मुरादाबाद: सतवीर को जहीर बनाकर गोकशी के मामले में पुलिस ने जेल भेज दिया था. जब यह मामला मीडिया की सुर्खियों में आया तो आनन-फानन में इस पूरे मामले में पुलिस ने जांच बैठा दी. पहली बार मीडिया के सामने आए सतवीर ने दारोगा पर गंभीर आरोप लगाये.
क्या है पूरा मामला
- थाना भोजपुर में 9 मई 2018 को एक ट्रक में प्रतिबंधित पशु और उसका मांस बरामद हुआ था.
- इस मामले में पुलिस ने मुकदमा कर जांच शुरू कर दी थी.
- इस मामले में 29 जून 2018 को पशु क्रूरता अधिनियम के तहत बुलंदशहर जिले के अनूपशहर के रहने वाले सतवीर को पुलिस ने गलत नाम जहीर से जेल भेज दिया था.
- जब यह मामला एक साल बाद सुर्खियों में आया तो पुलिस ने आनन फानन में सीओ ठाकुरद्वारा को इस पूरे मामले की जांच सौंप दी.
मेरा नाम जहीर नहीं है, सतवीर है. पुलिस के एक दारोगा ने मुझको गलत तरीके से जेल भेज दिया है. परिवार को भी बहुत दिन बाद मेरे बारे में पता चला. आठ महीने पहले परिवार वालों से मुलाकात हुई थी. अब मैं इंसाफ चाहता हूं. मुझको रिहाई चाहिए.
-सतवीर, आरोपी
सोमवार को सतवीर की पेशी थी. कोर्ट में जहीर को सतवीर सिद्ध करने के लिए प्रार्थना पत्र दिया था, जो न्यायालय द्वारा मंजूर कर लिया गया. इस मामले की सुनवाई करने के लिए भी प्रर्थना पत्र दिया था. वह भी मंजूर कर लिया गया. मामले में दो लोगो को जेल भेजा गया था. जहीर सही नाम सतवीर की भी जमानत हाई कोर्ट से करवा दी गई थी. लेकिन अपनी गलती छुपाने के लिए पुलिस जमानत के कागज अदालत में पेश ही नहीं किया.
-चौधरी कुलदीप सिंह, सतवीर के वकील
एक मामले में गलत व्यक्ति को गलत तरीके से जेल भेज देने का मामला संज्ञान में आया है. जिस पर जांच बैठा दी गयी है. जेल में बंद व्यक्ति के बयान होने के बाद ही जांच को आगे बढ़ाया जाएगा. बयान लेने के लिए कोर्ट से परमिशन लेनी है.-विशाल यादव, सीओ, ठाकुरद्वारा