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डीएम की जांच में स्वास्थ्य विभाग के कई कर्मचारी ड्यूटी से नदारद, कार्रवाई के आदेश - चंदौली ताजा समाचार

यूपी के चंदौली में औचक निरीक्षण पर निकले जिलाधिकारी संजीव सिंह और जॉइंट मजिस्ट्रेट प्रेम प्रकाश मीणा के निरीक्षण में जिले का स्वास्थ्य महकमा पूरी तरह फेल नजर आया. निरीक्षण में कई कर्मचारी ड्यूटी से नदारद मिले. सभी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं.

स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी ड्यूटी से नदारद
स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी ड्यूटी से नदारद
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Published : Dec 20, 2021, 10:30 PM IST

चन्दौली: आजादी के 7 दशक बाद भी चन्दौली अति पिछड़े जिलों के शामिल है. इसकी पीछे सबसे बड़ी वजह सरकारी महकमे में तैनात कर्मी हैं, जो सरकार की योजनाओं को लोगों तक पहुंचने की राह को तोड़ रहे हैं. जिलाधिकारी संजीव सिंह और जॉइंट मजिस्ट्रेट प्रेम प्रकाश मीणा के निरीक्षण में जिले का स्वास्थ्य महकमा पूरी तरह फेल नजर आया. सोमवार को जिलाधिकारी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं हेल्थ एण्ड वेलनेस सेन्टर मैढ़ी का औचक निरीक्षण करने पहुंचे. निरीक्षण में कुल 18 कर्मचारी अनुपस्थित पाये गए. जबकि जॉइंट मजिस्ट्रेट के निरीक्षण में 4 कर्मी गायब मिले, जो अनाधिकृत रूप से लम्बे समय से गायब थे. सभी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं.

दरअसल, सोमवार को जिलाधिकारी संजीव सिंह सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं हेल्थ एण्ड वेलनेस सेन्टर मैढ़ी का औचक निरीक्षण करने पहुंचे. निरीक्षण में कुल 18 कर्मचारी अनुपस्थित पाये गए, जिसमें 6 चिकित्सक, 1 स्टाफ नर्स, 1 फार्मास्टि सहित 10 संविदा कर्मचारी अनुपस्थित रहे. जिलाधिकारी ने अनुपस्थित कर्मचारियों का एक दिन का वेतन रोकने के निर्देश दिए हैं. साथ ही जिलाधिकारी द्वारा उपस्थिति रजिस्टर की जांच के दौरान पाया कि काफी डॉक्टर और कर्मचारी पिछले कई दिनों की उपस्थिति रजिस्टर में हस्ताक्षर दर्ज नहीं है. जिस पर जिलाधिकारी ने उन सभी दिनों का अनुपस्थित मानते हुए कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं.

इसके अलावा जिलाधिकारी के निरीक्षण में ओपीडी संचालित नहीं पायी गई. साथ ही जांच में यह भी पाया गया कि सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मैढ़ी के सब सेन्टर पर एक भी डिलीवरी नहीं की जा रही है. निरीक्षण के दौरान ऑपरेशन रूम क्रियाशील नहीं पाया गया. इसके अलावा लेबर रूम में प्रयोग होने वाले उपकरण होने बावजूद भी वह स्टॉलेशन और क्रियाशील स्थिति में नही थे. जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्साधिकारी से तीन दिन में आवश्यक कार्रवाई की रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए. निरीक्षण में OPD और IPD भी संचालित नहीं पायी गई. जिलाधिकारी ने बताया कि निरीक्षण के दौरान पुराने जर्जर भवन मिले, जबकि इसके लिए पूर्व में मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देशित किया जा चुका है. लेकिन अभी तक जर्जर भवन को ध्वस्त नहीं किया गया है. पूर्व में पत्राचार भी किया गया है, बावजूद इसके अब तक ध्वस्तीकरण नहीं कराने पर मुख्य चिकित्साधिकारी से जबाब-तलब किया जाएगा. मुख्य चिकित्साधिकारी से इस आशय का स्पष्टीकरण मांगा गया है.

इसके बाद जॉइंट मजिस्ट्रेट और चकिया एसडीएम प्रेम प्रकाश मीणा कटवांमाफी स्वास्थ्य केंद्र का औचक निरीक्षण करने पहुंच गए. जहां फार्मासिस्ट अखिलेश पांडेय, सुनील कुमार सिंह, बीएचडब्ल्यू आरती देवी, इंटर्न सद्दाम हुसैन बगैर छुट्टी लिए ही स्वास्थ्य केंद्र से गायब मिले. ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ने जब अभिलेखों का निरीक्षण किया तो पता चला कि यह सारे कर्मचारी लंबे समय से बगैर छुट्टी लिए अनाधिकृत रूप से स्वास्थ्य केंद्र से गायब हैं. जिस पर उन्होंने अनुपस्थित अधिकारियों तथा कर्मचारियों के विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई किए जाने का निर्देश दिया. इसके अलावा स्वास्थ्य केंद्र पर साफ सफाई, टॉयलेट, ऑपरेशन थिएटर, वूमेन वार्ड की स्थिति बेहद खराब पाई गई और काफी समय से साफ सफाई न होने पर उन्होंने प्रभारी चिकित्सा अधिकारी निलेश मालवीय को कड़ी फटकार लगाई.

चन्दौली: आजादी के 7 दशक बाद भी चन्दौली अति पिछड़े जिलों के शामिल है. इसकी पीछे सबसे बड़ी वजह सरकारी महकमे में तैनात कर्मी हैं, जो सरकार की योजनाओं को लोगों तक पहुंचने की राह को तोड़ रहे हैं. जिलाधिकारी संजीव सिंह और जॉइंट मजिस्ट्रेट प्रेम प्रकाश मीणा के निरीक्षण में जिले का स्वास्थ्य महकमा पूरी तरह फेल नजर आया. सोमवार को जिलाधिकारी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं हेल्थ एण्ड वेलनेस सेन्टर मैढ़ी का औचक निरीक्षण करने पहुंचे. निरीक्षण में कुल 18 कर्मचारी अनुपस्थित पाये गए. जबकि जॉइंट मजिस्ट्रेट के निरीक्षण में 4 कर्मी गायब मिले, जो अनाधिकृत रूप से लम्बे समय से गायब थे. सभी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं.

दरअसल, सोमवार को जिलाधिकारी संजीव सिंह सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं हेल्थ एण्ड वेलनेस सेन्टर मैढ़ी का औचक निरीक्षण करने पहुंचे. निरीक्षण में कुल 18 कर्मचारी अनुपस्थित पाये गए, जिसमें 6 चिकित्सक, 1 स्टाफ नर्स, 1 फार्मास्टि सहित 10 संविदा कर्मचारी अनुपस्थित रहे. जिलाधिकारी ने अनुपस्थित कर्मचारियों का एक दिन का वेतन रोकने के निर्देश दिए हैं. साथ ही जिलाधिकारी द्वारा उपस्थिति रजिस्टर की जांच के दौरान पाया कि काफी डॉक्टर और कर्मचारी पिछले कई दिनों की उपस्थिति रजिस्टर में हस्ताक्षर दर्ज नहीं है. जिस पर जिलाधिकारी ने उन सभी दिनों का अनुपस्थित मानते हुए कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं.

इसके अलावा जिलाधिकारी के निरीक्षण में ओपीडी संचालित नहीं पायी गई. साथ ही जांच में यह भी पाया गया कि सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मैढ़ी के सब सेन्टर पर एक भी डिलीवरी नहीं की जा रही है. निरीक्षण के दौरान ऑपरेशन रूम क्रियाशील नहीं पाया गया. इसके अलावा लेबर रूम में प्रयोग होने वाले उपकरण होने बावजूद भी वह स्टॉलेशन और क्रियाशील स्थिति में नही थे. जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्साधिकारी से तीन दिन में आवश्यक कार्रवाई की रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए. निरीक्षण में OPD और IPD भी संचालित नहीं पायी गई. जिलाधिकारी ने बताया कि निरीक्षण के दौरान पुराने जर्जर भवन मिले, जबकि इसके लिए पूर्व में मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देशित किया जा चुका है. लेकिन अभी तक जर्जर भवन को ध्वस्त नहीं किया गया है. पूर्व में पत्राचार भी किया गया है, बावजूद इसके अब तक ध्वस्तीकरण नहीं कराने पर मुख्य चिकित्साधिकारी से जबाब-तलब किया जाएगा. मुख्य चिकित्साधिकारी से इस आशय का स्पष्टीकरण मांगा गया है.

इसके बाद जॉइंट मजिस्ट्रेट और चकिया एसडीएम प्रेम प्रकाश मीणा कटवांमाफी स्वास्थ्य केंद्र का औचक निरीक्षण करने पहुंच गए. जहां फार्मासिस्ट अखिलेश पांडेय, सुनील कुमार सिंह, बीएचडब्ल्यू आरती देवी, इंटर्न सद्दाम हुसैन बगैर छुट्टी लिए ही स्वास्थ्य केंद्र से गायब मिले. ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ने जब अभिलेखों का निरीक्षण किया तो पता चला कि यह सारे कर्मचारी लंबे समय से बगैर छुट्टी लिए अनाधिकृत रूप से स्वास्थ्य केंद्र से गायब हैं. जिस पर उन्होंने अनुपस्थित अधिकारियों तथा कर्मचारियों के विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई किए जाने का निर्देश दिया. इसके अलावा स्वास्थ्य केंद्र पर साफ सफाई, टॉयलेट, ऑपरेशन थिएटर, वूमेन वार्ड की स्थिति बेहद खराब पाई गई और काफी समय से साफ सफाई न होने पर उन्होंने प्रभारी चिकित्सा अधिकारी निलेश मालवीय को कड़ी फटकार लगाई.

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