प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 69000 सहायक अध्यापक भर्ती के मामले में पांच जनवरी 2022 को जारी उस शासनादेश को तलब किया है, जिसके जरिए पिछड़ा वर्ग के 6800 अतिरिक्त अभ्यर्थियों की नियुक्ति की गई है. इस शासनादेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है. यह आदेश न्यायमूर्ति राजीव जोशी ने प्रतीक मिश्र की याचिका पर दिया.
याची के अधिवक्ता अग्निहोत्री कुमार त्रिपाठी का कहना था कि शासन ने 69000 सहायक अध्यापकों की भर्ती में 6800 अतिरिक्त सहायक अध्यापकों की सूची जारी कर नियुक्त करने का निर्णय लिया है. 16 मई 2020 को शासन ने 69000 सहायक अध्यापकों की भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया था. उसके बाद सचिव बेसिक शिक्षा परिषद ने तीन चरणों की काउंसलिंग से 69000 अध्यापकों की भर्ती पूर्ण की. बाद में शासन के संज्ञान में यह लाया गया कि आरक्षण नियम लागू करने में गलती हो गई है और 6800 आरक्षित पदों पर सामान्य श्रेणी के अभ्यर्थियों का चयन कर लिया गया है.
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शासन ने यह निर्णय लिया कि जिनका चयन गलत हो गया है, उन्हें बाहर नहीं निकाला जाएगा, बल्कि खाली पड़े 6800 पदों पर आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों का चयन कर लिया जाए. इसी के तहत शासन ने पांच जनवरी 2022 के शासनादेश से आरक्षित वर्ग के 6800 अभ्यर्थियों की चयन सूची जारी की. लेकिन, पांच जनवरी के उस शासनादेश को सार्वजनिक नहीं किया गया. इस पर हाईकोर्ट ने 19 अप्रैल 2022 को सरकार को पांच जनवरी के शासनादेश को पेश करने का निर्देश दिया. लेकिन, कोर्ट के आदेश का अनुपालन नहीं किया गया. फिर कोर्ट ने अगली सुनवाई पर शासनादेश पेश करने का निर्देश देते हुए कहा कि ऐसा न होने पर मुख्य सचिव व प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा सहित सभी प्रतिपक्षी छह जुलाई को उपस्थित हों.
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