प्रतापगढ़: पीसीएफ के जिला प्रबंधक धनंजय तिवारी ने करोड़ों के घोटालेबाज पीसीएफ गोदाम प्रभारी संतोष कुमार के खिलाफ जिलाधिकारी के निर्देश पर नगर कोतवाली में गबन, धोखाधड़ी समेत कई संगीन धाराओं में मामला दर्ज कराया है. वहीं, मामला दर्ज होने के बाद से ही पुलिस आरोपी की तलाश में जुट गई है. प्रतापगढ़ के सहायक आयुक्त व सहायक निबंधक सहकारिता अधिकारी अरविंद प्रकाश ने बताया कि गोदाम प्रभारी संतोष कुमार को त्वरित प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है. जानकारी के मुताबिक आरोपी संतोष कुमार के पास तीन पीसीएफ गोदाम का चार्ज था.
इस बीच अफसरों ने तीनों गोदाम को सील कर दिया है. पीसीएफ गोदाम में करोड़ों के डीएपी घोटाले की जांच के लिए शासन से तीन अफसरों की टीम भी गठित कर दी गई है. इधर, करोड़ों के खाद घोटाले के मामले के प्रकाश में आने के बाद हड़कंप मच गया है तो वहीं इस घोटाले को अंजाम देने वाला पीसीएफ गोदाम प्रभारी संतोष कुमार फरार बताया जा रहा है.
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प्राप्त जानकारी के मुताबिक आरोपी संतोष कुमार ने करीब 1055 मैट्रिक टन डीएपी बेचकर कर फरार हो निकला है. करोड़ों के इस खाद घोटाले के बाद अफसरों में हडकंप मचा गया है. किसानों के लिए गोदाम में रखी करोड़ों की सरकारी डीएपी को पीसीएफ गोदाम प्रभारी ने पहले तो बाजार में बेच दिया और फिर फोन ऑफ कर फरार हो निकला. दरअसल, जिले में डीएपी की किल्लत होने पर जिलाधिकारी डॉ. नितिन बंसल ने जब पीसीएफ गोदाम की जांच कराई तो घोटालेबाज गोदाम प्रभारी संतोष की पोल खुली. जिसके बाद से ही वह फोन बंद कर फरार है.
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जिलाधिकारी के निर्देश पर घोटालेबाज प्रभारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर उनकी तलाश शुरू कर दी गई है. वहीं, इस घोटाले की जांच के लिए शासन ने तीन अधिकारियों की टीम भी गठित कर दी है. बताते चलें कि पीसीएफ गोदाम प्रभारी संतोष ने 78 समितियों को डीडी नंबर भेज दिया था.
लेकिन डीएपी को समिति में न भेज कर बाजार में बेच दिया. जब समिति के सचिवों ने इसकी शिकायत जिलाधिकारी से की तो मामले की जांच कराई गई. जिसके बाद उक्त घोटाले का पर्दाफाश हुआ.
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