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भारत कृषि प्रधान देश है, राम मंदिर की नींव में डाली जाए खेत की मिट्टी: भाकियू - bharatiya kisan union news

उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में राम मंदिर भूमि पूजन को लेकर भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने ईटीवी भारत से बातचीत की. उन्होंने कहा कि राम मंदिर भूमि पूजन में किसान के खेत की मिट्टी भी प्रयोग की जानी चाहिए.

राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत, भाकयू.
भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत.
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Published : Aug 5, 2020, 7:57 AM IST

मुजफ्फरनगर: अयोध्या में राम मंदिर की भूमि पूजन के लिए विभिन्न तीर्थों और पौराणिक स्थानों की मिट्टी का प्रयोग किया जाएगा. इसके लिए विभिन्न पौराणिक स्थलों की मिट्टी अयोध्या मंदिर के लिए पहुंचाई गई है. वहीं भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने राम मंदिर के निर्माण में किसान के खेत की मिट्टी भी प्रयोग करने की मांग की है. उनका कहना है कि भारत एक कृषि प्रधान देश है, इसलिए किसान के खेत की मिट्टी अन्य तीर्थों की तरह ही पवित्र है, क्योंकि इसी मिट्टी से सीता माता जन्म ली थीं.

भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने ईटीवी भारत के साथ बातचीत में कहा कि राम मंदिर निर्माण सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर हो रहा है. माननीय सुप्रीम कोर्ट का सबको पालन करना चाहिए और हिंदुस्तान में सुप्रीम कोर्ट की बहुत अहमियत है, उसी आदेश पर राम मंदिर का निर्माण हो रहा है.

उन्होंने कहा कि मिट्टी का प्रस्ताव हमने ही सरकार को दिया था, क्योंकि सीता माता का जन्म मिट्टी से हुआ है. मंदिर निर्माण के लिए हर प्रदेश से मिट्टी सरकार को मांगनी चाहिए और देश की मिट्टी मंदिर में लगनी चाहिए. उन्होंने कहा कि यह कृषि और ऋषियों का देश है.आज जो मन्दिर निर्माण हो रहा है, कृषि और ऋषियों का वहां एक बड़ा तालमेल है.

उन्होंने कहा कि सरकार से चूक हुई. अखाड़ों से मिट्टी मंगाई और देश के खेत की मिट्टी नहीं ली, लेकिन वहां आज हम मिट्टी भिजवा रहे हैं. राम मंदिर का निर्माण हो रहा है, हमें बेहद खुशी है. हम भी रघुवंशी कुल के हैं. हमारे पूर्वज भी रघुवंशी थे. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 500 साल बाद वहां पर मंदिर निर्माण हो रहा है. हमने किसानों के खेत की मिट्टी वहां भिजवा दी है.

मुजफ्फरनगर: अयोध्या में राम मंदिर की भूमि पूजन के लिए विभिन्न तीर्थों और पौराणिक स्थानों की मिट्टी का प्रयोग किया जाएगा. इसके लिए विभिन्न पौराणिक स्थलों की मिट्टी अयोध्या मंदिर के लिए पहुंचाई गई है. वहीं भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने राम मंदिर के निर्माण में किसान के खेत की मिट्टी भी प्रयोग करने की मांग की है. उनका कहना है कि भारत एक कृषि प्रधान देश है, इसलिए किसान के खेत की मिट्टी अन्य तीर्थों की तरह ही पवित्र है, क्योंकि इसी मिट्टी से सीता माता जन्म ली थीं.

भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने ईटीवी भारत के साथ बातचीत में कहा कि राम मंदिर निर्माण सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर हो रहा है. माननीय सुप्रीम कोर्ट का सबको पालन करना चाहिए और हिंदुस्तान में सुप्रीम कोर्ट की बहुत अहमियत है, उसी आदेश पर राम मंदिर का निर्माण हो रहा है.

उन्होंने कहा कि मिट्टी का प्रस्ताव हमने ही सरकार को दिया था, क्योंकि सीता माता का जन्म मिट्टी से हुआ है. मंदिर निर्माण के लिए हर प्रदेश से मिट्टी सरकार को मांगनी चाहिए और देश की मिट्टी मंदिर में लगनी चाहिए. उन्होंने कहा कि यह कृषि और ऋषियों का देश है.आज जो मन्दिर निर्माण हो रहा है, कृषि और ऋषियों का वहां एक बड़ा तालमेल है.

उन्होंने कहा कि सरकार से चूक हुई. अखाड़ों से मिट्टी मंगाई और देश के खेत की मिट्टी नहीं ली, लेकिन वहां आज हम मिट्टी भिजवा रहे हैं. राम मंदिर का निर्माण हो रहा है, हमें बेहद खुशी है. हम भी रघुवंशी कुल के हैं. हमारे पूर्वज भी रघुवंशी थे. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 500 साल बाद वहां पर मंदिर निर्माण हो रहा है. हमने किसानों के खेत की मिट्टी वहां भिजवा दी है.

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