चंदौलीः भाजपा कार्यकर्ता की सैयदराजा थाना में पिटाई मामले में एक और वीडियो वायरल हो रहा है. वीडियो में एक शख्स थाना परिसर में ही मारपीट के आरोपी दारोगा को बावर्दी में धमकाते दिख रहा है. हालांकि इस बीच बीजेपी जिलाध्यक्ष अभिमन्यु सिंह और अन्य लोगों द्वारा उस युवक वहां से हटाया जाता है, लेकिन थाने में एक दारोगा के साथ हुआ यह वाकया बीजेपी के कार्यकर्ताओं की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठा रहा है.
दरअसल मंगलवार की रात अपने सम्बन्धित की पैरवी करने गए बीजेपी नेता विशाल मद्धेशिया की दारोगा से कहासुनी के बाद मारपीट हो गई. जिसमें दारोगा समेत तीन सिपाहियों ने मिलकर उसकी पिटाई कर दी. घटना की जानकारी के बाद भजपाइयों का जमावड़ा शुरू हो गया. जिलाध्यक्ष अभिमन्यु सिंह, पूर्व जिलाध्यक्ष राणा प्रताप सिंह समेत दर्जनों की संख्या में बीजेपी नेता का मौके पर जुट गए, और धरने पर बैठ गए. इस दौरान सीओ सदर अनिल राय और बीजेपी नेताओं के बीच कार्रवाई के बाबत बातचीत हुई. सीओ ने मुकदमा दर्ज किए जाने के साथ ही कार्रवाई का आश्वासन भी दिया.
इस बीच देर रात बीजेपी नेताओं ने आरोपी दारोगा जेपी यादव को मौके पर बुलाने की जिद पर अड़ गए. जब वहां जेपी यादव पहुंचे तो बीजेपी नेता इस घटना के बाबत सवाल जवाब कर रहे थे. अभी दारोगा अपने सफाई में कुछ कह पाता कि एक युवक उनके पास पहुंचा और उसे जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए पहले तो दारोगा के कंधे पर दो तीन बार ठोका फिर कहा 'हे यादव जी, यादव जी, तोहके फार देब' जिसके बाद वहां माहौल असहज हो गया. दारोगा को ठोकते और धमकी देते नजर आ रहा शख्स शैलेंद्र कुमार सिंह बताया जा रहा है. जो भाजपा आईटी सेल की जिम्मेदारी निभा चुका है.
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गौरतलब है कि बीजेपी नेताओं की थाने में गुंडई यहीं नहीं रुकी. इसके अलावा एक और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. बीजेपी नेता सरेआम अपशब्द कहते दिख रहे हैं. बताया जा रहा है कि यह वीडियो पूर्व जिलाध्यक्ष राणा प्रताप सिंह का है. जिसमें वे कहते सुने जा सकते हैं कि खबर के लिए हम तैयार हैं, बना लीजिए खबर, हमें उससे डर नहीं है. जिसके बाद अपशब्द देते हुए कहा कि उसे बुला लीजिए.
बहरहाल उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था को लागू करने का दंभ भरने वाली भाजपा सरकार के मुखिया को यह वीडियो जरूर देखना चाहिए. क्योंकि बीजेपी नेता, सपा सरकार के दौरान थानों में गुंडई का आरोप लगाते नहीं थकते हैं. ड्यूटी पर तैनात एक दारोगा के साथ इस तरह की बदतमीजी और उसे मारने की धमकी देना, निश्चित तौर पर कानूनी भाषा में अपराध है. ऐसे में देखना यह भी महत्वपूर्ण है कि वर्दी का अपमान करने वाले युवक के खिलाफ भाजपा सरकार में किस तरह की कार्रवाई होती है.
सपा प्रवक्ता मनोज सिंह काका ने इस पूरे मामले पर सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा कि 'किसी भी पुलिस वाले का ये हक नहीं है कि किसी निर्दोष की पिटाई करें. उसको उसके किए की सजा मिलनी चाहिए, लेकिन किसी को उसके जाति के नाम को ईर्ष्या भाव से सम्बोधित करना, अपशब्द कहना देना ठीक नहीं है. ऐसे में लगता जैसे यादव होना अपराध है..! उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि 'ये बीजेपी वाले वो लोग हैं, जो अपने आप को संस्कारी बताते हैं और भारतीय संस्कृति अगुवाई करना चाहते हैं.