पीलीभीत: पूरे प्रदेश में पराली जलाने के कारण बढ़ते प्रदूषण को लेकर हाहाकार मचा हुआ है. पीलीभीत में पराली जलाने की समस्या को लेकर जिलाधिकारी ने किसानों के खेतों में पहुंचकर पराली से खाद बनाने की तकनीकी साझा की. जिससे प्रदूषण पर अंकुश लगाया जा सके.
- प्रदेश में पराली न जलाने को लेकर सरकार लगातार कदम उठा रही है.
- पीलीभीत के जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव माधोटांडा रोड पर स्थित जमुनिया ग्राम खासपुर पहुंचकर किसानों को पराली से खाद बनाने की तकनीकी बताई.
- किसानों को 20रूपये में दिए जाने वाले कैप्सूल के बारे में जानकारी दी.
- पराली के अवशेषों को 15 दिन के अंदर खाद के रूप में परिवर्तित करके खेती में उपयोग लाया जा सकता है.
- कैप्सूल भारतीय कृषि अनुसंधान केंद्र में तैयार किया गया है.
- जिसको सरकार के माध्यम से किसानों तक पहुंचाया जाएगा.
पराली जलाने से प्रदूषण लगातार बढ़ता जा रहा है. जिसके चलते शासन स्तर से सख्त दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं. जिसको लेकर पराली न जलाएं इसके लिए किसानों को जागरूक किया जा रहा. साथ ही किसानों की पराली को खाद के रूप में पर तैयार करने की एक विधि बताई गई. जिसमें डी कंपोस्ट प्रक्रिया के तहत पराली को 15 दिन के अंदर खाद के रूप में परिवर्तित किया जा सकता है. इस तरह से किसान अपनी पराली न जलाकर अपनी पराली से खाद बना लेंगे और इससे हम अपने वातावरण को साफ रख सकेंगे.
वैभव श्रीवास्तव, जिलाधिकारी