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जेल में अधिवक्ता के मुंशी के साथ हुई बर्बरता - मुजफ्फरनगर में अधिवक्ता के मुशी को पीटा

यूपी के मुजफ्फरनगर में कवाल में बनी कोविड-19 जेल में पुलिस ने एक वारंटी के साथ इतनी बर्बरता की कि उसका पैर ही तोड़ दिया. पीड़ित परिजनों ने घायल को जिला अस्पताल में भर्ती कराया है. घायल बुढ़ाना बार संघ के पूर्व अध्यक्ष विनय बालियान का मुंशी है.

जेल में अधिवक्ता के मुंशी के साथ हुई बर्बरता
जेल में अधिवक्ता के मुंशी के साथ हुई बर्बरता
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Published : Jan 26, 2021, 9:02 PM IST

मुजफ्फरनगर: जानसठ ब्लॉक के कवाल में बनाई गयी स्थाई जेल में बंदियों के साथ पुलिस की बर्बरता का एक ओर मामला सामने आया है. कवाल में बनी कोविड-19 जेल में पुलिस ने एक वारंटी के साथ इतनी बर्बरता की कि उसका पैर ही तोड़ दिया. पीड़ित परिजनों ने घायल को जिला अस्पताल में भर्ती कराया है. घायल बुढ़ाना बार संघ के पूर्व अध्यक्ष विनय बालियान का मुंशी है. घटना से क्षुब्ध अधिवक्ता जेल प्रसाशन के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराने की तैयारी में जुटे हैं.

कई वर्ष पहले पत्नी ने की थी आत्महत्या
कोतवाली क्षेत्र के गांव गढ़ीसखावतपुर निवासी मनीष सहरावत पुत्र जशबीर बुढ़ाना तहसील में पूर्व बार संघ अध्यक्ष विनय बालियान का मुंशी है. कई वर्ष पूर्व मनीष की पत्नी ने आत्महत्या कर ली थी, जिसको लेकर मृतका के परिजनों मनीष के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था. इस मामले में मनीष ने जमानत करा ली थी. कोरोना के दौरान यह मामला न्यायालय में पहुंच गया. जिसकी समन सूचना मनीष तक नहीं पहुंची और कईं तारीख बीत जाने के बाद न्यायालय से उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी हो गए.

22 जनवरी को लिया हिरासत में
गत 22 जनवरी की रात करीब 10 बजे बुढ़ाना पुलिस ने मनीष को उसके घर से हिरासत में ले लिया. अगले दिन पुलिस ने मनीष को जेल भेज दिया. शनिवार व छुट्टी का दिन होने के कारण मनीष की जमानत नहीं हो पाई. 25 जनवरी को सीजेएम न्यायालय से मनीष को जमानत मिली. कवाल जेल में परवाना देर से पहुंचने के कारण मनीष को 26 जनवरी को रिहा किया गया.

पिटाई से दाहिने पैर की टूटी हड्डी
रिहाई के वक्त मनीष का भाई सचिन व ताऊ का बेटा उसे लेने कवाल जेल पहुंचे. जहां काफी देर तक मनीष के बाहर नहीं आने पर सचिन ने पूछताछ की तो पता चला कि मनीष बेहोशी की हालत में अंदर पड़ा है. सचिन मनीष को लेकर बुढ़ाना आया और उसे कस्बे की सीएचसी में भर्ती कराया. चिकित्सकों ने जांच कर बताया कि मनीष का दाहिना पैर की जांघ की हड्डी टूटने से सूजन आ गयी है. बाद में चिकित्सकों ने मनीष को जिला अस्पताल रेफर कर दिया.

मुजफ्फरनगर: जानसठ ब्लॉक के कवाल में बनाई गयी स्थाई जेल में बंदियों के साथ पुलिस की बर्बरता का एक ओर मामला सामने आया है. कवाल में बनी कोविड-19 जेल में पुलिस ने एक वारंटी के साथ इतनी बर्बरता की कि उसका पैर ही तोड़ दिया. पीड़ित परिजनों ने घायल को जिला अस्पताल में भर्ती कराया है. घायल बुढ़ाना बार संघ के पूर्व अध्यक्ष विनय बालियान का मुंशी है. घटना से क्षुब्ध अधिवक्ता जेल प्रसाशन के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराने की तैयारी में जुटे हैं.

कई वर्ष पहले पत्नी ने की थी आत्महत्या
कोतवाली क्षेत्र के गांव गढ़ीसखावतपुर निवासी मनीष सहरावत पुत्र जशबीर बुढ़ाना तहसील में पूर्व बार संघ अध्यक्ष विनय बालियान का मुंशी है. कई वर्ष पूर्व मनीष की पत्नी ने आत्महत्या कर ली थी, जिसको लेकर मृतका के परिजनों मनीष के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था. इस मामले में मनीष ने जमानत करा ली थी. कोरोना के दौरान यह मामला न्यायालय में पहुंच गया. जिसकी समन सूचना मनीष तक नहीं पहुंची और कईं तारीख बीत जाने के बाद न्यायालय से उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी हो गए.

22 जनवरी को लिया हिरासत में
गत 22 जनवरी की रात करीब 10 बजे बुढ़ाना पुलिस ने मनीष को उसके घर से हिरासत में ले लिया. अगले दिन पुलिस ने मनीष को जेल भेज दिया. शनिवार व छुट्टी का दिन होने के कारण मनीष की जमानत नहीं हो पाई. 25 जनवरी को सीजेएम न्यायालय से मनीष को जमानत मिली. कवाल जेल में परवाना देर से पहुंचने के कारण मनीष को 26 जनवरी को रिहा किया गया.

पिटाई से दाहिने पैर की टूटी हड्डी
रिहाई के वक्त मनीष का भाई सचिन व ताऊ का बेटा उसे लेने कवाल जेल पहुंचे. जहां काफी देर तक मनीष के बाहर नहीं आने पर सचिन ने पूछताछ की तो पता चला कि मनीष बेहोशी की हालत में अंदर पड़ा है. सचिन मनीष को लेकर बुढ़ाना आया और उसे कस्बे की सीएचसी में भर्ती कराया. चिकित्सकों ने जांच कर बताया कि मनीष का दाहिना पैर की जांघ की हड्डी टूटने से सूजन आ गयी है. बाद में चिकित्सकों ने मनीष को जिला अस्पताल रेफर कर दिया.

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