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पुलिस ने सुलझाई ठेकेदार बृजेश सिंह के मौत की गुत्थी, घटना के बाद भिड़ गए थे विधायक और पूर्व विधायक - चंदौली में अपराध जगत की न्यूज़

चंदौली पुलिस ने बहुचर्चित ठेकेदार बृजेश सिंह की मौत की गुत्थी सुलझाने का दावा किया है. धीना पुलिस ने रविवार को दो आरोपियों को गिरफ्तार किया.

पुलिस ने सुलझाई ठेकेदार बृजेश सिंह के मौत की गुत्थी
पुलिस ने सुलझाई ठेकेदार बृजेश सिंह के मौत की गुत्थी
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Published : Sep 5, 2021, 8:44 PM IST

चंदौलीः जिले की पुलिस ने बहुचर्चित ठेकेदार बृजेश सिंह की मौत की गुत्थी सुलझा दी है. उन्होंने रविवार को दो आरोपियों को दबोच लिया है. इन्ही की बाइक से टक्कर होने के बाद बृजेश सिंह की मौत हो गई थी. घटनास्थल से मिली दूसरी बाइक के नंबर प्लेट और दुर्घटनाग्रस्त अन्य पार्टस के आधार पर पुलिस आरोपियों तक पहुंची. फिलहाल उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया गया है.

एएसपी दयाराम ने मामले का खुलासे करते हुए बताया कि 28 अगस्त की रात बरहन गांव निवासी बृजेश सिंह सड़क पर खून से लथपथ हाल में मिले थे. अस्पताल ले जाते समय उनकी मौत हो गई. वहीं परिजन हत्या का आरोप लगा रहे थे. जबकि मौके से प्राप्त साक्ष्यों के आधार पर मौत की वजह दुर्घटना प्रतीत हो रही थी. यहीं नहीं मामले को राजनीतिक रंग भी दे दिया गया.

वहीं तफ्तीश के दौरान घटनास्थल से प्राप्त मोटरसाइकिल के नंबर प्लेट के आधार पर पुलिस ने जांच आगे बढाई तो एक आरोपी का मोबाइल नंबर मिला. बातचीत में उसने अपनी लोकेशन राजस्थान बताई. लेकिन पुलिस सीडीआर के जरिए उसकी मौजूदगी धानापुर में मिली. वही नंबर प्लेट की जांच करने गई एक टीम बलिया गई और एआरटीओ कार्यालय से वाहन के संबंध में पूरी जानकारी प्राप्त की. बाइक बलिया के चितबड़ागांव के विशाल कुमार के नाम से थी. पुलिस विशाल के घर पहुंची तो उसके पैर में पट्टी बंधी थी. उसने बताया कि एक दुर्घटना में उसके पैर का तलवा फट गया है. पुलिस ने विशाल को हिरासत में ले लिया. जबकि दूसरी टीम ने धानापुर जाकर दूसरे आरोपी अभिषेक कुमार उर्फ सोनू को गिरफ्तार कर लिया.

वहीं ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए घटना के मुख्य अभियुक्त अभिषेक ने भी इकबालिया जुर्म कुबूल करते हुए एक्सीडेंट की बात बताई. उसने बताया की आमने-सामने हुई टक्कर में बृजेश लहूलुहान हो गए. जिसके बाद डर के चलते वो दोनों फरार हो गए.

इसे भी पढ़ें- किसान महापंचायत में उमड़ी भीड़ से गदगद किसान मोर्चा, मंच से लगे 'अल्लाह हू अकबर, हर हर महादेव के नारे'

गौरतलब है की ठेकेदार की मौत की घटना को संदिग्ध मानते हुए परिजन जांच की मांग करने लगे. यही नहीं पोस्टमार्टम हाउस पर सैयदराजा के पूर्व विधायक मनोज सिंह और विधायक सुशील सिंह आमने-सामने आ गए. यहीं नहीं दोनों के समर्थक भी आपस में भीड़ गए. जिससे वहां असहज स्थिति उत्पन्न हो गई.

बता दें कि बरहन के बृजेश सिंह की मौत के बाद पोस्टमार्टम हाउस पर क्षेत्रीय लोगों का जमावड़ा लगना शुरु हो गया. क्षेत्रीय विधायक सुशील सिंह औ पूर्व विधायक व सपा के राष्ट्रीय सचिव मनोज सिंह भी पहुंच गए. उन्होंने ठेकेदार की मौत को हत्या बताते हुए मामले की जांच कराने की बात कही. जिसपर विधायक समर्थकों ने पूर्व विधायक से कहा कि यहां पर राजनीतिक रोटी न सेकें. इसी बात को लेकर दोनों नेताओं के समर्थक भिड़ गए.

सैयदराजा विधायक सुशील सिंह और पूर्व विधायक मनोज सिंह डब्लू के बीच विवाद का यह पहला मामला नहीं हैं. इससे पहले भी दोनों के बीच कई बार बवाल हो चुका है. इससे पहले सितंबर 2020 में सूबेदार कुलदीप मौर्य के पार्थिव शरीर को सेना की गाड़ी के बजाय साधारण तरीके से एम्बुलेंस से भेजने पर बवाल हुआ था. सूबेदार कुलदीप मौर्य के पार्थिव शरीर को साधारण तरीके से एम्बुलेंस से भेजने पर परिजन और ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त हो गया. सपाइयों के धरने में शामिल होने के बाद परिदृश्य ही बदल गया और विवाद की स्थिति बन गई थी. तब दोनों नेताओं में हुई कहासुनी में बात एक दूसरे को देख लेने और औकात तक आ पहुंची थी.

चंदौलीः जिले की पुलिस ने बहुचर्चित ठेकेदार बृजेश सिंह की मौत की गुत्थी सुलझा दी है. उन्होंने रविवार को दो आरोपियों को दबोच लिया है. इन्ही की बाइक से टक्कर होने के बाद बृजेश सिंह की मौत हो गई थी. घटनास्थल से मिली दूसरी बाइक के नंबर प्लेट और दुर्घटनाग्रस्त अन्य पार्टस के आधार पर पुलिस आरोपियों तक पहुंची. फिलहाल उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया गया है.

एएसपी दयाराम ने मामले का खुलासे करते हुए बताया कि 28 अगस्त की रात बरहन गांव निवासी बृजेश सिंह सड़क पर खून से लथपथ हाल में मिले थे. अस्पताल ले जाते समय उनकी मौत हो गई. वहीं परिजन हत्या का आरोप लगा रहे थे. जबकि मौके से प्राप्त साक्ष्यों के आधार पर मौत की वजह दुर्घटना प्रतीत हो रही थी. यहीं नहीं मामले को राजनीतिक रंग भी दे दिया गया.

वहीं तफ्तीश के दौरान घटनास्थल से प्राप्त मोटरसाइकिल के नंबर प्लेट के आधार पर पुलिस ने जांच आगे बढाई तो एक आरोपी का मोबाइल नंबर मिला. बातचीत में उसने अपनी लोकेशन राजस्थान बताई. लेकिन पुलिस सीडीआर के जरिए उसकी मौजूदगी धानापुर में मिली. वही नंबर प्लेट की जांच करने गई एक टीम बलिया गई और एआरटीओ कार्यालय से वाहन के संबंध में पूरी जानकारी प्राप्त की. बाइक बलिया के चितबड़ागांव के विशाल कुमार के नाम से थी. पुलिस विशाल के घर पहुंची तो उसके पैर में पट्टी बंधी थी. उसने बताया कि एक दुर्घटना में उसके पैर का तलवा फट गया है. पुलिस ने विशाल को हिरासत में ले लिया. जबकि दूसरी टीम ने धानापुर जाकर दूसरे आरोपी अभिषेक कुमार उर्फ सोनू को गिरफ्तार कर लिया.

वहीं ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए घटना के मुख्य अभियुक्त अभिषेक ने भी इकबालिया जुर्म कुबूल करते हुए एक्सीडेंट की बात बताई. उसने बताया की आमने-सामने हुई टक्कर में बृजेश लहूलुहान हो गए. जिसके बाद डर के चलते वो दोनों फरार हो गए.

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गौरतलब है की ठेकेदार की मौत की घटना को संदिग्ध मानते हुए परिजन जांच की मांग करने लगे. यही नहीं पोस्टमार्टम हाउस पर सैयदराजा के पूर्व विधायक मनोज सिंह और विधायक सुशील सिंह आमने-सामने आ गए. यहीं नहीं दोनों के समर्थक भी आपस में भीड़ गए. जिससे वहां असहज स्थिति उत्पन्न हो गई.

बता दें कि बरहन के बृजेश सिंह की मौत के बाद पोस्टमार्टम हाउस पर क्षेत्रीय लोगों का जमावड़ा लगना शुरु हो गया. क्षेत्रीय विधायक सुशील सिंह औ पूर्व विधायक व सपा के राष्ट्रीय सचिव मनोज सिंह भी पहुंच गए. उन्होंने ठेकेदार की मौत को हत्या बताते हुए मामले की जांच कराने की बात कही. जिसपर विधायक समर्थकों ने पूर्व विधायक से कहा कि यहां पर राजनीतिक रोटी न सेकें. इसी बात को लेकर दोनों नेताओं के समर्थक भिड़ गए.

सैयदराजा विधायक सुशील सिंह और पूर्व विधायक मनोज सिंह डब्लू के बीच विवाद का यह पहला मामला नहीं हैं. इससे पहले भी दोनों के बीच कई बार बवाल हो चुका है. इससे पहले सितंबर 2020 में सूबेदार कुलदीप मौर्य के पार्थिव शरीर को सेना की गाड़ी के बजाय साधारण तरीके से एम्बुलेंस से भेजने पर बवाल हुआ था. सूबेदार कुलदीप मौर्य के पार्थिव शरीर को साधारण तरीके से एम्बुलेंस से भेजने पर परिजन और ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त हो गया. सपाइयों के धरने में शामिल होने के बाद परिदृश्य ही बदल गया और विवाद की स्थिति बन गई थी. तब दोनों नेताओं में हुई कहासुनी में बात एक दूसरे को देख लेने और औकात तक आ पहुंची थी.

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