प्रतापगढ़ : कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका संविधान के तीन मुख्य अंग हैं. जिसमें कानून को सर्वोच्च स्थान दिया गया है. लेकिन इसी कानून के रक्षक ही अगर भक्षक बन जाएं तो आमजन न्याय की गुहार कहां लगाएगा. ऐसे ही कानून के भक्षकों की तस्वीर प्रतापगढ़ से सामने आई है. जिसे जानकर आप दंग रह जाएंगे. यहां उच्च पदासीन अधिकारियों ने एक जीवित व्यक्ति को मृत दिखाकर उसकी जमीन को किसी और के नाम कर दिया. नगर कोतवाली के पूर्वी सहोदरपुर का यह मामला है.
पुस्तैनी जमीन को कराया अपने नाम
शहर के पूर्वी सहोदरपुर निवासी तारकेश्वरनाथ मिश्र ने बताया कि ओम प्रकाश, प्रमोद कुमार, गुलाब देवी ने सदर तहसील में तैनात कानूनगो राहुल सिंह और पूर्वी सहोदरपुर के लेखपाल रामसिंह के साथ मिलकर उसे मृत दिखाकर उसकी पुस्तैनी जमीन को अपने नाम करा लिया. इसकी जानकारी जब तारकेश्वरनाथ को हुई तो उसने थाने में जाकर तहरीर दी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. इसके बाद न्याय को लेकर वह थाने और राजस्व विभाग के अफसरों के चक्कर लगाता रहा. लेकिन न्याय तो दूर किसी ने आश्वासन भी नहीं दिया.
तारकेश्वर नाथ ने डीएम से की शिकायत
तारकेश्वर नाथ को जब कहीं से न्याय की कोई उम्मीद नहीं दिखी तो उसने जिलाधिकारी का रुख किया. जहां उसने आपबीती बताई. इस पर जिला अधिकारी ने तत्परता दिखाते हुए मामले में जांच के आदेश दिया. डीएम के आदेश पर पुलिस ने गंभीरता दिखाते हुए मुकदमा दर्ज किया और अभिलेखों की जांच कराई. जांच में पता चला कि पीड़ित द्वारा जमीन को हड़पने को लेकर की गई शिकायत सही थी. पीड़ित की तहरीर के आधार पर पुलिस ने कानूनगो और लेखपाल समेत पांचों आरोपियों के खिलाफ नगर कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया.
इन मामलों में तहसील के अधिकारियों का होता है सीधा हस्तक्षेप
शहर कोतवाली प्रवीण कुशवाहा ने फोन पर बताया कि कानूनगो, लेखपाल समेत पांच लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है. इन लोगों ने जीवित व्यक्ति को मृत दिखाकर जमीन दूसरे के नाम कर दी है. जिले में इस तरह के मामले अक्सर देखने को मिल जाते हैं. शहर के कई लेखपालों की शिकायत पहले भी इस तरह के मामलों में हो चुकी है. जमीन संबंधी मामलों में तहसील अधिकारियों का सीधा दखल होता है. पीड़ित कमजोर होता है तो उसे न्याय नहीं मिलता. जो लड़ाई लड़ते है उन्हें इंसाफ भी मिलता है.