प्रतापगढ़: भारत जैसे देश में प्रतिभाओं की कमी नहीं है. यहां के ऊर्जावान युवा अगर कुछ ठान लें, तो क्या नहीं कर सकते. ग्रामीण क्षेत्रों में तमाम ऐसी प्रतिभाएं संभावनाओं की कमी के चलते दम तोड़ देती हैं. ऐसे में इन युवाओं को तैयार करने और उन्हें खेल के मैदान में फतह कर पाने की ललक पैदा करने के लिए सरकार ने "खेलो इंडिया" योजना की शुरुआत की. प्रतापगढ़ में खेलो इंडिया के तहत यूपी सरकार ने आधा दर्जन बड़े और ओपन स्टेडियम की सौगात दी है. इससे अब गांव के युवाओं को प्रैक्टिस के लिए जिला मुख्यालय स्थित स्टेडियम तक भाग दौड़ नहीं करनी पड़ेगी. ग्रामीण इलाकों में विशाल स्टेडियम का निर्माण होने जा रहा है, जहां से खेल प्रतिभाएं निकलेंगी और देश का मस्तक ऊंचा करेंगी.
जिला मुख्यालय प्रतापगढ़ में करीब दो दशक पहले स्टेडियम का निर्माण कराया गया था. इसमें एथलीट, क्रिकेट, बालीबॉल, हॉकी, हैंडबाल, कुश्ती, तलवारबाजी का प्रशिक्षण खिलाड़ियों को दिया जाता है. स्टेडियम का लाभ जिला मुख्यालय के साथ ही शहर से सटे गांवों के खिलाड़ी ही उठा पाते थे. जिला मुख्यालय से दूर गांवों में रहने वाले खिलाड़ी संसाधनों के अभाव में उपेक्षित रह जाते थे, लेकिन अब प्रदेश और केंद्र सरकार ने ग्रामीण अंचलों में रहने वाले खिलाड़ियों को अवसर प्रदान करने की कवायद शुरू कर दी है. केंद्र सरकार खेलो इंडिया के तहत गांव में स्टेडियम निर्माण के लिए बजट जारी कर रही है. इसके लिए ग्राम पंचायतों को निशुल्क जमीन मुहैया करना पड़ता है.
ग्रामीण अभियंत्रण सेवा विभाग बनाएगा स्टेडियम
खेलो इंडिया योजना के तहत जिले में पट्टी विधानसभा को तीन स्टेडियम मिले हैं, जिनका निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया है. इसी विधानसभा से यूपी के ग्राम्य विकास मंत्री मोती सिंह विधायक हैं. पट्टी ब्लॉक के ढिधुई, देवसरा ब्लॉक के देवसरा और मंगरौरा ब्लॉक के सरसीखाम में ये स्टेडियम बन रहे हैं. इनके मंजूरी मिलते ही काम शुरू करा दिया गया था. इसके लिए आधे पैसे भी निर्गत कर दिए गए हैं. ढिधुई और देवसरा का 3-3 करोड़ और सरसीखाम के लिए पांच करोड़ रुपये जारी हो गए हैं. ग्रामीण अभियंत्रण विभाग इसका निर्माण करा रहा है.
इस बारे में स्थानीय लोग काफी खुश हैं. युवाओं में जोश है कि स्टेडियम बनेगा. अच्छे कोच आएंगे और अपने अंदर के हुनर को बाहर लाएंगे. बंगाल के लिए रणजी क्रिकेट खेलने वाले युवा खिलाड़ी व जिला स्पोर्ट स्टेडियम में क्रिकेट कोच आदित्य शुक्ला ने बताया कि खेलो इंडिया से खेल के प्रति जागरूकता पैदा हुई है. इससे युवाओं को अवसर मिल रहा है. उनका कहना है कि सरकार को इसके लिए स्टेडियम में अच्छे कोच और अच्छी सुविधा देनी होगी. सरकार का यह बहुत ही सराहनीय प्रयास है.
इसके बारे में जिला युवा कल्याण अधिकारी एके सिंह ने बताया कि तीन स्टेडियम का बजट मिल गया है. काम भी शुरू करा दिया गया है. तीन और स्टेडियम का प्रस्ताव भेजा गया है. तीन और ब्लॉकों में स्टेडियम के लिए जमीन उपलब्ध कराने को ग्राम पंचायतों से प्रस्ताव मांगा गया है. वह भी मंजूर हो गया है.
निर्माणाधीन स्टेडियम की लागत और प्राप्त धन
1- पट्टी ब्लॉक का ढिधुई - लागत - 558 लाख, प्राप्त धन- 300 लाख
2- मंगरौरा ब्लॉक का सरसीखाम - लागत -1456 लाख, प्राप्त धन- 500 लाख
3- देवसरा ब्लॉक का देवसरा - लागत - 800 लाख, प्राप्त धन- 300 लाख
जिले के सभी ब्लॉकों में स्टेडियम की मांग बढ़ रही है. तीन स्टेडियम निर्माणाधीन हैं और तीन प्रस्तावित हैं. वहीं अब और भी विधानसभाओं से प्रस्ताव शासन को भेजा जा रहा है. खेलों के लिए "खेलो इंडिया" योजना के तहत देश के युवाओं को तैयार करने का यह प्रयास ग्रामीण अंचलों में क्रांतिकारी परिवर्तन लाने वाला है.