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विश्व एड्स दिवसः जागरूकता कार्यक्रम का होगा आयोजन

एक दिसबंर को विश्व एड्स दिवस के मौके पर मुजफ्फरनगर जिले में विभिन्न जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा. इसके तहत लोगों को एचआईवी (HIV) से बचाव के लिए जागरूक किया जाएगा. मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. प्रवीण चोपड़ा ने बताया कि विश्व एड्स दिवस पर जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी जे. के मार्गदर्शन में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित होंगे.

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Published : Nov 30, 2020, 10:31 PM IST

विश्व एड्स दिवस.
विश्व एड्स दिवस.

मुजफ्फरनगरः जिले में विश्व एड्स दिवस पर एक दिसंबर को जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा. इस दिवस को आयोजित करने का उद्देश्य एचआईवी रोग के प्रति पूरे विश्व में एकजुटता प्रदर्शित करना है. इसी क्रम में जिला अस्पताल में रिक्शा रैली के माध्यम से माइकिंग की गई और बताया गया की आमजनों को जागरूक करने के उद्देश्य से एक दिसंबर को विश्व एड्स दिवस मनाया जाएगा. मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. प्रवीण चोपड़ा ने बताया कि विश्व एड्स दिवस पर जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी जे. के मार्गदर्शन में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित होंगे.

सामान्य जीवन जीने के हकदार
सीएमओ ने कहा कि एचआईवी संक्रमित व्यक्तियों को छूने से, उनके साथ रहने से, साथ खाना खाने से, मच्छर काटने से, छींकने या खांसने से संक्रमण नहीं फैलता है. इसलिए एचआईवी संक्रमित व्यक्ति के साथ अच्छा व्यवहार करना चाहिए. उनके साथ भेदभाव नहीं करना चाहिए. वह भी हमारी ही तरह सामान्य जीवन जीने के हकदार हैं. यदि सहयोग करेंगे तो इलाज के सहारे वह लम्बे समय तक स्वस्थ जीवन जी सकते हैं.

ऐसे फैलता है एड्स
कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. लोकेश चंद गुप्ता ने बताया कि एड्स जिस वायरस के कारण होता है, उसका नाम एचआईवी (HIV) है. यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को धीरे-धीरे कम करता है. जब यह क्षमता क्षीण हो जाती है तो शरीर में विभिन्न रोगों के लक्षण प्रकट होने लगते हैं. इस अवस्था को एड्स कहते हैं. किसी एचआईवी ग्रसित व्यक्ति के सम्पर्क में आने वाले दूसरे स्वस्थ व्यक्ति को एचआईवी वायरस फैलने का खतरा होता है.

उन्होंने बताया कि कोई व्यक्ति बीमार या दुर्घटनाग्रस्त है और इलाज के दौरान उसे यदि एचआईवी संक्रमित का रक्त चढ़ाया जाता है तो उसे भी एचआईवी एड्स का संक्रमण हो सकता है. यदि एचआईवी संक्रमित व्यक्ति द्वारा इस्तेमाल की गई सुई और सीरिंज को अन्य व्यक्ति इस्तेमाल करता है तो उसे भी एचआईवी संक्रमण का खतरा रहता है. इसलिए हमेशा डिस्पोजेबल सुई और सीरिंज का ही उपयोग करें. एचआईवी संक्रमित गर्भवती महिला के होने वाले शिशु में भी एचआईवी संक्रमण का खतरा रहता है.

ऐसे कर सकते हैं रोकथाम
यौन सम्पर्क से पूर्व बचाव के सुरक्षा के आवश्यक उपाय करें. रक्त चढ़ाने की आवश्यकता पड़ने पर उसकी सम्पूर्ण जांच अवश्य करवा लें. हमेशा डिस्पोजेबल सुई एवं सीरिंज का उपयोग करें. शासन द्वारा एचआईवी परामर्श एवं जांच केन्द्रों का संचालन एकीकृत परामर्श एवं जांच केन्द्र (आईसीटीसी) सम्पूर्ण प्रदेश में किया जा रहा है. गर्भवती महिलाओं, टीबी के रोगियों, यौन रोगियों एवं जनसामान्य को निःशुल्क परामर्श एवं जांच सेवा उपलब्ध कराई जाती है. प्रदेश के विभिन्न जिला चिकित्सालयों तथा कुछ सामुदायिक स्वास्थ्य केंन्दों पर एकीकृत परामर्श जांच केन्द्र संचालित है. एचआईवी पॉजिटिव एवं एड्स पीड़ितों के उपचार के लिए एआरटी केन्द्रों का संचालन किया जा रहा है, जहां निःशुल्क औषधि एवं उपचार उपलब्ध है.

मुजफ्फरनगरः जिले में विश्व एड्स दिवस पर एक दिसंबर को जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा. इस दिवस को आयोजित करने का उद्देश्य एचआईवी रोग के प्रति पूरे विश्व में एकजुटता प्रदर्शित करना है. इसी क्रम में जिला अस्पताल में रिक्शा रैली के माध्यम से माइकिंग की गई और बताया गया की आमजनों को जागरूक करने के उद्देश्य से एक दिसंबर को विश्व एड्स दिवस मनाया जाएगा. मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. प्रवीण चोपड़ा ने बताया कि विश्व एड्स दिवस पर जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी जे. के मार्गदर्शन में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित होंगे.

सामान्य जीवन जीने के हकदार
सीएमओ ने कहा कि एचआईवी संक्रमित व्यक्तियों को छूने से, उनके साथ रहने से, साथ खाना खाने से, मच्छर काटने से, छींकने या खांसने से संक्रमण नहीं फैलता है. इसलिए एचआईवी संक्रमित व्यक्ति के साथ अच्छा व्यवहार करना चाहिए. उनके साथ भेदभाव नहीं करना चाहिए. वह भी हमारी ही तरह सामान्य जीवन जीने के हकदार हैं. यदि सहयोग करेंगे तो इलाज के सहारे वह लम्बे समय तक स्वस्थ जीवन जी सकते हैं.

ऐसे फैलता है एड्स
कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. लोकेश चंद गुप्ता ने बताया कि एड्स जिस वायरस के कारण होता है, उसका नाम एचआईवी (HIV) है. यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को धीरे-धीरे कम करता है. जब यह क्षमता क्षीण हो जाती है तो शरीर में विभिन्न रोगों के लक्षण प्रकट होने लगते हैं. इस अवस्था को एड्स कहते हैं. किसी एचआईवी ग्रसित व्यक्ति के सम्पर्क में आने वाले दूसरे स्वस्थ व्यक्ति को एचआईवी वायरस फैलने का खतरा होता है.

उन्होंने बताया कि कोई व्यक्ति बीमार या दुर्घटनाग्रस्त है और इलाज के दौरान उसे यदि एचआईवी संक्रमित का रक्त चढ़ाया जाता है तो उसे भी एचआईवी एड्स का संक्रमण हो सकता है. यदि एचआईवी संक्रमित व्यक्ति द्वारा इस्तेमाल की गई सुई और सीरिंज को अन्य व्यक्ति इस्तेमाल करता है तो उसे भी एचआईवी संक्रमण का खतरा रहता है. इसलिए हमेशा डिस्पोजेबल सुई और सीरिंज का ही उपयोग करें. एचआईवी संक्रमित गर्भवती महिला के होने वाले शिशु में भी एचआईवी संक्रमण का खतरा रहता है.

ऐसे कर सकते हैं रोकथाम
यौन सम्पर्क से पूर्व बचाव के सुरक्षा के आवश्यक उपाय करें. रक्त चढ़ाने की आवश्यकता पड़ने पर उसकी सम्पूर्ण जांच अवश्य करवा लें. हमेशा डिस्पोजेबल सुई एवं सीरिंज का उपयोग करें. शासन द्वारा एचआईवी परामर्श एवं जांच केन्द्रों का संचालन एकीकृत परामर्श एवं जांच केन्द्र (आईसीटीसी) सम्पूर्ण प्रदेश में किया जा रहा है. गर्भवती महिलाओं, टीबी के रोगियों, यौन रोगियों एवं जनसामान्य को निःशुल्क परामर्श एवं जांच सेवा उपलब्ध कराई जाती है. प्रदेश के विभिन्न जिला चिकित्सालयों तथा कुछ सामुदायिक स्वास्थ्य केंन्दों पर एकीकृत परामर्श जांच केन्द्र संचालित है. एचआईवी पॉजिटिव एवं एड्स पीड़ितों के उपचार के लिए एआरटी केन्द्रों का संचालन किया जा रहा है, जहां निःशुल्क औषधि एवं उपचार उपलब्ध है.

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