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चन्दौली: शोपीस बना हुआ है आईसीयू बिल्डिंग, मरीज परेशान

उत्तर प्रदेश के चंदौली में स्वास्थ्य विभाग की उदासीनता के चलते पिछले पांच सालों से बनकर तैयार आईसीयू, चिकित्सकों और पैरामेडिकल स्टाफ की कमी के कारण चालू नहीं हो सका है.

शोपीस बनी हुई है आईसीयू बिल्डिंग
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Published : Sep 16, 2019, 1:41 AM IST

चन्दौली: जनपद में गरीब इलाज के अभाव में दम तोड़ देते हैं या फिर उन्हें वाराणसी रेफर कर दिया जाता है. जिला अस्पताल में करीब 5 साल पहले आईसीयू केंद्र बना, लेकिन यह सिर्फ इसलिए नहीं चालू किया जा सका क्योंकि इसे चलाने के लिए विशेषज्ञ, चिकित्सकों और पैरामेडिकल स्टाफ की कमी है.

जानकारी देते सीएमएस, जिला अस्पताल


सपा शासनकाल में हुआ था लोकार्पण-

2014 में तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस आईसीयू कक्ष का लोकार्पण किया था. सरकार बदली तो लोगों को लगा कि अब बदलते जमाने के साथ चन्दौली के लोगों के भी दिन बहुरेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हो सका. 4 साल पहले करीब एक करोड़ की लागत से बना आकस्मिक गहन चिकित्सा कक्ष आईसीयू आज तक शुरू नहीं हो सका.

सरकार के नुमांइदों ने दिए कई बार चालू करवाने का आश्वासन-
आईसीयू चालू किये जाने के लिए जरूरी मैन पावर के लिए स्वास्थ्य विभाग की तरफ से शासन को कई बार पत्र और रिमाइंडर भेजा जा चुका है. बावजूद इसके अबतक इसे चालू नहीं किया जा सका. अब तक प्रभारी मंत्री जयप्रकाश निषाद, प्रभारी आईएस अनुराग श्रीवास्तव और मंत्री मंडल विस्तार से पूर्व प्रदेश सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रहे सिद्धार्थ नाथ सिंह ने भी इसे जल्द चालू किए जाने का आश्वासन दिया था. दो साल बीत जाने के बाद उनका वादा भी हवा हवाई साबित हुआ.


ये भी पढ़ें:-मेरठ: केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर लेखा परीक्षा आयुक्त कार्यालय में CBI का छापा, अधीक्षक गिरफ्तार

आईसीयू वार्ड पिछले कई सालों से बनकर तैयार है. इसे संचालित करने के लिए जरूरी ह्यूमन रिसोर्स की कमी के चलते इसको चालू नहीं किया जा सका. इसे चालू करने के लिए स्पेशलिस्ट डॉक्टरों, पैरा मेडिकल स्टाफ और अन्य स्टाफ की जरूरत है. इसके लिए शासन को कई बार डिमांड भेजी जा चुकी है.
डॉ. अरविंद सिंह,सीएमएस जिला अस्पताल

चन्दौली: जनपद में गरीब इलाज के अभाव में दम तोड़ देते हैं या फिर उन्हें वाराणसी रेफर कर दिया जाता है. जिला अस्पताल में करीब 5 साल पहले आईसीयू केंद्र बना, लेकिन यह सिर्फ इसलिए नहीं चालू किया जा सका क्योंकि इसे चलाने के लिए विशेषज्ञ, चिकित्सकों और पैरामेडिकल स्टाफ की कमी है.

जानकारी देते सीएमएस, जिला अस्पताल


सपा शासनकाल में हुआ था लोकार्पण-

2014 में तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस आईसीयू कक्ष का लोकार्पण किया था. सरकार बदली तो लोगों को लगा कि अब बदलते जमाने के साथ चन्दौली के लोगों के भी दिन बहुरेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हो सका. 4 साल पहले करीब एक करोड़ की लागत से बना आकस्मिक गहन चिकित्सा कक्ष आईसीयू आज तक शुरू नहीं हो सका.

सरकार के नुमांइदों ने दिए कई बार चालू करवाने का आश्वासन-
आईसीयू चालू किये जाने के लिए जरूरी मैन पावर के लिए स्वास्थ्य विभाग की तरफ से शासन को कई बार पत्र और रिमाइंडर भेजा जा चुका है. बावजूद इसके अबतक इसे चालू नहीं किया जा सका. अब तक प्रभारी मंत्री जयप्रकाश निषाद, प्रभारी आईएस अनुराग श्रीवास्तव और मंत्री मंडल विस्तार से पूर्व प्रदेश सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रहे सिद्धार्थ नाथ सिंह ने भी इसे जल्द चालू किए जाने का आश्वासन दिया था. दो साल बीत जाने के बाद उनका वादा भी हवा हवाई साबित हुआ.


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आईसीयू वार्ड पिछले कई सालों से बनकर तैयार है. इसे संचालित करने के लिए जरूरी ह्यूमन रिसोर्स की कमी के चलते इसको चालू नहीं किया जा सका. इसे चालू करने के लिए स्पेशलिस्ट डॉक्टरों, पैरा मेडिकल स्टाफ और अन्य स्टाफ की जरूरत है. इसके लिए शासन को कई बार डिमांड भेजी जा चुकी है.
डॉ. अरविंद सिंह,सीएमएस जिला अस्पताल

Intro:चन्दौली - प्रदेश की सरकार गरीबों को बेहतर इलाज मुहैया कराने के लिए तमाम तरह के प्रयास कर रही है लेकिन चंदौली में गरीब इलाज के अभाव में दम तोड़ देते हैं या फिर उन्हें वाराणसी रेफर कर दिया जाता है. जिला अस्पताल में करीब 5 साल पहले आकस्मिक सघन चिकित्सा केंद्र बना. इसके लिए जरूरी उपकरण भी खरीदे गए. लेकिन यह आईसीयू वार्ड सिर्फ इसलिए नहीं चालू किया जा सका. क्योंकि इसे चलाने के लिए विशेषज्ञ चिकित्सकों व पैरामेडिकल स्टाफ की कमी है. जिसे अब तक पूरा नहीं किया जा सका. इसमें रखे गए उपकरण अब जंग खा रहे हैं.

Body:वीओ - 2014 में तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस आईसीयू कक्ष का लोकार्पण किया था. सरकार बदली निजाम बदला तो लोगों को लगा कि अब बदलते जमाने के साथ चन्दौली के लोगों के भी दिन बहुरेंगे और गंभीर रोगियों को बेहतर इलाज जिले में ही उपलब्ध हो जाएगा. लेकिन ऐसा नहीं हो सका. 4 साल पहले करीब एक करोड़ की लागत से बना आकस्मिक गहन चिकित्सा कक्ष आईसीयू आज तक शुरू नहीं हो सका. जिससे लोगों को कठिनाई का सामना करना पड़ता है.और गंभीर हालत में मरीजों को वाराणसी लेकर जाना पड़ता है. जिससे कई मरीज समय से इलाज म मिल पाने की वजह से दम तोड़ देते है.

वॉक थ्रू

वीओ 9 - ऐसा नहीं है कि यह मामला भी अन्य स्वास्घ्य केंद्रों की तरह अधूरा पड़ा है जांच चल रही है. आईसीयू चालू किये जाने के लिए जरूरी मैन पावर के स्वास्थ्य विभाग की तरफ से शासन को कई बार पत्र और रिमाइंडर भेजा जा चुका है. लेकिन बावजूद इसके अबतक इसे चालू नहीं किया जा सका. ये हाल तब है जब सरकार बनने के बाद पहली बार निरीक्षण को पहुँचे अबतक के प्रभारी मंत्री जयप्रकाश निषाद, प्रभारी आईएस अनुराग श्रीवास्तव और मंत्री मंडल विस्तार से पूर्व प्रदेश सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रहे सिद्धार्थ नाथ सिंह ने भी इसे जल्द चालू किए जाने का आश्वासन दिया था. लेकिन दो साल बीत जाने के बाद उनका वादा भी हवा हवाई साबित हुआ. सरकार के सभी नुमाइंदों ने इसे चालू कराने के लिए सिर्फ आश्वासन की घुट्टी पिलाई. लेकिन पहल करते हुए इसे चालू कराने की दिलचस्पी किसी जनप्रतिनिधि ने नहीं दिखाई. जिससे यह आईसीयू बिल्डिंग मात्र शोपीस बनकर रह गया.

बाइट - पंकज (तीमारदार)


वीओ - इस बाबत जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ अरविंद का कहना है. आईसीयू वार्ड पिछले कई सालों बनकर तैयार है. लेकिन इसे संचालित करने के लिए जरूरी ह्यूमन रिसोर्स की कमी के चलते को चालू नहीं किया जा सका. इसे चालू करने के लिए स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स, पैरा मेडिकल स्टाफ व अन्य स्टाफ की जरूरत है.जिसके बाद शासन को कई बार डिमांड भेजी जा चुकी है. यहां के स्थानीय सांसद और केंद्रीय मंत्री डॉ महेंद्र नाथ पांडेय के भी संज्ञान में मामला है. जल्द यहां मेडिकल स्टाफ की नियुक्ति की जाएगी. जिससे शासन की मंशा के अनुरुप जनता की सेवा के लिए उपलब्ध होगा.


बाइट - डॉ अरविंद सिंह (सीएमएस जिला अस्पताल)

ये हाल तब है जब केंद्रीय मंत्री और स्थानीय संसद डॉ महेंद्र नाथ पांडेय है. यहीं नहीं चन्दौली एस्पेरेशनल डिस्ट्रिक्ट में भी शामिल और स्वास्थ्य उसके प्रमुख इंडिकेटर में शामिल है. ऐसा ये देखना दिलचस्प होगा जिला अस्पताल परिसर शो पीस बना आईसीयू बिल्डिंग कब चालू होता है.

Conclusion:कमलेश गिरी
चन्दौली
9452845730

Note - सुधीर सर और राहुल तिवारी जी के ध्यानार्थ विशेष इनपुट स्टोरी
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