चन्दौली: जिले में धान खरीद का मुद्दा अब राजनीतिक रंग लेने लगा है. चन्दौली में विधायकों को लोगों की नाराजगी का सामना करना पड़ रहा है. धान का कटोरा कहे जाने वाले चंदौली में चुनाव प्रचार के दौरान विधायक का लोगों ने विरोध किया. धान की खरीद न होने से लोगों में भारी नाराजगी है. किसानों की इस नाराजगी से बीजेपी विधायक ने सीएम योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर अवगत कराया है. दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. अब यह पत्र वायरल हो रहा है. वहीं पूर्व विधायक मनोज सिंह डब्लू इस पत्र पर सवाल खड़े कर रहे हैं.
धान का कटोरा कहे जाने वाले चंदौली जिले में किसानों को अपनी उपज बेचना हमेशा से बड़ी समस्या रही है. किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है. धान खरीद में भ्रष्टाचार को लेकर सैयदराजा विधानसभा (Syedaraja Assembly) के भाजपा विधायक सुशील सिंह (BJP MLA Sushil Singh) ने दोषी विभागीय पदाधिकारियों के खिलाफ जांच कर कार्रवाई की मांग की है. उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है. ऐसे अफसरों की वजह से योगी सरकार की बदनामी हो रही है और किसान परेशान हो रहे हैं.
बता दें कि चंदौली जनपद के किसान भारी संख्या में सैयदराजा विधायक के आवास के बाहर पहुंचे और धान बेचने के लिए विधायक से गुहार लगाई. किसानों की समस्या को देखते हुए भाजपा विधायक ने मुख्यमंत्री से लिखित शिकायत की. भाजपा विधायक द्वारा सीएम को पत्र लिखे जाने से यह साफ हो गया है. कि भाजपा सरकार में धान खरीद में भ्रष्टाचार किया गया है. अभी तक किसान धान बेचने के लिए परेशान हैं, जबकि टारगेट बिचौलियों के माध्यम से पूरा कर लिया गया है.
पिछले कई महीने से उपज को बेचने के लिए किसान लगातार शिकायत करते रहे हैं. लेकिन उनकी शिकायतों का असर जिले के भ्रष्ट अधिकारियों पर नहीं हो रहा है. चुनावी समय में किसानों ने विधायक के समक्ष नाराजगी जताते हुए कहा कि बार-बार शिकायत के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही है. चुनावी अधिसूचना जारी होने का नाजायज फायदा उठाते हुए अधिकारी मनमानी कर रहे हैं. अभी बीते दिनों जब किसान ट्रैक्टर में धान लाद कर कलेक्ट्रेट पहुंचे, तो वहां भी किसानों को डिप्टी आरएमओ का बेतुका जबाब मिला था.
विधायक ने चुनावी समय में किसानों की शिकायतों पर कार्रवाई नहीं होने और धान खरीद मामले को मुख्यमंत्री के समक्ष उठाया है. विधायक सुशील सिंह का कहना है कि अफसरों की मनमानी का खामियाजा क्षेत्र में हमें विरोध के रूप में भुगतना पड़ रहा है. ऐसे अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. किसानों को किसी भी स्थिति में परेशान नहीं होने देना हमारी सरकार की नीति है.
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