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पीलीभीत: जिले में लगातार बढ़ते जा रहे डेंगू-मलेरिया के मरीज - पीलीभीत खबर

यूपी के पीलीभीत में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के कारण लोगों का स्वास्थ्य खतरे में पड़ रहा है. यहां ग्रामीणों का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग की तरफ से अभी तक मलेरिया और डेंगू जैसी घातक बीमारियों से लड़ने के लिए किसी भी तरह का छिड़काव या साफ-सफाई नहीं हुई है. वहीं स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि लगातार क्षेत्र में फागिंग कराई जा रही है.

स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के कारण लोग परेशान.
स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के कारण लोग परेशान.
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Published : Oct 8, 2020, 12:48 PM IST

पीलीभीत: जिले में स्वास्थ्य विभाग अपने कामों को लेकर भले ही उपलब्धियां गिना रहा है, लेकिन जमीनी हकीकत इससे उलट है. एक ओर जहां स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि डेंगू मलेरिया जैसी घातक बीमारियों से बचाव के लिए नगरपालिका क्षेत्र के साथ गांवों में भी स्वास्थ्य विभाग की टीम के द्वारा समय-समय पर गंदगी और नालों की सफाई कराई जा रही है. इसके साथ ही जिन जगहों पर जल जमाव होता है वहां कीटनाशक दवाओं का छिड़काव भी कराया जा रहा है. वहीं ग्रामीणों का कहना है कि कोरोना वैश्विक महामारी के चलते कुछ दिन पूर्व यहां पर सेनिटाइजेशन कराया गया था, लेकिन मलेरिया और डेंगू जैसी घातक बीमारियों से लड़ने के लिए अभी तक यहां पर किसी भी तरह की दवा का छिड़काव या साफ-सफाई नहीं हुई है.

स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के कारण लोग परेशान.

लोगों के स्वास्थ्य के साथ किया जा रहा खिलवाड़

पीलीभीत में लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. मच्छरों से फैलने वाली डेंगू-मलेरिया जैसी खतरनाक बीमारियों से बचने के लिए शासन के निर्देश पर कीटनाशक दवाई की फागिंग क्षेत्र में कराई जाती है, लेकिन पीलीभीत में यह फागिंग केवल धुआं बन कर रह गई है. प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के द्वारा फागिंग कराई जाने के बावजूद जनपद पीलीभीत में मलेरिया के मरीज लगातार बढ़ते जा रहे हैं.

गौरतलब है कि जनपद पीलीभीत के शहर के बीच में स्थित घनी बस्ती काला मंदिर के पास पिछले साल डेंगू ओर मलेरिया के सबसे ज्यादा केस सामने आए थे. इसके बावजूद प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग पिछले साल के आंकड़ों से कोई सबक नहीं सीख रहा.

पिछली साल डेंगू 81 मलेरिया के 59 केस आए थे सामने
वैसे तो स्वास्थ्य विभाग के कागजों में छिड़काव का पूरा लेख-जोखा दर्ज है, लेकिन जमीनी हकीकत इसके बिल्कुल उलट है. बीते साल जनपद पीलीभीत में डेंगू के 81 और मलेरिया के 59 केस सामने आए थे. वहीं अगर इस साल की बात करें तो अभी तक मलेरिया के 29 केस सामने आ चुके हैं. ऐसे में कोरोना की आड़ में कहीं दूसरी घातक बीमारियां जिले में दस्तक न दे दें इसके लिए भी स्वास्थ्य विभाग को सतर्क रहना चाहिए.

पीलीभीत: जिले में स्वास्थ्य विभाग अपने कामों को लेकर भले ही उपलब्धियां गिना रहा है, लेकिन जमीनी हकीकत इससे उलट है. एक ओर जहां स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि डेंगू मलेरिया जैसी घातक बीमारियों से बचाव के लिए नगरपालिका क्षेत्र के साथ गांवों में भी स्वास्थ्य विभाग की टीम के द्वारा समय-समय पर गंदगी और नालों की सफाई कराई जा रही है. इसके साथ ही जिन जगहों पर जल जमाव होता है वहां कीटनाशक दवाओं का छिड़काव भी कराया जा रहा है. वहीं ग्रामीणों का कहना है कि कोरोना वैश्विक महामारी के चलते कुछ दिन पूर्व यहां पर सेनिटाइजेशन कराया गया था, लेकिन मलेरिया और डेंगू जैसी घातक बीमारियों से लड़ने के लिए अभी तक यहां पर किसी भी तरह की दवा का छिड़काव या साफ-सफाई नहीं हुई है.

स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के कारण लोग परेशान.

लोगों के स्वास्थ्य के साथ किया जा रहा खिलवाड़

पीलीभीत में लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. मच्छरों से फैलने वाली डेंगू-मलेरिया जैसी खतरनाक बीमारियों से बचने के लिए शासन के निर्देश पर कीटनाशक दवाई की फागिंग क्षेत्र में कराई जाती है, लेकिन पीलीभीत में यह फागिंग केवल धुआं बन कर रह गई है. प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के द्वारा फागिंग कराई जाने के बावजूद जनपद पीलीभीत में मलेरिया के मरीज लगातार बढ़ते जा रहे हैं.

गौरतलब है कि जनपद पीलीभीत के शहर के बीच में स्थित घनी बस्ती काला मंदिर के पास पिछले साल डेंगू ओर मलेरिया के सबसे ज्यादा केस सामने आए थे. इसके बावजूद प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग पिछले साल के आंकड़ों से कोई सबक नहीं सीख रहा.

पिछली साल डेंगू 81 मलेरिया के 59 केस आए थे सामने
वैसे तो स्वास्थ्य विभाग के कागजों में छिड़काव का पूरा लेख-जोखा दर्ज है, लेकिन जमीनी हकीकत इसके बिल्कुल उलट है. बीते साल जनपद पीलीभीत में डेंगू के 81 और मलेरिया के 59 केस सामने आए थे. वहीं अगर इस साल की बात करें तो अभी तक मलेरिया के 29 केस सामने आ चुके हैं. ऐसे में कोरोना की आड़ में कहीं दूसरी घातक बीमारियां जिले में दस्तक न दे दें इसके लिए भी स्वास्थ्य विभाग को सतर्क रहना चाहिए.

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