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प्रतापगढ़: बदहाल पड़ी जिला मुख्यालय से जोड़ने वाली कई मुख्य सड़कें

उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में शहर से जुड़ने वाली कई सड़कें गड्ढे से भरी हुई हैं. बरसात के दिनों में इन सड़कों पर पानी भर जाता है, जिसकी वजह से अक्सर हादसे होते रहते हैं. इन सबके बाद भी जिले के अधिकारी और नेता सड़कों की बदहाली दूर करने के लिए प्रयासरत नहीं दिख रहे हैं.

सड़कों की हालत खराब.
सड़कों की हालत खराब.
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Published : Oct 13, 2020, 11:50 AM IST

प्रतापगढ़: सीएम योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री का पद संभालते ही दावा किया था कि 6 माह के अंदर प्रदेश की सड़कें गड्ढा मुक्त होंगी, लेकिन सरकार के 3 साल से अधिक समय गुजर जाने के बाद भी सड़कें गड्ढा मुक्त नहीं हुईं बल्कि सड़कों का हाल और बेहाल हो गया है. प्रतापगढ़ जनपद में गांव को कस्बे और शहर से जोड़ने वाली अधिकांश सड़कों का हाल बुरा है. बरसात के मौसम में इन सड़कों के गड्ढे में जलभराव के कारण दुर्घटनाएं भी हो रही हैं, लेकिन जिले के हुक्मरानों और नौकरशाहों को इससे कोई लेना-देना नहीं है.

सड़कों की हालत खराब.

जनपद की कई सड़कें इस समय बदहाल हैं, जिससे गुजरना मतलब जान हथेली पर लेकर चलना है. इन्हीं सड़कों में से एक है प्रतापगढ़ जेल रोड वाया दिलीपपुर मार्ग. इस सड़क की हालत यह है कि बरसात के मौसम में जलभराव से यह सड़क नहर का रूप ले लेती है, तो वहीं धूप होने पर रेगिस्तान की तरह धूल का गुबार उड़ता है. सड़क टूटने की वजह से यहां दुर्घनाएं भी होती रहती हैं, इन सबके बाद भी जिले के अधिकारी और नेता सड़कों की बदहाली दूर करने के लिए प्रयासरत नहीं दिख रहे हैं.

गड्ढायुक्त सड़कों से गुजरते वाहन

अचलपुर के सभासद आशुतोष सिंह ने बताया कि यहां सड़क की बदहाली इस कदर है कि इस पर चलना मुश्किल है. दो सप्ताह पहले इस गड्ढे में साइकिल से गिरने से गांव की एक आदमी घायल भी हो गए थे. इस सड़क की मरम्मत के लिए उन्होंने कई बार अधिकारियों को ज्ञापन दिया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. आशुतोष सिंह का कहना है कि जेल रोड से जगनीपुर मार्ग पर हर 10 फीट की दूरी पर बड़े-बड़े गड्ढे हैं. इस रास्ते पर वाले आने कतराते हैं और ई-रिक्शा तो इस पर आना ही नहीं चाहते हैं.

ई-रिक्शा चालकों का कहना है कि बड़े-बड़े गड्ढे हैं, जिससे काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इस रोड पर कोई भी रिक्शा चालक आने से कतराता है, क्योंकि गाड़ियां बिगड़ जाती हैं. 25 किमी का यह मार्ग पूरी तरह से ध्वस्त है. इस सड़क से लगभग 300 से अधिक गांव के लोग प्रतापगढ़ शहर कस्बे से जुड़े हुए हैं. इसी मार्ग पर जिला जेल केंद्र भी है. ऐसे में जिले के आला अधिकारियों का इस सड़क से आवागमन होता है, लेकिन किसी ने इसकी सुधि नहीं ली. जिले में शहर को जोड़ने वाली सरायनानकार, दिलीपपुर, शिवशत, गोपालपुर, सगरा, द्वारिकापुर और रतन भाई सभी सड़कों की स्थिति यही है.

इस सम्बंध में जब पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों से सम्पर्क करने का प्रयास किया गया तो वह कुछ भी बोलने से परहेज कर रहे हैं. जिले की कुछ सड़कें बदहाल हैं, जिसको लेकर यहां के जनप्रतिनिधियों के माध्यम से सरकार को अवगत कराया गया है. वहीं भाजपा नेता हिमांशु सिंह ने कहा कि हम पत्र के माध्यम से सरकार और सदर विधायक राजकुमार पाल को अवगत करा चुके हैं. प्रतापगढ़ के सांसद संगम लाल गुप्ता के माध्यम से शासन को यह मामला संज्ञान में दिया है. इस बाबत उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद ने आश्वासन दिया है कि जल्द ही सड़कों की मरम्मत कराई जाएगी.

प्रतापगढ़: सीएम योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री का पद संभालते ही दावा किया था कि 6 माह के अंदर प्रदेश की सड़कें गड्ढा मुक्त होंगी, लेकिन सरकार के 3 साल से अधिक समय गुजर जाने के बाद भी सड़कें गड्ढा मुक्त नहीं हुईं बल्कि सड़कों का हाल और बेहाल हो गया है. प्रतापगढ़ जनपद में गांव को कस्बे और शहर से जोड़ने वाली अधिकांश सड़कों का हाल बुरा है. बरसात के मौसम में इन सड़कों के गड्ढे में जलभराव के कारण दुर्घटनाएं भी हो रही हैं, लेकिन जिले के हुक्मरानों और नौकरशाहों को इससे कोई लेना-देना नहीं है.

सड़कों की हालत खराब.

जनपद की कई सड़कें इस समय बदहाल हैं, जिससे गुजरना मतलब जान हथेली पर लेकर चलना है. इन्हीं सड़कों में से एक है प्रतापगढ़ जेल रोड वाया दिलीपपुर मार्ग. इस सड़क की हालत यह है कि बरसात के मौसम में जलभराव से यह सड़क नहर का रूप ले लेती है, तो वहीं धूप होने पर रेगिस्तान की तरह धूल का गुबार उड़ता है. सड़क टूटने की वजह से यहां दुर्घनाएं भी होती रहती हैं, इन सबके बाद भी जिले के अधिकारी और नेता सड़कों की बदहाली दूर करने के लिए प्रयासरत नहीं दिख रहे हैं.

गड्ढायुक्त सड़कों से गुजरते वाहन

अचलपुर के सभासद आशुतोष सिंह ने बताया कि यहां सड़क की बदहाली इस कदर है कि इस पर चलना मुश्किल है. दो सप्ताह पहले इस गड्ढे में साइकिल से गिरने से गांव की एक आदमी घायल भी हो गए थे. इस सड़क की मरम्मत के लिए उन्होंने कई बार अधिकारियों को ज्ञापन दिया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. आशुतोष सिंह का कहना है कि जेल रोड से जगनीपुर मार्ग पर हर 10 फीट की दूरी पर बड़े-बड़े गड्ढे हैं. इस रास्ते पर वाले आने कतराते हैं और ई-रिक्शा तो इस पर आना ही नहीं चाहते हैं.

ई-रिक्शा चालकों का कहना है कि बड़े-बड़े गड्ढे हैं, जिससे काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इस रोड पर कोई भी रिक्शा चालक आने से कतराता है, क्योंकि गाड़ियां बिगड़ जाती हैं. 25 किमी का यह मार्ग पूरी तरह से ध्वस्त है. इस सड़क से लगभग 300 से अधिक गांव के लोग प्रतापगढ़ शहर कस्बे से जुड़े हुए हैं. इसी मार्ग पर जिला जेल केंद्र भी है. ऐसे में जिले के आला अधिकारियों का इस सड़क से आवागमन होता है, लेकिन किसी ने इसकी सुधि नहीं ली. जिले में शहर को जोड़ने वाली सरायनानकार, दिलीपपुर, शिवशत, गोपालपुर, सगरा, द्वारिकापुर और रतन भाई सभी सड़कों की स्थिति यही है.

इस सम्बंध में जब पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों से सम्पर्क करने का प्रयास किया गया तो वह कुछ भी बोलने से परहेज कर रहे हैं. जिले की कुछ सड़कें बदहाल हैं, जिसको लेकर यहां के जनप्रतिनिधियों के माध्यम से सरकार को अवगत कराया गया है. वहीं भाजपा नेता हिमांशु सिंह ने कहा कि हम पत्र के माध्यम से सरकार और सदर विधायक राजकुमार पाल को अवगत करा चुके हैं. प्रतापगढ़ के सांसद संगम लाल गुप्ता के माध्यम से शासन को यह मामला संज्ञान में दिया है. इस बाबत उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद ने आश्वासन दिया है कि जल्द ही सड़कों की मरम्मत कराई जाएगी.

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