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चंदौली में स्वास्थ्य व्यवस्था पर जय प्रताप सिंह का बयान, कहा- रुके प्रोजेक्ट का संज्ञान लेकर जल्द करेंगे चालू - चंदौली टॉमा सेंटर

ईटीवी भारत चंदौली की स्वास्थ्य व्यवस्था पर लगातार मुहिम चला रहा है. जिसमें सभी अधूरी पड़ी परियोजनाओं का ग्राउंड रिएलिटी चेक किया गया. ईटीवी भारत की इस मुहिम पर स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने संज्ञान लेते हुए जल्द ही रुके प्रोजेक्ट को चालू कराने की बात कही.

ईटीवी भारत से बात करते स्वास्थ्य व्यवस्था.
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Published : Sep 26, 2019, 7:23 PM IST

चंदौली: चंदौली स्वास्थ्य व्यवस्था की खामियों को ईटीवी भारत ने लगातार उजागर किया. ईटीवी भारत की टीम ने बबुरी सीएचसी, इकोनी सीएचसी, डॉट्स सेंटर, आईसीयू और ट्रॉमा सेंटर के हालात से रूबरू कराया. वहीं ईटीवी भारत ने चंदौली स्वास्थ्य सेवा को लेकर यूपी के स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह के साथ खास बातचीत की.

ईटीवी भारत से बात करते स्वास्थ्य व्यवस्था.

ईटीवी भारत संवाददाता ने उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह से बात की तो उन्होंने चारों सीएचसी की रुकी हुई परियोजना पर संज्ञान लेने की बात कही. उन्होंने कहा कि वह इसकी जांच कराएंगे कि ये प्रोजेक्ट कब शुरू हुआ था और क्यों रुका पड़ा रहा. इसमें आने वाली रुकावटों को दूर कर स्वास्थ्य केन्द्रों के जल्द शुरु होने की बात कही.

ये भी पढ़ें- चंदौली की स्वास्थ्य व्यवस्था पर महेंद्र नाथ पांडेय का बयान, कहा- स्वास्थ्य मंत्रालय से बात कर कमियों को करेंगे दूर

भेजी गई डिमांड को करवाएंगे चेक
वहीं जिला अस्पताल परिसर में शो पीस बनी आईसीयू बिल्डिंग को चालू किए जाने के सवाल पर कहा कि इसके लिए वे विभाग से भेजी गई डिमांड को चेक करवाएंगे. 2014 में अखिलेश यादव ने आईसीयू बिल्डिंग का लोकार्पण किया था और कुछ जरूरी इंस्ट्रूमेंट्स भी आ चुके हैं, लेकिन मैन पावर की कमी के चलते इसे शुरू नहीं किया जा सका. स्वास्थ्य मंत्री ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए कहा कि मैन पॉवर और कुछ सामान की कमी के चलते आईसीयू बंद नहीं होना चाहिए.

ये भी पढ़ें- चंदौली: कब बनकर होगा तैयार महेन्द्र नाथ पांडेय का ड्रीम प्रोजेक्ट​​​​​​​

अधर में लटके जिले के चार सामुदायिक केंद्र
आपको बता दें कि जिले में चार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों का निर्माण अधर में लटका पड़ा है. जिसमें बबुरी, नियामताबाद, चहनियां और शहाबगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र शामिल है. ये सभी प्रोजेक्ट भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गए और इनके लिए आवंटित धन खर्च हो गए, लेकिन भवन का निर्माण नहीं हो सका. अब आर्थिक अपराध शाखा जांच इस मामले में जांच कर रही है.

ये भी पढ़ें- चंदौली डॉट्स सेंटर के बजट का आधा पैसा खर्च, नींव तक भी नहीं पहुंचा निर्माण​​​​​​​

जांच के बाद होगी कार्रवाई
इसके अलावा टीबी के मरीजों के बेहतर इलाज के लिए बनने वाला 10 बेड का डॉट्स सेंटर भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया. 75 लाख रुपये के इस प्रोजेक्ट का आधा पैसा खर्च होने के बावजूद इसका काम नींव तक भी नहीं पहुंच सका. कार्यदायी संस्था राजकीय निर्माण निगम और ठेकेदार काम छोड़ कर फरार हो गए. इस पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि चन्दौली में रुके प्रोजेक्ट को संज्ञान लेकर इसे जल्द चालू करेंगे. यहीं नहीं अगर निर्माण एजेंसी पैसा लेने के बावजूद निर्माण कार्य पूरा नहीं किया तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

चंदौली: चंदौली स्वास्थ्य व्यवस्था की खामियों को ईटीवी भारत ने लगातार उजागर किया. ईटीवी भारत की टीम ने बबुरी सीएचसी, इकोनी सीएचसी, डॉट्स सेंटर, आईसीयू और ट्रॉमा सेंटर के हालात से रूबरू कराया. वहीं ईटीवी भारत ने चंदौली स्वास्थ्य सेवा को लेकर यूपी के स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह के साथ खास बातचीत की.

ईटीवी भारत से बात करते स्वास्थ्य व्यवस्था.

ईटीवी भारत संवाददाता ने उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह से बात की तो उन्होंने चारों सीएचसी की रुकी हुई परियोजना पर संज्ञान लेने की बात कही. उन्होंने कहा कि वह इसकी जांच कराएंगे कि ये प्रोजेक्ट कब शुरू हुआ था और क्यों रुका पड़ा रहा. इसमें आने वाली रुकावटों को दूर कर स्वास्थ्य केन्द्रों के जल्द शुरु होने की बात कही.

ये भी पढ़ें- चंदौली की स्वास्थ्य व्यवस्था पर महेंद्र नाथ पांडेय का बयान, कहा- स्वास्थ्य मंत्रालय से बात कर कमियों को करेंगे दूर

भेजी गई डिमांड को करवाएंगे चेक
वहीं जिला अस्पताल परिसर में शो पीस बनी आईसीयू बिल्डिंग को चालू किए जाने के सवाल पर कहा कि इसके लिए वे विभाग से भेजी गई डिमांड को चेक करवाएंगे. 2014 में अखिलेश यादव ने आईसीयू बिल्डिंग का लोकार्पण किया था और कुछ जरूरी इंस्ट्रूमेंट्स भी आ चुके हैं, लेकिन मैन पावर की कमी के चलते इसे शुरू नहीं किया जा सका. स्वास्थ्य मंत्री ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए कहा कि मैन पॉवर और कुछ सामान की कमी के चलते आईसीयू बंद नहीं होना चाहिए.

ये भी पढ़ें- चंदौली: कब बनकर होगा तैयार महेन्द्र नाथ पांडेय का ड्रीम प्रोजेक्ट​​​​​​​

अधर में लटके जिले के चार सामुदायिक केंद्र
आपको बता दें कि जिले में चार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों का निर्माण अधर में लटका पड़ा है. जिसमें बबुरी, नियामताबाद, चहनियां और शहाबगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र शामिल है. ये सभी प्रोजेक्ट भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गए और इनके लिए आवंटित धन खर्च हो गए, लेकिन भवन का निर्माण नहीं हो सका. अब आर्थिक अपराध शाखा जांच इस मामले में जांच कर रही है.

ये भी पढ़ें- चंदौली डॉट्स सेंटर के बजट का आधा पैसा खर्च, नींव तक भी नहीं पहुंचा निर्माण​​​​​​​

जांच के बाद होगी कार्रवाई
इसके अलावा टीबी के मरीजों के बेहतर इलाज के लिए बनने वाला 10 बेड का डॉट्स सेंटर भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया. 75 लाख रुपये के इस प्रोजेक्ट का आधा पैसा खर्च होने के बावजूद इसका काम नींव तक भी नहीं पहुंच सका. कार्यदायी संस्था राजकीय निर्माण निगम और ठेकेदार काम छोड़ कर फरार हो गए. इस पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि चन्दौली में रुके प्रोजेक्ट को संज्ञान लेकर इसे जल्द चालू करेंगे. यहीं नहीं अगर निर्माण एजेंसी पैसा लेने के बावजूद निर्माण कार्य पूरा नहीं किया तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

Intro:चंदौली - केंद्र की मोदी और प्रदेश की योगी सरकार आम जनता को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने की चाहे लाख दावे कर लें, लेकिन जमीनी हकीकत इससे अलग है. इसकी हकीकत चंदौली में बेपटरी हो चुकी स्वास्थ्य सेवाएं खुद बयां कर रही हैं. केंद्रीय मंत्री डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय के संसदीय क्षेत्र में आधा दर्जन से अधिक बड़ी स्वास्थ्य परियोजनाएं अधर में लटके हुए हैं. ईटीवी भारत ने चंदौली स्वास्थ्य सेवा को लेकर यूपी के स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह से खास बातचीत की.



Body:ईटीवी भारत जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था पर लगातार मुहिम चला रहा है. जिसमें सभी अधूरी पड़ी परियोजनाओं का ग्राउंड रियल्टी चेक किया. ईटीवी भारत ने बबुरी सीएचसी, इकोनी सीएचसी, डॉट्स सेंटर, आईसीयू और ट्रॉमा सेंटर के हालात से रूबरू कराया.

चंदौली जिला का ये हाल तब है, जब यह एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट में शामिल किया गया है. यहीं नहीं केंद्रीय कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय का संसदीय क्षेत्र है, जो यहां से 5 साल सांसद रह चुके हैं.यहीं नहीं पिछले ढाई साल की योगी सरकार में प्रभारी मंत्री रहे जय प्रकाश निषाद से लेकर पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह तक कई बार निरीक्षण और दौरा कर चुके है. बावजूद इसके जिले में ये योजनाएं परवान न चढ़ सकी. लेकिन अब

ईटीवी भारत संवाददाता ने उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह से बात की तो उन्होंने चारों सीएचसी के रुके हुई परियोजना का संज्ञान में लेने की बात कही.उन्होंने कहा वे इसकी जांच कराएंगे की ये प्रोजेक्ट कब शुरू हुआ था और क्यों रुका पड़ा. इसमें आने वाली रुकावटों को दूर कर इसे जल्द पूरा कराया जाएगा.

आपको बता दें जिले में चार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों का निर्माण अधर में लटका पड़ा है. जिसमें बबुरी, नियामताबाद, चहनियां और शहाबगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र शामिल है. ये सभी प्रोजेक्ट भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गए और इनके लिए आवंटित धन खर्च हो गए, लेकिन भवन का निर्माण नहीं हो सका. अब आर्थिक अपराध शाखा जांच कर रह है.

इसके अलावा टीबी के मरीजों के बेहतर इलाज के बनने वाला 10 बेड का डॉट्स सेंटर भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया. 75 लाख रुपये के इस प्रोजेक्ट का आधा पैसा खर्च होने के बावजूद इसका काम निर्माण कार्य नींव तक भी नहीं पहुँच सका.कार्यदायी संस्था राजकीय निर्माण निगम और ठेकेदार काम छोड़ कर फरार हो गए. इस पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि चन्दौली में रुके प्रोजेक्ट को संज्ञान लेकर इसे जल्द चालू करेंगे. यहीं नहीं अगर निर्माण एजेंसी पैसा लेने के बावजूद निर्माण कार्य पूरा नहीं किया तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

वहीं जिला अस्पताल परिसर में शो पीस बनी आईसीयू बिल्डिंग को चालू किये जाने के सवाल पर कहा कि इसके वे लिए विभाग से भेजी गई डिमांड को चेक करवाने के बाद इसे जल्द पूरा करने का प्रयास किया जाएगा. गौरतलब है कि 2014 में अखिलेश यादव ने आईसीयू बिल्डिंग का लोकार्पण किया था. और कुछ जरूरी इंस्ट्रूमेंट्स भी आ चुके है. लेकिन मैन पावर की कमी के चलते इसे शुरू नहीं किया जा सका. ईटीवी भारत संवाददाता से बात करते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए कहा कि मैन पॉवर और कुछ सामान की कमी के चलते आईसीयू बंद नहीं होना चाहिए.


वन टू वन जय प्रताप सिंह स्वास्थ्य मंत्रीConclusion:Kamalesh giri
Chandauli
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