मुरादाबाद: केंद्र सरकार द्वारा देश में लॉकडाउन कुछ राहत के साथ दो सप्ताह के लिए बढ़ाया गया है. लेकिन रेड जोन वाले जनपदों में कोई राहत नहीं दी गयी है. कोरोना संकट से सबसे ज्यादा दिक्कत जहां दैनिक मजदूरों को हो रही है, वहीं दिव्यांग मजदूरों के हालात हर दिन बद से बदतर हो रहे हैं.
मुरादाबाद जनपद के मझोला क्षेत्र में रहने वाले एक दिव्यांग दम्पति आजकल ऐसी ही दिक्कतों से जूझ रहा है. गर्मियों में बर्फ बेचने वाले इस दम्पति के पास फिलहाल कोई काम नहीं है और परिवार की आर्थिक स्थिति लगातार खराब हो रही है. ऐसे में वह सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं.
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राजू सैनी के लिए कोरोना संकट दिव्यांगता से भी बड़ी मुसीबत बनकर सामने आया है. पत्नी और दो बच्चों के साथ रहने वाले राजू सैनी गर्मियों के मौसम में सड़क किनारे बर्फ की सिल्लियां बेचने का काम करते है और इस काम में उनकी दिव्यांग पत्नी पूजा भी मदद करती हैं.
मार्च में शुरू हुए लॉकडाउन के बाद बर्फ बनाने की फैक्ट्रियां बंद पड़ी हैं और मुरादाबाद के रेड जोन में शामिल होने के चलते, अभी इनके शुरू होने की उम्मीद भी नहीं है. ऐसे में राजू और उनकी पत्नी के लिए हर दिन मुश्किलों से भरा साबित हो रहा है.
इस दिव्यांग मजदूर ने जो भी रकम जमा की थी वह लॉकडाउन में खर्च हो गई है. राजू और उनकी पत्नी को अभी तक सरकार से कोई मदद नहीं मिली है. लिहाजा दोनों पति-पत्नी इस मुश्किल हालत में सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं.