मिर्जापुर: कोरोना महामारी के चलते लॉकडाउन में देशभर के मंदिरों के कपाट बंद थे. वहीं अनलॉक वन में सभी मंदिरों को शर्तों के साथ खोलने आदेश दिए गए थे. इसके बावजूद मिर्जापुर के विश्व प्रसिद्ध मां विंध्यवासिनी का मंदिर नहीं खुला था, जिसको लेकर गुरुवार को विंध्य पंडा समाज के पदाधिकारियों ने नगर विधायक रत्नाकर मिश्रा की अध्यक्षता में संयुक्त बैठक कर इसे 29 जून से आम श्रद्धालुओं के लिए खोलने का निर्णय लिया. 29 जून को भी जिला प्रशासन के साथ एक बैठक की जाएगी. इसके बाद आम श्रद्धालुओं के लिए मां का दरबार शर्तों के साथ खोल दिया जाएगा. मंदिर खोलने के फैसले के बाद पुरोहित व भक्तों में खुशी की लहर है.
दरअसल, कोरोना वायरस के चलते 20 मार्च से बंद चल रहा मां विंध्यवासिनी मंदिर 29 जून से भक्तों के लिए खोल दिया जाएगा. गुरुवार को मंदिर परिसर में विंध्य पंडा समाज के अध्यक्ष मंत्री और सदस्यों ने नगर विधायक रत्नाकर मिश्रा की अध्यक्षता में संयुक्त रूप से बैठक कर निर्णय लिया. इसमें बैठक में यह फैसला लिया गया कि 29 मार्च से मां का दर्शन सभी श्रद्धालु करेंगे. गर्भ में अधिकतम 5 लोगों को जाने की अनुमति दी जाएगी. चरण स्पर्श पूर्ण रूप से प्रतिबंध रहेगा. इसके साथ ही समाजिक दूरी का पालन करते हुए दर्शन कराया जाएगा.
मां विंध्यवासिनी मंदिर तक पहुंचने के लिए कई गलियों से गुजरना पड़ता है, जिसको देखते हुए मंदिर में प्रवेश के लिए दो मार्ग खोले जाएंगे. गेट नंबर 1 के लिए न्यू वीआईपी से दर्शनार्थियों को जाने दिया जाएगा. वहीं गेट नंबर 2 से जयपुरिया गली से दर्शनार्थियों के जाने की व्यवस्था होगी. वहीं सदर बाजार से आने वाले दर्शनार्थियों को झांकी के दर्शन कराने की व्यवस्था की जाएगी. अन्य रास्तों से आने वाले यात्री भी इन्हीं तीन लाइनों में कर दर्शन करेंगे.