देने पर एक माह में निर्णय लेने का निर्देश दिया है. यह आदेश न्यायाधीश जे. जे मुनीर ने देवराज नारंग की याचिका पर दिया है. याची दयानंद इंटर कॉलेज गोविंद नगर वाल्टरगंज, बस्ती में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी पद पर नियुक्त है. याची को डीआईओएस ने यह कहते हुए वित्तीय अनुमोदन देने से इनकार कर दिया कि राज्य सरकार ने 6 जनवरी 2011 के शासनादेश से चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की नियुक्ति पर रोक लगा रखी है. अब इन पदों को आउट सोर्सिंग से भरा जाएगा.
याची अधिवक्ता का कहना था कि यह शासनादेश हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया है और याची की नियुक्ति नियमानुसार प्रक्रिया के तहत की गई है. उसकी नियुक्ति वैध है और वह वेतन पाने का हकदार है. वहीं सरकारी अधिवक्ता का कहना था कि सरकार ने नियुक्ति पर रोक लगाई है. इसलिए अधिकारी वित्तीय अनुमोदन नहीं दे सकते हैं. इस पर कोर्ट ने कहा कि नियुक्ति पर रोक का शासनादेश रद्द कर दिया गया है. इसलिए जिला विद्यालय निरीक्षक वित्तीय अनुमोदन देने से इनकार नहीं कर सकते हैं.