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कवाल कांडः BJP विधायक संगीत सोम के खिलाफ मुकदमा समाप्त

मेरठ की सरधना विधान सभा सीट से बीजेपी विधायक संगीत सोम को 2013 दंगे से पहले कवाल कांड को लेकर दर्ज हुए मुकदमे में बड़ी राहत मिली है. मुजफ्फरनगर कोर्ट ने उनके ऊपर दर्ज मुकदमा समाप्त कर दिया है.

संगीत सोम.
संगीत सोम.
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Published : Mar 9, 2021, 6:37 PM IST

मुजफ्फरनगर: कवाल कांड मामले में वादी तत्कालीन एएसआई सुबोध सिंह की बुलन्दशहर हिंस्सा में मौत हो चुकी है. अब इस मामले में पैरोकार ने 6 मार्च को मामले में एफआईआर लगाते हुए कोर्ट में वादी का मृत्यु प्रमाण पत्र दाखिल किया था. इसके बाद एडीजे 5 कोर्ट ने एफआईआर को स्वीकारते हुए साक्ष्य के आभाव और पैरोकार के बयान के आधार पर संगीत सोम का मुकदमा समाप्त कर दिया है.

जानकारी देते अधिवक्ता.

इस मामले की जानकारी देते हुए शासकीय अधिवक्ता राजीव शर्मा ने बताया कि 2013 में विधायक संगीत सोम के विरुद्ध थाना कोतवाली के अंतर्गत एक मामला धारा 153A, 420, 120B और 66 IPC के तहत पंजीकृत कराया गया था. इसमें पुलिस ने गहन विवेचना की. कोई साक्ष्य न मिलने के आधार पर इसमें पुलिस ने अंतिम एफआईआर न्यायालय में प्रस्तुत की थी.

इसे भी पढ़ें- सुनिए शेर सिंह राणा की कहानी, उन्हीं की जुबानी

इसी बीच वादी सुबोध कुमार ठाकुर की मृत्यु बुलंदशहर दंगे के दौरान हो गई थी. इसके बाद पैरोकार ने जो मृत्यु रिपोर्ट दाखिल की थी. इस मृत्यु रिपोर्ट के आधार पर और पैरोकार के बयान के आधार पर माननीय न्यायालय ने अंतिम रिपोर्ट स्वीकार कर ली है. उसी आधार पर यह मुकदमा समाप्त कर दिया है.

मुजफ्फरनगर: कवाल कांड मामले में वादी तत्कालीन एएसआई सुबोध सिंह की बुलन्दशहर हिंस्सा में मौत हो चुकी है. अब इस मामले में पैरोकार ने 6 मार्च को मामले में एफआईआर लगाते हुए कोर्ट में वादी का मृत्यु प्रमाण पत्र दाखिल किया था. इसके बाद एडीजे 5 कोर्ट ने एफआईआर को स्वीकारते हुए साक्ष्य के आभाव और पैरोकार के बयान के आधार पर संगीत सोम का मुकदमा समाप्त कर दिया है.

जानकारी देते अधिवक्ता.

इस मामले की जानकारी देते हुए शासकीय अधिवक्ता राजीव शर्मा ने बताया कि 2013 में विधायक संगीत सोम के विरुद्ध थाना कोतवाली के अंतर्गत एक मामला धारा 153A, 420, 120B और 66 IPC के तहत पंजीकृत कराया गया था. इसमें पुलिस ने गहन विवेचना की. कोई साक्ष्य न मिलने के आधार पर इसमें पुलिस ने अंतिम एफआईआर न्यायालय में प्रस्तुत की थी.

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इसी बीच वादी सुबोध कुमार ठाकुर की मृत्यु बुलंदशहर दंगे के दौरान हो गई थी. इसके बाद पैरोकार ने जो मृत्यु रिपोर्ट दाखिल की थी. इस मृत्यु रिपोर्ट के आधार पर और पैरोकार के बयान के आधार पर माननीय न्यायालय ने अंतिम रिपोर्ट स्वीकार कर ली है. उसी आधार पर यह मुकदमा समाप्त कर दिया है.

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