चंदौली: चंदौली स्वास्थ्य व्यवस्था की खामियों को ईटीवी भारत ने लगातार उजागर किया. ईटीवी भारत की टीम ने बबुरी सीएचसी, इकोनी सीएचसी, डॉट्स सेंटर, आईसीयू और ट्रॉमा सेंटर के हालात से रूबरू कराया. वहीं ईटीवी भारत ने चंदौली स्वास्थ्य सेवा को लेकर यूपी के स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह के साथ खास बातचीत की.
ईटीवी भारत संवाददाता ने उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह से बात की तो उन्होंने चारों सीएचसी की रुकी हुई परियोजना पर संज्ञान लेने की बात कही. उन्होंने कहा कि वह इसकी जांच कराएंगे कि ये प्रोजेक्ट कब शुरू हुआ था और क्यों रुका पड़ा रहा. इसमें आने वाली रुकावटों को दूर कर स्वास्थ्य केन्द्रों के जल्द शुरु होने की बात कही.
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भेजी गई डिमांड को करवाएंगे चेक
वहीं जिला अस्पताल परिसर में शो पीस बनी आईसीयू बिल्डिंग को चालू किए जाने के सवाल पर कहा कि इसके लिए वे विभाग से भेजी गई डिमांड को चेक करवाएंगे. 2014 में अखिलेश यादव ने आईसीयू बिल्डिंग का लोकार्पण किया था और कुछ जरूरी इंस्ट्रूमेंट्स भी आ चुके हैं, लेकिन मैन पावर की कमी के चलते इसे शुरू नहीं किया जा सका. स्वास्थ्य मंत्री ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए कहा कि मैन पॉवर और कुछ सामान की कमी के चलते आईसीयू बंद नहीं होना चाहिए.
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अधर में लटके जिले के चार सामुदायिक केंद्र
आपको बता दें कि जिले में चार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों का निर्माण अधर में लटका पड़ा है. जिसमें बबुरी, नियामताबाद, चहनियां और शहाबगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र शामिल है. ये सभी प्रोजेक्ट भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गए और इनके लिए आवंटित धन खर्च हो गए, लेकिन भवन का निर्माण नहीं हो सका. अब आर्थिक अपराध शाखा जांच इस मामले में जांच कर रही है.
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जांच के बाद होगी कार्रवाई
इसके अलावा टीबी के मरीजों के बेहतर इलाज के लिए बनने वाला 10 बेड का डॉट्स सेंटर भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया. 75 लाख रुपये के इस प्रोजेक्ट का आधा पैसा खर्च होने के बावजूद इसका काम नींव तक भी नहीं पहुंच सका. कार्यदायी संस्था राजकीय निर्माण निगम और ठेकेदार काम छोड़ कर फरार हो गए. इस पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि चन्दौली में रुके प्रोजेक्ट को संज्ञान लेकर इसे जल्द चालू करेंगे. यहीं नहीं अगर निर्माण एजेंसी पैसा लेने के बावजूद निर्माण कार्य पूरा नहीं किया तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.