प्रयागराज : धर्म और आस्था की संगम नगरी प्रयागराज में एक ऐसा इंग्लिश मीडियम स्कूल है, जहां पर अंग्रेजी में शिक्षा देने के साथ ही धर्म और संस्कृति का भी ज्ञान दिया जाता है.सीबीएसई से जुड़े इस स्कूल में अंग्रेजी में प्रेयर के साथ ही हनुमान चालीसा और मंत्रों का पाठ भी होता है. स्कूल में संगीत की धुन पर की जाने वाली हनुमान चालीसा की चर्चा दूर दूर तक हो रही है. एक आश्रम की ओर से संचालित इस स्कूल की प्रिंसिपल रविंदर बिरदी का कहना है कि छात्रों को भारतीय संस्कृति का ज्ञान देने का प्रयास किया जा रहा है ताकि उनका भविष्य उज्ज्वल रहे.
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प्रयागराज के श्री महाप्रभु पब्लिक स्कूल में रोजाना अंग्रेजी में प्रेयर होती है. उसके बाद छात्र और शिक्षक मिलकर मंत्रोच्चार करते हैं. मगर मंगलवार का दिन खास होता है. मधुर संगीत की धुन पर जब दो हजार से ज्यादा बच्चे एक साथ हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं तो आसपास के इलाके के लोग भी श्रद्धा से हाथ जोड़ लेते हैं. इस स्कूल में कई वर्षों से प्रत्येक मंगलवार को हनुमान चालीसा का गायन हो रहा है. पिछले दिनों किसी ने इस सामूहिक पाठ का वीडियो सोशल मीडिया पर डाल दिया. तब से इस स्कूल में होने वाले सामूहिक हनुमान चालीसा पाठ की सराहना हो रही है. प्रिसिंपल रविंदर बिरदी का कहना है कि स्कूल में साल में एक बार सुंदर कांड के पाठ का भी आयोजन होता है. 2009 में 65 छात्रों के संग शुरू किए गए विद्यालय में अब नर्सरी से इंटर तक की कक्षाओं में पढ़ने वाले छात्रों की संख्या ढाई हजार तक पहुंचने वाली है.
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दूसरे अभिभावक अजीत यादव का कहना है कि इस स्कूल में पढ़ने की वजह से उनके बच्चे अंग्रेजी में लिखते-पढ़ते हैं. साथ ही हनुमान चालीस जैसा पाठ भी करना जानते हैं. उन्हें अपने बच्चों को संस्कृति के बारे में सिखाना नहीं पड़ता है. इस स्कूल में पढ़ने वाले सभी धर्मों के छात्र छात्राओं का कहना है कि हनुमान चालीसा का पाठ करने से उन्हें बल बुद्धि विद्या की प्राप्ति के साथ ही ऊर्जा और शक्ति भी मिलती है.
श्री महाप्रभु पब्लिक स्कूल की प्रिंसिपल रविंदर बिरदी का कहना है कि यह विद्यालय आश्रम की ओर से संचालित होता हैं. स्कूल में पढ़ाने का मकसद छात्रों को अंग्रेजी शिक्षा के साथ ही भारतीय संस्कृति और सभ्यता का ज्ञान देकर संस्कारवान और गुणवान बनाना है. उन्होंने बताया कि स्कूल के जरिये गुरुकुल पद्धति जैसी शिक्षा के साथ ही देश को राष्ट्रभक्त नागरिक देने का प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि स्कूल में सीबीएसई का सिलेबस फॉलो किया जा रहा है. इससे अलग छात्रों को स्किल डेवलपमेंट के लिए प्रेरित किया जाता रहा है.
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