ETV Bharat / state

इलाहाबाद विश्वविद्यालय का नाम न बदलने के लिए सपा एमएलसी और छात्रनेताओं ने उठाई आवाज - इलाहाबाद विश्वविद्यालय के नाम में न हो कोई परिवर्तन

इलाहाबाद विश्वविद्यालय का नाम न बदलने के लिए सपा एमएलसी और छात्रनेताओं ने आवाज उठाई है. मानव संसाधन मंत्रालय की तरफ से इलाहाबाद विश्वविद्यालय के नाम परिवर्तन की राय मांगे जाने पर छात्रों ने जमकर विरोध जताया. वहीं सपा एमएलसी ने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर नाम न बदलने की मांग की.

इलाहाबाद विश्वविद्यालय का नाम न बदलने को लेकर लिखा पत्र
इलाहाबाद विश्वविद्यालय का नाम न बदलने को लेकर लिखा पत्र
author img

By

Published : May 13, 2020, 8:30 PM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद विश्वविद्यालय का नाम बदलने को लेकर सपा एमएलसी वासुदेव यादव ने राष्ट्रपति को पत्र लिखा है. इसके साथ ही विश्वविद्यालय के सपा छात्रनेताओं ने भी अलग-अलग तरीके से विरोध जताया. विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी शैलेन्द्र मिश्रा ने बताया कि कार्यवाहक कुलपति आरआर तिवारी ने कार्य परिषद सदस्यों से नाम बदलने को लेकर पत्र से राय मांगी थी. 15 सदस्यों में 12 सदस्यों ने विश्वविद्यालय के नाम नहीं बदलने को लेकर संतुष्टि की है. ऐसे में मानव संसाधन मंत्रालय को जानकारी दे दी गई है.

पूरे विश्व में है इलाहाबाद विश्वविद्यालय का नाम
सपा एमएलसी वासुदेव यादव ने राष्ट्रपति को लिखे पत्र में स्मरण कराया है कि वर्ष 1887 में स्थापित भारत के प्राचीन विश्वविद्यालयों बंबई, मद्रास, कलकत्ता के साथ ही इलाहाबाद विश्वविद्यालय की स्थापना हुई थी. प्रतिष्ठित नेता, सहित्‍यकार, समाजसेवी, वैज्ञानिक, न्यायाधीश देने वाले इस विश्वविद्यालय की गरिमा पूरे विश्व तक फैली है. ऐसे में विश्वविद्यालय का नाम प्रयागराज विश्वविद्यालय करने से पहचान में कमी होगी.

नाम में न हो कोई परिवर्तन
सपा एमएलसी ने पत्र के माध्यम से अवगत कराया कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने विश्वविद्यालय का नाम बदलने संबंधी प्रस्ताव मांगा है. मंत्रालय के इस आदेश को लेकर यहां के छात्रों, बुद्धिजीवियों, व्यापारियों सहित स्थानीय लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंची है, जिसका विरोध जारी है. विश्वविद्यालय का पुरा छात्र होने के नाते आक्रोश है. इसके साथ ही मद्रास, कलकत्ता, बंबई जैसे शहरों के नाम बदलने के बाद भी विश्वविद्यालय के नाम नहीं बदले गए हैं, इसलिए इलाहाबाद विश्वविद्यालय का नाम इलाहाबाद विश्वविद्यालय ही रहना चाहिए.

राष्ट्रपति को रक्त पत्र लिखकर किया विरोध
मानव संसाधन मंत्रालय की तरफ से इलाहाबाद विश्वविद्यालय के नाम परिवर्तन की राय मांगे जाने पर छात्रों ने जमकर आक्रोश व्यक्त किया. इसके साथ ही सपा एमएलसी ने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर नाम न बदलने की मांग की. छात्रों ने नाम परिवर्तन को लेकर राष्ट्रपति को रक्त पत्र लिखकर विरोध जताया. वहीं दूसरी ओर विश्वविद्यालय कार्य परिषद ने नाम न बदलने की संतुष्टि देकर राय भेजे जाने पर छात्रों में खुशी की लहर है.

प्रयागराज: इलाहाबाद विश्वविद्यालय का नाम बदलने को लेकर सपा एमएलसी वासुदेव यादव ने राष्ट्रपति को पत्र लिखा है. इसके साथ ही विश्वविद्यालय के सपा छात्रनेताओं ने भी अलग-अलग तरीके से विरोध जताया. विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी शैलेन्द्र मिश्रा ने बताया कि कार्यवाहक कुलपति आरआर तिवारी ने कार्य परिषद सदस्यों से नाम बदलने को लेकर पत्र से राय मांगी थी. 15 सदस्यों में 12 सदस्यों ने विश्वविद्यालय के नाम नहीं बदलने को लेकर संतुष्टि की है. ऐसे में मानव संसाधन मंत्रालय को जानकारी दे दी गई है.

पूरे विश्व में है इलाहाबाद विश्वविद्यालय का नाम
सपा एमएलसी वासुदेव यादव ने राष्ट्रपति को लिखे पत्र में स्मरण कराया है कि वर्ष 1887 में स्थापित भारत के प्राचीन विश्वविद्यालयों बंबई, मद्रास, कलकत्ता के साथ ही इलाहाबाद विश्वविद्यालय की स्थापना हुई थी. प्रतिष्ठित नेता, सहित्‍यकार, समाजसेवी, वैज्ञानिक, न्यायाधीश देने वाले इस विश्वविद्यालय की गरिमा पूरे विश्व तक फैली है. ऐसे में विश्वविद्यालय का नाम प्रयागराज विश्वविद्यालय करने से पहचान में कमी होगी.

नाम में न हो कोई परिवर्तन
सपा एमएलसी ने पत्र के माध्यम से अवगत कराया कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने विश्वविद्यालय का नाम बदलने संबंधी प्रस्ताव मांगा है. मंत्रालय के इस आदेश को लेकर यहां के छात्रों, बुद्धिजीवियों, व्यापारियों सहित स्थानीय लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंची है, जिसका विरोध जारी है. विश्वविद्यालय का पुरा छात्र होने के नाते आक्रोश है. इसके साथ ही मद्रास, कलकत्ता, बंबई जैसे शहरों के नाम बदलने के बाद भी विश्वविद्यालय के नाम नहीं बदले गए हैं, इसलिए इलाहाबाद विश्वविद्यालय का नाम इलाहाबाद विश्वविद्यालय ही रहना चाहिए.

राष्ट्रपति को रक्त पत्र लिखकर किया विरोध
मानव संसाधन मंत्रालय की तरफ से इलाहाबाद विश्वविद्यालय के नाम परिवर्तन की राय मांगे जाने पर छात्रों ने जमकर आक्रोश व्यक्त किया. इसके साथ ही सपा एमएलसी ने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर नाम न बदलने की मांग की. छात्रों ने नाम परिवर्तन को लेकर राष्ट्रपति को रक्त पत्र लिखकर विरोध जताया. वहीं दूसरी ओर विश्वविद्यालय कार्य परिषद ने नाम न बदलने की संतुष्टि देकर राय भेजे जाने पर छात्रों में खुशी की लहर है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.