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चंदौली: खून की तस्करी के आरोप में तीन अभियुक्त गिरफ्तार - swastic hospital sealed

यूपी के चंदौली में पुलिस ने खून की तस्करी के आरोप में सोमवार को तीन अभियुक्तों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. इसमें शुभम पैथोलॉजी के संचालक शशिकांत यादव, स्वास्तिक अस्पताल के संचालक डॉक्टर केपी सिंह और मैनेजर रामबचन पांडे शामिल हैं.

तीन गिरफ्तार.
तीन गिरफ्तार.
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Published : Jul 6, 2020, 10:22 PM IST

Updated : Jul 7, 2020, 2:27 PM IST

चंदौली: जनपद में पुलिस ने खून की तस्करी के आरोप में सोमवार को तीन अभियुक्तों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. इसमें शुभम पैथोलॉजी के संचालक शशिकांत यादव समेत स्वास्तिक अस्पताल के संचालक डॉक्टर केपी सिंह और मैनेजर रामबचन पांडे शामिल हैं. फिलहाल इस मामले में स्वास्तिक अस्पताल समेत वैभव पैथोलॉजी और शुभम पैथोलॉजी को सील किया गया है. साथ ही इसकी जांच के लिये एसआईटी का गठन कर दिया गया है.

अभियुक्तों को भेजा गया जेल.

दरअसल सदर कोतवाली पुलिस ने शनिवार की रात दो खून तस्करों को गिरफ्तार किया था. उनके पास से दो यूनिट ब्लड भी बरामद हुआ था. पूछताछ में भानु प्रताप और बब्बू चौहान ने बताया कि बताया कि दोनों ब्लड तस्कर वैभव पैथोलॉजी और शुभम पैथोलॉजी के माध्यम से खून लेकर स्वास्तिक अस्पताल को सप्लाई करते थे. इसके एवज में उन्हें संचालक केपी सिंह द्वारा 2,500 रुपये प्रति ब्लड यूनिट भुगतान किया जाता था. इसके बाद बल्ड 8 से 10 हजार रुपये प्रतिय में बेचा जाता था.

बिना मानक के ही संचालित हो रहे पैथोलॉजी
पुलिस की जांच में यह खुलासा हुआ कि पैथोलॉजी में निकाला गया खून बिना किसी जांच के ही मरीजों को चढ़ाया जाता था, जबकि उनको ब्लड सैंपलिंग का अधिकार नहीं था.

बिना जांच के ही चढ़ा देते थे ब्लड
पुलिस ने बताया कि डॉक्टर केपी सिंह के संरक्षण में अवैध ब्लड गरीबों से निकालने और बिना परीक्षण किये मरीजों को चढ़ाए जाने का रैकेट संचालित हो रहा था.

बिहार तक फैला है ब्लड तस्करी का रैकेट
यह गिरोह बिहार प्रांत के मोहनिया स्थित नारायण नर्सिंग होम को भी खून सप्लाई करता था. इस मामले में एसपी चंदौली ने कैमूर डीएम, एसपी और सीएमओ को पत्र लिखकर कार्रवाई करने की बात कही है.

आयुष्मान योजना से मुनाफा के लिये चढ़ा देते थे ब्लड
प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट आयुष्मान भारत योजना के तहत आये मरीजों का भी शोषण होता था. स्वास्तिक अस्पताल मरीजों को भर्ती कर ब्लड की आवश्यकता न होने पर भी फर्जी ढंग से ब्लड चढ़ाकर योजना के अंतर्गत भुगतान कराकर भारी-भरकम मुनाफा कमाता था.

जांच के लिए एसआईटी गठित
एसपी चन्दौली हेमन्त कुटियाल ने बताया यह रैकेट बहुत बड़ा है. इस रैकेट में दर्जनों कैरियर शामिल हैं. स्वास्तिक हॉस्पिटल और इन दो पैथ लैब के अलावा कई अन्य संस्थान भी इस गोरखधंधे में शामिल हैं. इस मामले की जांच के लिए पुलिसकर्मियों की स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम का गठन किया है.

चंदौली: जनपद में पुलिस ने खून की तस्करी के आरोप में सोमवार को तीन अभियुक्तों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. इसमें शुभम पैथोलॉजी के संचालक शशिकांत यादव समेत स्वास्तिक अस्पताल के संचालक डॉक्टर केपी सिंह और मैनेजर रामबचन पांडे शामिल हैं. फिलहाल इस मामले में स्वास्तिक अस्पताल समेत वैभव पैथोलॉजी और शुभम पैथोलॉजी को सील किया गया है. साथ ही इसकी जांच के लिये एसआईटी का गठन कर दिया गया है.

अभियुक्तों को भेजा गया जेल.

दरअसल सदर कोतवाली पुलिस ने शनिवार की रात दो खून तस्करों को गिरफ्तार किया था. उनके पास से दो यूनिट ब्लड भी बरामद हुआ था. पूछताछ में भानु प्रताप और बब्बू चौहान ने बताया कि बताया कि दोनों ब्लड तस्कर वैभव पैथोलॉजी और शुभम पैथोलॉजी के माध्यम से खून लेकर स्वास्तिक अस्पताल को सप्लाई करते थे. इसके एवज में उन्हें संचालक केपी सिंह द्वारा 2,500 रुपये प्रति ब्लड यूनिट भुगतान किया जाता था. इसके बाद बल्ड 8 से 10 हजार रुपये प्रतिय में बेचा जाता था.

बिना मानक के ही संचालित हो रहे पैथोलॉजी
पुलिस की जांच में यह खुलासा हुआ कि पैथोलॉजी में निकाला गया खून बिना किसी जांच के ही मरीजों को चढ़ाया जाता था, जबकि उनको ब्लड सैंपलिंग का अधिकार नहीं था.

बिना जांच के ही चढ़ा देते थे ब्लड
पुलिस ने बताया कि डॉक्टर केपी सिंह के संरक्षण में अवैध ब्लड गरीबों से निकालने और बिना परीक्षण किये मरीजों को चढ़ाए जाने का रैकेट संचालित हो रहा था.

बिहार तक फैला है ब्लड तस्करी का रैकेट
यह गिरोह बिहार प्रांत के मोहनिया स्थित नारायण नर्सिंग होम को भी खून सप्लाई करता था. इस मामले में एसपी चंदौली ने कैमूर डीएम, एसपी और सीएमओ को पत्र लिखकर कार्रवाई करने की बात कही है.

आयुष्मान योजना से मुनाफा के लिये चढ़ा देते थे ब्लड
प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट आयुष्मान भारत योजना के तहत आये मरीजों का भी शोषण होता था. स्वास्तिक अस्पताल मरीजों को भर्ती कर ब्लड की आवश्यकता न होने पर भी फर्जी ढंग से ब्लड चढ़ाकर योजना के अंतर्गत भुगतान कराकर भारी-भरकम मुनाफा कमाता था.

जांच के लिए एसआईटी गठित
एसपी चन्दौली हेमन्त कुटियाल ने बताया यह रैकेट बहुत बड़ा है. इस रैकेट में दर्जनों कैरियर शामिल हैं. स्वास्तिक हॉस्पिटल और इन दो पैथ लैब के अलावा कई अन्य संस्थान भी इस गोरखधंधे में शामिल हैं. इस मामले की जांच के लिए पुलिसकर्मियों की स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम का गठन किया है.

Last Updated : Jul 7, 2020, 2:27 PM IST
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