प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उप्र अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UPSSSC) की भर्ती परीक्षा में प्रश्न पुस्तिका जमा न करने वाले अभ्यर्थियों का मूल्यांकन न करने के खिलाफ याचिका पर हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया है। वहीं, एक अन्य मामले में हाईकोर्ट ने डीआईजी कारागार एवं प्रशासन और जेल अधीक्षक जौनपुर को अवमानना नोटिस जारी की है. कोर्ट ने दोनों अधिकारियों को याचिका पर एक माह में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है.
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उप्र अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की भर्ती परीक्षा में प्रश्न पुस्तिका जमा न करने वाले अभ्यर्थियों की ओरएमआर सीट का मूल्यांकन न करने के खिलाफ याचिका पर हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया है. यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा ने मथुरा निवासी के एम नीलम की याचिका को खारिज करते हुए दिया है.
याची ने आयोग की प्रारंभिक परीक्षा दी, लेकिन प्रश्न पुस्तिका जमा नहीं की. आयोग के अधिवक्ता ने बताया कि बिना प्रश्न पुस्तिका जमा किए उत्तर पुस्तिका की जांच नहीं की जा सकती. याची द्वारा आयोग के निर्देशों का पालन न करने के कारण कोर्ट ने हस्तक्षेप करते से इंकार कर दिया.
वहीं, इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल ने प्रभु नारायण सिंह की याचिका पर सुनवाई के बाद आदेश दिया है। न्यायमूर्ति ने डीआईजी कारागार एवं प्रशासन शैलेन्द्र कुमार मैत्रेय और जेल अधीक्षक जौनपुर श्रीकृष्ण पांडेय को अवमानना नोटिस जारी की है. कोर्ट ने दोनों अधिकारियों को याचिका पर एक माह में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने कहा कि जवाब न देने पर तलब कर अवमानना आरोप निर्मित कर कार्यवाही कि जायेगी।
यह भी पढ़ें- लखीमपुर खीरी हिंसा केस: आशीष मिश्रा की रिहाई का रास्ता साफ, हाईकोर्ट का आदेश
याचिका पर अधिवक्ता धनंजय कुमार मिश्र ने इस मामले में बहस की. इनका कहना है कि याची जिला जेल जौनपुर में जेल हेड वार्डर था. विभाग द्वारा गलत वेतन निर्धारण किये जाने पर वसूली कार्रवाई को हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया. कहा विभाग अपनी गलती के लिए बिना जांच किए याची को दोषी नहीं ठहरा सकता. इस आदेश का पालन नहीं किया गया तो यह अवमानना याचिका दायर की गई है.
ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप