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मुरादाबाद में बनते हैं वह दीपक जिसे 5 अप्रैल को पीएम ने किया था रोशन

उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में लॉकडाउन की वजह से पीतल के कारोबारी घरों में बैठने को मजबूर हैं, लेकिन पांच अप्रैल को प्रधानमंत्री ने खुद भी दीपक जलाते हुए अपनी तस्वीर पोस्ट की थी, जिसके बाद पीतल उद्योग से जुड़े लोग दीपक की तस्वीर देखकर इसे हस्तशिल्प का सम्मान बता रहे हैं.

मुरादाबाद में बनते हैं वह दीपक जिसे 5 अप्रैल को पीएम ने किया था रोशन
मुरादाबाद में बनते हैं वह दीपक जिसे 5 अप्रैल को पीएम ने किया था रोशन
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Published : Apr 7, 2020, 11:26 PM IST

मुरादाबाद: कोरोना वायरस को रोकने के लिए पूरे देश में लॉकडाउन घोषित किया गया है. ऐसे में मुरादाबाद का पीतल उद्योग पूरी तरह बंद है. कारोबार बंद होने से जहां कारोबारियों और कारीगरों के सामने तमाम समस्याएं है वहीं मुरादाबाद में बनने वाले पीतल के दीपक ने पीतल उद्योग को मुस्कुराने का मौका दिया है.

दरअसल, पांच अप्रैल को प्रधानमंत्री ने देशवासियों से घर के आगे दीपक जलाने का आह्वान किया था और खुद भी दीपक जलाते हुए अपनी तस्वीर पोस्ट की थी. पीतल कारीगरों और कारोबारियों के मुताबिक प्रधानमंत्री ने जो दीपक जलाया है वह मुरादाबाद में बनाया जाता है और पूरे देश में सप्लाई किया जाता है. मुरादाबाद के पीतल उद्योग से जुड़े लोग प्रधानमंत्री के साथ शहर में बने दीपक की तस्वीर देखकर इसे हस्तशिल्प का सम्मान बता रहे हैं.

मुरादाबाद में बनते हैं वह दीपक जिसे 5 अप्रैल को पीएम ने किया था रोशन

पीतल कारोबारियों के चेहरे पर आई मुस्कान

पीतल नगरी के नाम से दुनिया में मशहूर मुरादाबाद सालों से पीतल की चमक को बिखेरता आ रहा है. कोरोना संकट के चलते पीतल उद्योग पूरी तरह लॉकडाउन है, जिसके चलते कारीगर घरों में बैठने को मजबूर हैं. लॉकडाउन के दौरान पीतल फर्म बंद होने के बाद भी मुरादाबाद में बनने वाले पीतल के दीपकों ने लाखों कारीगरों के चेहरे पर हल्की मुस्कान बिखेर दी है.

बता दें कि पांच अप्रैल को प्रधानमंत्री ने अपने आवास पर दीपक जलाते हुए तस्वीर पोस्ट की थी, जिसके बाद पीतल कारीगरों में खुशी है. दरअसल मुरादाबाद में बनने वाले पीतल के दीपक दक्षिण भारत के राज्यों में सप्लाई किये जाते हैं और जो दीपक प्रधानमंत्री ने जलाया था वह मुर्गा दीपक के नाम से मशहूर है.

मुरादाबाद में तैयार होते हैं सभी दीपक

मुरादाबाद के पीतल उद्योग में तरह-तरह के दीपक पिछले चालीस सालों से तैयार किए जा रहे हैं. इसमें सामान्य दीपक, मुर्गा दीपक, कमल दीपक मशहूर है. पांच सौ रुपये किलोग्राम मूल्य के इन दीपकों को पूरे देश में भेजा जाता है. उत्तर भारत में जहां सामान्य दीपकों की मांग ज्यादा रहती है, वहीं दक्षिण भारत में मुर्गा दीपक और कमल दीपक डिमांड में होते हैं. पिछले कुछ समय से दीपकों को मिक्स मैटल में तैयार कर उनपर पीतल की प्लेटिंग की जा रही है, जो इसे और आकर्षक बना देती है.

प्रधानमंत्री द्वारा दीपक जलाने के दौरान जिस धूपदान का इस्तेमाल किया गया, वह भी मुरादाबाद में ही तैयार होता है. प्रधानमंत्री द्वारा पीतल के दीपक को चुनने और जलते दीपक संग तस्वीर पोस्ट करने के बाद दीपक बनाने वाले कारोबारी खुश है और भविष्य में इसकी डिमांड बढ़ने की उम्मीद लगा रहे हैं.

मुरादाबाद: कोरोना वायरस को रोकने के लिए पूरे देश में लॉकडाउन घोषित किया गया है. ऐसे में मुरादाबाद का पीतल उद्योग पूरी तरह बंद है. कारोबार बंद होने से जहां कारोबारियों और कारीगरों के सामने तमाम समस्याएं है वहीं मुरादाबाद में बनने वाले पीतल के दीपक ने पीतल उद्योग को मुस्कुराने का मौका दिया है.

दरअसल, पांच अप्रैल को प्रधानमंत्री ने देशवासियों से घर के आगे दीपक जलाने का आह्वान किया था और खुद भी दीपक जलाते हुए अपनी तस्वीर पोस्ट की थी. पीतल कारीगरों और कारोबारियों के मुताबिक प्रधानमंत्री ने जो दीपक जलाया है वह मुरादाबाद में बनाया जाता है और पूरे देश में सप्लाई किया जाता है. मुरादाबाद के पीतल उद्योग से जुड़े लोग प्रधानमंत्री के साथ शहर में बने दीपक की तस्वीर देखकर इसे हस्तशिल्प का सम्मान बता रहे हैं.

मुरादाबाद में बनते हैं वह दीपक जिसे 5 अप्रैल को पीएम ने किया था रोशन

पीतल कारोबारियों के चेहरे पर आई मुस्कान

पीतल नगरी के नाम से दुनिया में मशहूर मुरादाबाद सालों से पीतल की चमक को बिखेरता आ रहा है. कोरोना संकट के चलते पीतल उद्योग पूरी तरह लॉकडाउन है, जिसके चलते कारीगर घरों में बैठने को मजबूर हैं. लॉकडाउन के दौरान पीतल फर्म बंद होने के बाद भी मुरादाबाद में बनने वाले पीतल के दीपकों ने लाखों कारीगरों के चेहरे पर हल्की मुस्कान बिखेर दी है.

बता दें कि पांच अप्रैल को प्रधानमंत्री ने अपने आवास पर दीपक जलाते हुए तस्वीर पोस्ट की थी, जिसके बाद पीतल कारीगरों में खुशी है. दरअसल मुरादाबाद में बनने वाले पीतल के दीपक दक्षिण भारत के राज्यों में सप्लाई किये जाते हैं और जो दीपक प्रधानमंत्री ने जलाया था वह मुर्गा दीपक के नाम से मशहूर है.

मुरादाबाद में तैयार होते हैं सभी दीपक

मुरादाबाद के पीतल उद्योग में तरह-तरह के दीपक पिछले चालीस सालों से तैयार किए जा रहे हैं. इसमें सामान्य दीपक, मुर्गा दीपक, कमल दीपक मशहूर है. पांच सौ रुपये किलोग्राम मूल्य के इन दीपकों को पूरे देश में भेजा जाता है. उत्तर भारत में जहां सामान्य दीपकों की मांग ज्यादा रहती है, वहीं दक्षिण भारत में मुर्गा दीपक और कमल दीपक डिमांड में होते हैं. पिछले कुछ समय से दीपकों को मिक्स मैटल में तैयार कर उनपर पीतल की प्लेटिंग की जा रही है, जो इसे और आकर्षक बना देती है.

प्रधानमंत्री द्वारा दीपक जलाने के दौरान जिस धूपदान का इस्तेमाल किया गया, वह भी मुरादाबाद में ही तैयार होता है. प्रधानमंत्री द्वारा पीतल के दीपक को चुनने और जलते दीपक संग तस्वीर पोस्ट करने के बाद दीपक बनाने वाले कारोबारी खुश है और भविष्य में इसकी डिमांड बढ़ने की उम्मीद लगा रहे हैं.

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