चंदौली: उत्तर प्रदेश में अराजकता समेत दस सूत्रीय मांगों को लेकर साइकिल यात्रा निकाले जाने से पहले ही पूर्व दर्जा प्राप्त मंत्री संतोष यादव को नजरबंद कर दिया गया. संतोष यादव को कार्यकर्ताओं संग जिलाधिकारी से मिलकर राज्यपाल को संबोधित पत्रक सौंपना था, लेकिन पुलिस ने इसके पहले ही उन्हें घर में नजरबंद कर दिया. हालांकि कार्यकर्ता रैली निकालने पर अड़े रहे. बाद में एडीएम मुगलसराय ने घर पहुंचकर उनका पत्रक लिया.
पूर्व दर्जा प्राप्त मंत्री संतोष यादव ने कहा कि प्रदेश में अराजकता का माहौल है. सड़क गड्ढामुक्त की जगह गड्डा युक्त है. किसानों को खाद नहीं मिल रही है. इसके बदले कालाबाजारी हो रही है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में अपराध और भ्रष्टाचार का बोलबाला है. सरकारी आईटीआई कॉलेजों का निजीकरण किया जा रहा है. युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा है.
सपा नेता संतोष यादव ने कहा कि कोविड-19 महामारी में बंद स्कूल भी अभिभावकों से जबरजस्ती फीस वसूल रहे हैं. इन सबके विरोध में साइकिल यात्रा निकालकर वे राज्यपाल को संबोधित जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपने जा रहे थे. जब इसकी जानकारी पुलिस प्रशासन को हुई तो उन्होंने सोमवार की दोपहर उनके आवास पर ही कार्यकर्ताओं संग नजरबंद कर दिया.
सपा कार्यकर्ता कलेक्ट्रेट जाने पर अड़े रहे. हालांकि बाद में एसडीएम सीपू गिरी व सीओ सदर कुंवर प्रभात सिंह के समझाने बुझाने के बाद इनको घर पर ही पत्रक सौंपना पड़ा.
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