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मिर्जापुर: स्वयं सहायता समूह की महिलाएं करेंगी धान की खेती - धान की खेती करेंगी महिलाएं

यूपी के मिर्जापुर में महिलाएं अब धान की खेती करेंगी. उत्तर प्रदेश राज्य राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की ओर से महिलाओं को धान की खेती से जोड़ने की प्रक्रिया शुरू की गई है. बकायदा धान की हाइब्रिड बीज कृषि विभाग एक नामी कंपनी के द्वारा महिलाओं को उपलब्ध करा रही है.

महिलाओं को दिया जा रहा बीज
महिलाओं को दिया जा रहा बीज
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Published : Jun 23, 2020, 5:41 PM IST

Updated : Sep 10, 2020, 12:19 PM IST

मिर्जापुर: जिले में महिलाएं अब खान की खेती करेंगी. महिलाएं खास तौर पर धान की पैदावार कर, उसका व्यापार भी करेंगी. उत्तर प्रदेश राज्य राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की ओर से महिलाओं को धान की खेती से जोड़ने की प्रक्रिया शुरू की गई है. बकायदा धान की हाइब्रिड बीज कृषि विभाग एक नामी कंपनी के द्वारा उपलब्ध महिलाओं को करा रही है. मंगलवार को विकास भवन में मुख्य विकास अधिकारी ने समूह से जुड़ी महिलाओं को धान के बीज बांटे. इन महिलाओं को धान फसल की पैदावार की स्माल फार्मिंग ट्रेनिंग देकर किसान बनाया जाएगा.

जनपद का मुख्य व्यवसाय कृषि आधारित है. इसी को देखते हुए एनआरएलएम से संचालित स्वरोजगार बढ़ाने वाले कार्यक्रमों में खेती को भी अब शामिल किया गया है. राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़ी स्वयं सहायता समूह की महिलाएं अभी तक घरेलू जरूरतमंद की चीजें बनाया करती थीं. मगर अब इन महिलाओं को स्माल फार्मिंग के तहत प्रशिक्षित कर किसान बनाया जाएगा. महिलाओं को धान की फसल पैदावार की ट्रेनिंग दी जाएगी. कृषि विभाग बायर कंपनी द्वारा इन महिलाओं को हाइब्रिड बीज उपलब्ध करा रही है. राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की मदद से कंपनी महिलाओं को धान की खेती करना सिखाएगी. साथ ही फसल को भी खरीदेगी. 120 दिन में यह धान तैयार हो जाएगा.

ट्रेनिंग के तौर पर अभी कंपनी एक महिला को 3 किलोग्राम धान उपलब्ध करा रही है, जो आधा एकड़ में लगाया जाएगा. साथ ही कीटनाशक दवा और ग्लव्स भी दे रही है. जनपद के कई ब्लॉकों से आईं 400 महिलाओं को मुख्य विकास अधिकारी ने धान बीज बांटा है. कंपनी पूरे जिले में स्वयं सहायता समूह की महिलाओं समेत 6000 छोटे लघु सीमांत किसानों को भी धान मुहैया करा रही है. कंपनी इन किसानों के पास जाकर ट्रेनिंग देगी. साथ ही धान की उपज करने के बाद मार्केट तक पहुंचाने में मदद करेगी.

महिलाओं को दिया जा रहा हाइब्रिड धान

मुख्य विकास अधिकारी अविनाश सिंह ने बताया कि स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को हाइब्रिड धान दिया जा रहा है. महिलाएं कम समय में अच्छी किस्म की धान पैदावार करेंगी. आने वाले समय में सभी छोटे-छोटे महिला किसानों को स्माल फार्मिंग के बारे में ट्रेनिंग देकर आर्थिक मजबूती प्रदान की जाएगी. उपज को मार्केट तक पहुंचाया जाएगा. स्वयं सहायता समूह की महिलाओं का कहना है कि हाइब्रिड बीज मिला है. ये नया बीज है. अच्छा पैदावार होगा. अच्छी कमाई होगी. हम लोग खेती का काम भी करेंगे, जिससे घर मजबूत हो सके. नए विधि से खेती करेंगे तो अच्छा पैदावार होगा तो हम लोग खुशहाल होंगे.

मिर्जापुर: जिले में महिलाएं अब खान की खेती करेंगी. महिलाएं खास तौर पर धान की पैदावार कर, उसका व्यापार भी करेंगी. उत्तर प्रदेश राज्य राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की ओर से महिलाओं को धान की खेती से जोड़ने की प्रक्रिया शुरू की गई है. बकायदा धान की हाइब्रिड बीज कृषि विभाग एक नामी कंपनी के द्वारा उपलब्ध महिलाओं को करा रही है. मंगलवार को विकास भवन में मुख्य विकास अधिकारी ने समूह से जुड़ी महिलाओं को धान के बीज बांटे. इन महिलाओं को धान फसल की पैदावार की स्माल फार्मिंग ट्रेनिंग देकर किसान बनाया जाएगा.

जनपद का मुख्य व्यवसाय कृषि आधारित है. इसी को देखते हुए एनआरएलएम से संचालित स्वरोजगार बढ़ाने वाले कार्यक्रमों में खेती को भी अब शामिल किया गया है. राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़ी स्वयं सहायता समूह की महिलाएं अभी तक घरेलू जरूरतमंद की चीजें बनाया करती थीं. मगर अब इन महिलाओं को स्माल फार्मिंग के तहत प्रशिक्षित कर किसान बनाया जाएगा. महिलाओं को धान की फसल पैदावार की ट्रेनिंग दी जाएगी. कृषि विभाग बायर कंपनी द्वारा इन महिलाओं को हाइब्रिड बीज उपलब्ध करा रही है. राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की मदद से कंपनी महिलाओं को धान की खेती करना सिखाएगी. साथ ही फसल को भी खरीदेगी. 120 दिन में यह धान तैयार हो जाएगा.

ट्रेनिंग के तौर पर अभी कंपनी एक महिला को 3 किलोग्राम धान उपलब्ध करा रही है, जो आधा एकड़ में लगाया जाएगा. साथ ही कीटनाशक दवा और ग्लव्स भी दे रही है. जनपद के कई ब्लॉकों से आईं 400 महिलाओं को मुख्य विकास अधिकारी ने धान बीज बांटा है. कंपनी पूरे जिले में स्वयं सहायता समूह की महिलाओं समेत 6000 छोटे लघु सीमांत किसानों को भी धान मुहैया करा रही है. कंपनी इन किसानों के पास जाकर ट्रेनिंग देगी. साथ ही धान की उपज करने के बाद मार्केट तक पहुंचाने में मदद करेगी.

महिलाओं को दिया जा रहा हाइब्रिड धान

मुख्य विकास अधिकारी अविनाश सिंह ने बताया कि स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को हाइब्रिड धान दिया जा रहा है. महिलाएं कम समय में अच्छी किस्म की धान पैदावार करेंगी. आने वाले समय में सभी छोटे-छोटे महिला किसानों को स्माल फार्मिंग के बारे में ट्रेनिंग देकर आर्थिक मजबूती प्रदान की जाएगी. उपज को मार्केट तक पहुंचाया जाएगा. स्वयं सहायता समूह की महिलाओं का कहना है कि हाइब्रिड बीज मिला है. ये नया बीज है. अच्छा पैदावार होगा. अच्छी कमाई होगी. हम लोग खेती का काम भी करेंगे, जिससे घर मजबूत हो सके. नए विधि से खेती करेंगे तो अच्छा पैदावार होगा तो हम लोग खुशहाल होंगे.

Last Updated : Sep 10, 2020, 12:19 PM IST
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