मुजफ्फरनगर: सावन के आखिरी सोमवार को भक्त भगवान शिव के मंदिरों में जाकर दर्शन और पूजन कर रहे हैं. इसी क्रम में जिले के जानसठ ब्लॉक के गांव सम्भलहेड़ा के श्री सिद्ध रुद्रेश्वर पशुपतिनाथ पंचमुखी मंदिर में स्थापित प्राचीन शिवलिंग पर श्रद्धालुओं ने बेलपत्र, दूध, और जल चढ़ाकर पूजा अर्चना की. कोरोना महामारी के चलते विश्व के तीसरे पंचमुखी शिवलिंग मंदिर में श्रद्धालुओं की संख्या बहुत कम रही. शिवालयों में दर्शन पूजन करने की गई महिलाओं ने पूरी श्रद्धा के साथ वैश्विक महामारी कोरोना को जड़ से खत्म करने की भी मन्नतें मांगी.
बता दें, विश्व स्तर पर प्रसिद्ध इस शिव मंदिर में सावन के माह में गैर जनपदों से ही नहीं, बल्कि अन्य राज्यों के श्रद्धालू भी दर्शन के लिए आते हैं, लेकिन इस बार लॉकडाऊन के चलते बाहर से आने वाले श्रद्धालु दर्शन के लिए नहीं आ सके.
मुजफ्फरनगर के जानसठ ब्लॉक में मीरपुर रोड पर स्थित गांव सम्भलहेड़ा में 1514 में राजा हुकूमत राय द्धारा इस मंदिर को बनवाया गया था. इस मंदिर में विश्व का तीसरा पंचमुखी शिवलिंग स्थापित है. श्री सिद्ध रुद्रेश्वर पशुपतिनाथ पंचमुखी मंदिर की भव्य इमारत मुगलकाल की दास्तां बयां करती है. मंदिर में स्थापित पंचमुखी शिवलिंग दुर्लभ कसौटी पत्थर से निर्मित है. मंदिर में स्थापित पंचमुखी शिवलिंग विश्व में तीन स्थानों पर ही स्थापित है, जिसमें से एक नेपाल के पशुपति नाथ मंदिर में और दूसरा राजस्थान के मेवाड़ में और तीसरा शिवलिंग मुजफ्फरनगर के सम्भलहेड़ा गांव में स्थापित है.
सावन माह में इस मंदिर में बहुत बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं को दर्शन लाभ प्राप्त होता है. इसी क्रम में आज सावन के आखिरी सोमवार को इस विश्व प्रसिद्ध मंदिर में महिला-पुरुष श्रद्धालुओं ने शिवलिंग पर बेल पत्र, पुष्प, दूध और जल चढ़ाकर पूजा अर्चना की. दर्शन करने आई एक महिला श्रद्धालु ने बताया कि इस सिद्ध पीठ मंदिर में आकर सभी मन्नतें पूरी हो जाती हैं. मैं पिछले कई वर्षों से इस मंदिर में आती हूं. वहीं दर्शन करने आई सहारनपुर की महिला श्रद्धालु ने कहा कि मैंने आज मंदिर में देश में फैल रही कोरोना महामारी के खत्म होने की मन्नत मांगी है. मुझे विश्वास है कि मेरी मन्नत भोले नाथ जरूर पूर्ण करेंगे.
इस मंदिर में श्री लक्ष्मी नारायण, श्री राधा कृष्ण, श्रीराम, हनुमान, दुर्गा, शनि के अलावा गरुण भगवान की पौराणिक मूर्ति भी स्थापित है. इस मंदिर के महंत का कहना है कि कोरोना महामारी के चलते सावन माह में श्रद्धालुओं की संख्या घटी है. मंदिर में सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए पूजा अर्चना कराई जा रही है. साथ ही श्रद्धालुओं के लिए सेनिटाइजर की व्यवस्था भी मंदिर परिसर में की गयी है.