मुरादाबादः सीतापुर जेल से आजम खां और उनके बेटे अब्दुला आजम खां को मुरादाबाद जिला सत्र न्यायालय एमपी एमएलए कोर्ट में पेशी पर लाया गया. कोर्ट के बाहर उतरकर आजम खां ने अपने समर्थकों को हाथ हिलाकर अभिवादन लिया और कोर्ट के अंदर चले गए. बता दें कि आजम खां की 2008 के छजलैट मामले और फिल्म अभिनेत्री जया प्रदा पर टिप्पणी करने मामले को लेकर कोर्ट में पेश हुए. अभिनेत्री पर टिप्पणी वाले मामले में आजम खां के वकील की ओर से जमानत के लिए अपील की जाएगी. अगली सुनवाई के लिए उन्हें छह जनवरी को तारीख मिली है. कोर्ट में पेश होने के बाद आजम खां और उनके बेटे को वापस सीतापुर जेल ले जाया गया.
क्या है छजलैट मामला
2008 में बसपा सरकार में मुरादाबाद के थाना छजलैट में आजम खां की कार को पुलिस ने रोक लिया था. जिसके बाद आजम खां अपने समर्थकों के साथ सड़क जाम करके धरने पर बैठ गए थे. उस समय आजम खां राज्यसभा सदस्य थे. आजम खां और उनके बेटे अब्दुला आजम खां के खिलाफ छजलैट थाने में धारा 353, 341 और 147 में मुकदमा दर्ज किया गया था.
क्यों हुआ था गैर जमानती वारंट
यह मामला एमपी एमएलए कोर्ट इलाहाबाद में चल रहा था. इस मामले में जनवरी 2019 में कोर्ट से जमानत भी मिल गयी थी. 2019 में ही यह पूरा मामला मुरादाबाद अदालत में ट्रांसफर कर दिया गया. जिसकी जानकारी नहीं होने की वजह से आजम खां कोर्ट में तारीखों पर पेशी पर नहीं आ सके थे. कोर्ट में पेश नहीं होने पर अदालत ने गैर जमानती वारंट जारी किए थे.
अभिनेत्री जयप्रदा पर की थी टिप्पणी
2019 के लोकसभा चुवान से पहले कटघर थाना क्षेत्र में एक स्कूल के कार्यक्रम में फिल्म अभिनेत्री और पूर्व सांसद जयप्रदा पर अभद्र टिप्पणी की गयी थी. इस कार्यक्रम में मुरादाबाद के मौजूदा सांसद डॉ. एसटी हसन आजम खां और उनके बेटे अब्दुला आजम भी मौजूद थे. एसटी हसन ने जयप्रदा पर टिप्पणी की थी. कार्यक्रम में मौजूद होने की वजह से आजम खां और उनके बेटे को भी आरोपी बनाया गया था.
कोर्ट में पेश नहीं हो सके थे आजम खां
आजम खां के वकील शाहनवाज ने बताया कि आजम खां मंगलवार को मुरादाबाद कोर्ट में छजलैट मामले में और जयप्रदा पर अभद्र टिप्पणी के मामले में कोर्ट में पेश हुए थे. उनके ऊपर जो केस थे उसमे आजम खां को कस्टडी में लिया गया है. तीनों मामलों में अदालत द्वारा पिछली तारीख पर तलब किये जा रहे थे. लेकिन किसी कारण कोर्ट में पेश नहीं हो पाए थे. कटघर जयप्रदा पर अभद्र टिप्पणी करने का मामला है. पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की थी. उसके विरुद्ध डिस्चार्ज एप्लिकेशन कोर्ट में दी गयी है. अभद्र टिप्पणी वाले मामले में आजम खां पर आरोप सिद्ध नहीं होते हैं. विवेचक द्वारा जो कानून के मुताबिक साक्ष्य होने चाहिए वह संकलित नहीं किये गए हैं. इसी आधार पर अभियोजन पक्ष द्वारा मुकदमा वापसी का प्रार्थना पत्र दिया गया है. जयप्रदा वाले मामले में अभी जमानत की अपील नहीं की गयी है लेकिन पूरी उम्मीद है कि इस मामले में जमानत जरूर मिल जाएगी.