चन्दौली: जनपद में गरीब इलाज के अभाव में दम तोड़ देते हैं या फिर उन्हें वाराणसी रेफर कर दिया जाता है. जिला अस्पताल में करीब 5 साल पहले आईसीयू केंद्र बना, लेकिन यह सिर्फ इसलिए नहीं चालू किया जा सका क्योंकि इसे चलाने के लिए विशेषज्ञ, चिकित्सकों और पैरामेडिकल स्टाफ की कमी है.
सपा शासनकाल में हुआ था लोकार्पण-
2014 में तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस आईसीयू कक्ष का लोकार्पण किया था. सरकार बदली तो लोगों को लगा कि अब बदलते जमाने के साथ चन्दौली के लोगों के भी दिन बहुरेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हो सका. 4 साल पहले करीब एक करोड़ की लागत से बना आकस्मिक गहन चिकित्सा कक्ष आईसीयू आज तक शुरू नहीं हो सका.
सरकार के नुमांइदों ने दिए कई बार चालू करवाने का आश्वासन-
आईसीयू चालू किये जाने के लिए जरूरी मैन पावर के लिए स्वास्थ्य विभाग की तरफ से शासन को कई बार पत्र और रिमाइंडर भेजा जा चुका है. बावजूद इसके अबतक इसे चालू नहीं किया जा सका. अब तक प्रभारी मंत्री जयप्रकाश निषाद, प्रभारी आईएस अनुराग श्रीवास्तव और मंत्री मंडल विस्तार से पूर्व प्रदेश सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रहे सिद्धार्थ नाथ सिंह ने भी इसे जल्द चालू किए जाने का आश्वासन दिया था. दो साल बीत जाने के बाद उनका वादा भी हवा हवाई साबित हुआ.
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आईसीयू वार्ड पिछले कई सालों से बनकर तैयार है. इसे संचालित करने के लिए जरूरी ह्यूमन रिसोर्स की कमी के चलते इसको चालू नहीं किया जा सका. इसे चालू करने के लिए स्पेशलिस्ट डॉक्टरों, पैरा मेडिकल स्टाफ और अन्य स्टाफ की जरूरत है. इसके लिए शासन को कई बार डिमांड भेजी जा चुकी है.
डॉ. अरविंद सिंह,सीएमएस जिला अस्पताल