मुरादाबाद: सरकारों के दावों के बाद भी आज ऐसे बच्चों की तादाद लाखों में है, जो स्कूल जाने के बजाय घरों में ही रहकर रोजी-रोटी के इंतजाम में लगे रहते हैं. पारिवारिक समस्याओं और खराब आर्थिक हालात के चलते ये बच्चे स्कूलों तक नहीं पहुंच पाते. मुरादाबाद जनपद में भी ऐसे बच्चों की बड़ी तादाद है, जो झुग्गी-झोपड़ियों में रहकर जीवन यापन कर रहें है. इन्हीं बच्चों की पढ़ाई के लिए मुरादाबाद की रहने वाली एक सरकारी शिक्षिका ने अनोखी पहल की है.
सड़क किनारे टेंट लगाकर रहने वाले घुमंतू परिवारों के पास जाकर उनके बच्चों को पढ़ा रही इस शिक्षिका का नाम डॉक्टर सुधा सिरोही है. समाजशास्त्र में पीएचडी करने वाली सुधा सिरोही वर्तमान में मुरादाबाद जनपद के कुंदरकी थाना क्षेत्र स्थित एक सरकारी विद्यालय में प्रधानाध्यापिका हैं.
सुधा का सराहनीय प्रयास
स्कूल की छुट्टी होने के बाद सुधा सिरोही घर जाने के बजाय घुमंतू परिवारों की बस्ती में पहुंचती है और हर रोज दो घण्टे यहां बच्चों को पढ़ाती हैं. बच्चों को पढ़ाने से पहले उनके अभिभावकों को तैयार करना बड़ी चुनौती थी, जिसके लिए सुधा को कई बार प्रयास करना पड़ा.
गरीब बच्चों को अपने खर्चे से पढ़ा रहीं सुधा के मुताबिक वह जब भी वह इस बस्ती से गुजरती थी, तो बच्चे हर वक्त सड़क पर खेलते रहते थे. ऐसे में बच्चों की पढ़ाई कैसे हो, इसके लिए उन्होंने खुद ही घर जाकर बच्चों को पढ़ाने का फैसला लिया.
सुधा पर पढ़ाई का सारा खर्चा
परिवार में अपने एक बेटे के साथ रह रहीं डॉ. सुधा सिरोही हर रोज अपनी इस कक्षा में नए बच्चों को शामिल करती हैं. बच्चों की पढ़ाई का सारा खर्चा सुधा खुद वहन कर रहीं है.
सुधा के मुताबिक शुरुआत में बच्चे पढ़ने को बिल्कुल भी तैयार नहीं थे, लेकिन अब धीरे-धीरे उत्साह दिखा रहे हैं. गरीब बच्चों को घर बैठे मुफ्त शिक्षा मिलने से उनके परिजन भी खासे खुश हैं. परिजनों के मुताबिक गरीबी के चलते बच्चों को स्कूल भेजना सम्भव नहीं था और खुद अशिक्षित होने की वजह से वह बच्चों को शिक्षा देने में सक्षम नहीं थे.
लोगों के लिए एक प्रेरणा हैं डॉ. सुधा
डॉ. सुधा सिरोही की इस कोशिश के बाद बच्चों को जहां शिक्षा मिल रही है, वहीं उनके परिजन भी भविष्य को लेकर उम्मीद पाले हुए हैं. सरकारी शिक्षिका की अपनी ड्यूटी के बाद सुधा सिरोही की यह पहल, जहां समाज के लिए एक प्रेरणा है, वहीं उन शिक्षकों के लिए सबक है, जो शिक्षा को सिर्फ व्यापार समझ बैठते हैं.