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मुरादाबाद: स्पेशल ट्रेनों के संचालन में रेलवे ने खर्च किए 40 लाख, झोली में आए 4 हजार

उत्तर रेलवे के मुरादाबाद मंडल को स्पेशल ट्रेनों के संचालन से बड़ा नुकसान हुआ है. मंडल में नीट परीक्षा 2020 के लिए पांच स्पेशल ट्रेनों का संचालन किया गया था. लेकिन परीक्षार्थियों द्वारा इन ट्रेनों में सफर न करने से रेलवे को लाखों रुपये का नुकसान हुआ है.

रेलवे को स्पेशल ट्रेनों के संचालन से बड़ा नुकसान.
रेलवे को स्पेशल ट्रेनों के संचालन से बड़ा नुकसान.
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Published : Sep 16, 2020, 10:55 PM IST

मुरादाबाद : 13 सितंबर को देश में मेडिकल एडमिशन की सबसे बड़ी प्रवेश परीक्षा नीट 2020 का आयोजन किया गया था. मुरादाबाद रेलवे मंडल के अधीन आने वाले तीन स्थानों को परीक्षा केंद्र बनाया गया था. जिसके लिए मुरादाबाद मंडल से पांच नीट स्पेशल ट्रेनों का संचालन किया गया था.

5 स्पेशल ट्रेन से सिर्फ 65 यात्रियों ने किया सफर

मंडल में बरेली, रुड़की और देहरादून में परीक्षा केंद्र बनाए गए थे. परीक्षार्थियों को केंद्र तक पहुंचने में दिक्कत न हो इसके लिए रेलवे ने पांच स्पेशल ट्रेनों का संचालन किया था. इन विशेष ट्रेनों में छात्रों के साथ अभिभावक और परीक्षा कक्ष निरीक्षकों को भी जाने की अनुमति दी गयी थी. लेकिन मंडल में महज 65 परीक्षार्थियों ने ही ट्रेनों में सफर करने में रुचि दिखाई. जिसमें सुबह के समय 21 और शाम को वापसी में 44 परीक्षार्थी मौजूद रहें. ज्यादातर छात्र अपने निजी वाहनों से परीक्षा देने पहुंचे. रेलवे की स्पेशल ट्रेनें यात्रियों के लिए तरसती रह गयी.

कोरोना काल में स्पेशल ट्रेनों के संचालन में रेलवे को लगभग चालीस लाख रुपये का खर्च उठाना पड़ा है. जबकि इसके मुकाबले नीट स्पेशल ट्रेनों में टिकट बिक्री से रेलवे की झोली में महज चार हजार रुपये ही पहुंचे हैं. रेलवे अधिकारियों के मुताबिक ट्रेनों का संचालन परीक्षार्थियों की सुविधा के लिए किया गया था. और इससे नुकसान का आंकलन रेलवे नहीं कर रहा है. सहायक वाणिज्य प्रबंधक नरेश कुमार के मुताबिक स्पेशल ट्रेनों के लिए प्रचार-प्रसार किया गया था. लेकिन कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए ज्यादातर परीक्षार्थी अपने निजी वाहनों से परीक्षा केंद्र तक पहुंचे.

कोरोना काल में रेलवे को जहां स्पेशल ट्रेनों के संचालन में लगातार नुकसान उठाना पड़ रहा है, वहीं मालगाड़ियों के संचालन से रेलवे की आय में इजाफा भी हो रहा है. संक्रमण से बचने के लिए लोग निजी वाहनों के इस्तेमाल को प्राथमिकता दे रहे हैं. लिहाजा रेलवे अधिकारी भी आने वाले समय में स्पेशल ट्रेनों को लेकर नई रणनीति बनाने में जुटे हैं.

मुरादाबाद : 13 सितंबर को देश में मेडिकल एडमिशन की सबसे बड़ी प्रवेश परीक्षा नीट 2020 का आयोजन किया गया था. मुरादाबाद रेलवे मंडल के अधीन आने वाले तीन स्थानों को परीक्षा केंद्र बनाया गया था. जिसके लिए मुरादाबाद मंडल से पांच नीट स्पेशल ट्रेनों का संचालन किया गया था.

5 स्पेशल ट्रेन से सिर्फ 65 यात्रियों ने किया सफर

मंडल में बरेली, रुड़की और देहरादून में परीक्षा केंद्र बनाए गए थे. परीक्षार्थियों को केंद्र तक पहुंचने में दिक्कत न हो इसके लिए रेलवे ने पांच स्पेशल ट्रेनों का संचालन किया था. इन विशेष ट्रेनों में छात्रों के साथ अभिभावक और परीक्षा कक्ष निरीक्षकों को भी जाने की अनुमति दी गयी थी. लेकिन मंडल में महज 65 परीक्षार्थियों ने ही ट्रेनों में सफर करने में रुचि दिखाई. जिसमें सुबह के समय 21 और शाम को वापसी में 44 परीक्षार्थी मौजूद रहें. ज्यादातर छात्र अपने निजी वाहनों से परीक्षा देने पहुंचे. रेलवे की स्पेशल ट्रेनें यात्रियों के लिए तरसती रह गयी.

कोरोना काल में स्पेशल ट्रेनों के संचालन में रेलवे को लगभग चालीस लाख रुपये का खर्च उठाना पड़ा है. जबकि इसके मुकाबले नीट स्पेशल ट्रेनों में टिकट बिक्री से रेलवे की झोली में महज चार हजार रुपये ही पहुंचे हैं. रेलवे अधिकारियों के मुताबिक ट्रेनों का संचालन परीक्षार्थियों की सुविधा के लिए किया गया था. और इससे नुकसान का आंकलन रेलवे नहीं कर रहा है. सहायक वाणिज्य प्रबंधक नरेश कुमार के मुताबिक स्पेशल ट्रेनों के लिए प्रचार-प्रसार किया गया था. लेकिन कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए ज्यादातर परीक्षार्थी अपने निजी वाहनों से परीक्षा केंद्र तक पहुंचे.

कोरोना काल में रेलवे को जहां स्पेशल ट्रेनों के संचालन में लगातार नुकसान उठाना पड़ रहा है, वहीं मालगाड़ियों के संचालन से रेलवे की आय में इजाफा भी हो रहा है. संक्रमण से बचने के लिए लोग निजी वाहनों के इस्तेमाल को प्राथमिकता दे रहे हैं. लिहाजा रेलवे अधिकारी भी आने वाले समय में स्पेशल ट्रेनों को लेकर नई रणनीति बनाने में जुटे हैं.

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