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मिर्जापुर: अधर में लटका कूड़े से खाद बनाने का प्रोजेक्ट, जंग खा रही करोड़ों की मशीनें - 9 साल बाद भी अधूरी सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट परियोजना

उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले में कूड़े से खाद बनाने के लिए प्रोजेक्ट बनाया गया था. प्रोजेक्ट लगने का काम 2010 में शुरु हुआ था. प्रोजेक्ट के तहत लगाई गई करोड़ों की मशीनें अब जंग खा रही है और इन मशीनों की सुध लेने वाला कोई नहीं है.

जंग खा रही करोड़ों की मशीनें.
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Published : Nov 3, 2019, 11:39 AM IST

Updated : Sep 10, 2020, 12:19 PM IST

मिर्जापुर: नगर से प्रतिदिन निकलने वाले कूड़े से खाद बनाने के लिए 2010 में 11 करोड़ की योजना बनाई गई थी. सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट परियोजना (कूड़े से खाद) बनाने का प्लांट सिटी विकासखंड के टांड गांव में मशीनों को लाकर रख दिया गया. वर्तमान में काम बंद है मशीनों में जंग लग रही है. कार्यदायी संस्था सीएनडीएस द्वारा निर्माण कार्य में उदासीनता के कारण परियोजना अधर में लटका हुआ है.

अधर में लटका कूड़े से खाद बनाने का प्रोजेक्ट.

जिले के टांड में 11 करोड़ खर्च करके कूड़े कचरे से खाद बनाने का प्रोजेक्ट शुरु हुआ था. जब प्रोजेक्ट आरंभ हुआ तब ग्रामीणों के मन में एक नई आशा जगी थी कि उन्हें खाद के प्रोजेक्ट के चलते रोजगार मिलेगा. सरकारी तंत्र की सनक में उनके अरमान पूरे कचरे के ढेर में दफन हो रहे हैं. उससे निकलने वाली दुर्गंध और धुए से उनका जीवन बेहाल हो गया है.

करोड़ों की मशीनें खा रही जंग
यह प्रोजेक्ट लगने का काम वर्ष 2010 में शुरू हुआ था. अब हालात यह है कि करोड़ों रुपए की लगाई गई मशीन जंग पहले खाए अब कूड़ा के ढेर से जल रहे हैं. इन मशीनों का कोई सुध लेने वाला नहीं है. मशीनें कूड़े के ढेर में दबकर जलकर कभी भी पूरी तरह से समाप्त हो सकती है.

तत्कालीन सीएम ने आवंटित किए थे 11 करोड़ रुपये
कूड़े कचरे से खाद बनाने की योजना को क्रियान्वित करने का काम स्थानीय नगर पालिका को दिया गया था. नगर पालिका परिषद को 11 करोड़ रुपए तत्कालीन सीएम मायावती के समय आवंटित किया गया था. इसे बनवाने के लिए ठेका मायावती के करीबी सख्स को दिया गया था. करीब 7 करोड़ों पर रुपए खर्च कर कुछ मशीनें लगाई गई थीं.

इसे भी पढ़ें- 'अमेठी-शिक्षा व समावेशी विकास' कार्यक्रम का स्मृति ईरानी ने किया शुभारंभ

इसी बीच सपा की सरकार आने पर अपने किसी और चाहते को प्रोजेक्ट दे दिया गया. जिससे ठेकेदार आमने-सामने आ गए और मामला लटक गया. इस प्रोजेक्ट के लिए प्रदेश सरकार से वार्ता हो रही है. पालिका के पास अभी 4 करोड़ रुपए बाकी हैं. पालिका के जमीन पर फेंके गए कूड़े में अराजक तत्वों द्वारा आग लगाने की शिकायत मिली है. आग लगाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की बात की जा रही है.

नगर पालिका अध्यक्ष का कहना है कि मामला कोर्ट में है लापरवाही हुआ है. मशीन नहीं चलाई जा रही है कुछ अराजक किसान हैं जो आग लगा दिए होंगे मेरे पास कूड़ा फेंकने का और जगह नहीं है मामले की जांच की जाएगी.
-मनोज जायसवाल, नगर पालिका अध्यक्ष

मिर्जापुर: नगर से प्रतिदिन निकलने वाले कूड़े से खाद बनाने के लिए 2010 में 11 करोड़ की योजना बनाई गई थी. सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट परियोजना (कूड़े से खाद) बनाने का प्लांट सिटी विकासखंड के टांड गांव में मशीनों को लाकर रख दिया गया. वर्तमान में काम बंद है मशीनों में जंग लग रही है. कार्यदायी संस्था सीएनडीएस द्वारा निर्माण कार्य में उदासीनता के कारण परियोजना अधर में लटका हुआ है.

अधर में लटका कूड़े से खाद बनाने का प्रोजेक्ट.

जिले के टांड में 11 करोड़ खर्च करके कूड़े कचरे से खाद बनाने का प्रोजेक्ट शुरु हुआ था. जब प्रोजेक्ट आरंभ हुआ तब ग्रामीणों के मन में एक नई आशा जगी थी कि उन्हें खाद के प्रोजेक्ट के चलते रोजगार मिलेगा. सरकारी तंत्र की सनक में उनके अरमान पूरे कचरे के ढेर में दफन हो रहे हैं. उससे निकलने वाली दुर्गंध और धुए से उनका जीवन बेहाल हो गया है.

करोड़ों की मशीनें खा रही जंग
यह प्रोजेक्ट लगने का काम वर्ष 2010 में शुरू हुआ था. अब हालात यह है कि करोड़ों रुपए की लगाई गई मशीन जंग पहले खाए अब कूड़ा के ढेर से जल रहे हैं. इन मशीनों का कोई सुध लेने वाला नहीं है. मशीनें कूड़े के ढेर में दबकर जलकर कभी भी पूरी तरह से समाप्त हो सकती है.

तत्कालीन सीएम ने आवंटित किए थे 11 करोड़ रुपये
कूड़े कचरे से खाद बनाने की योजना को क्रियान्वित करने का काम स्थानीय नगर पालिका को दिया गया था. नगर पालिका परिषद को 11 करोड़ रुपए तत्कालीन सीएम मायावती के समय आवंटित किया गया था. इसे बनवाने के लिए ठेका मायावती के करीबी सख्स को दिया गया था. करीब 7 करोड़ों पर रुपए खर्च कर कुछ मशीनें लगाई गई थीं.

इसे भी पढ़ें- 'अमेठी-शिक्षा व समावेशी विकास' कार्यक्रम का स्मृति ईरानी ने किया शुभारंभ

इसी बीच सपा की सरकार आने पर अपने किसी और चाहते को प्रोजेक्ट दे दिया गया. जिससे ठेकेदार आमने-सामने आ गए और मामला लटक गया. इस प्रोजेक्ट के लिए प्रदेश सरकार से वार्ता हो रही है. पालिका के पास अभी 4 करोड़ रुपए बाकी हैं. पालिका के जमीन पर फेंके गए कूड़े में अराजक तत्वों द्वारा आग लगाने की शिकायत मिली है. आग लगाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की बात की जा रही है.

नगर पालिका अध्यक्ष का कहना है कि मामला कोर्ट में है लापरवाही हुआ है. मशीन नहीं चलाई जा रही है कुछ अराजक किसान हैं जो आग लगा दिए होंगे मेरे पास कूड़ा फेंकने का और जगह नहीं है मामले की जांच की जाएगी.
-मनोज जायसवाल, नगर पालिका अध्यक्ष

Intro:मिर्ज़ापुर नगर से प्रतिदिन निकलने वाले कूड़े से खाद बनाने के लिए 2010 में 11 करोड़ की योजना बनाई गई थी। सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट परियोजना (कूड़े से खाद)बनाने का प्लांट सिटी विकासखंड के टांड गांव में मशीनों को लाकर रख दिया गया वर्तमान में काम बंद है मशीनों में जंग लग रही है।कूड़े में आग लगाने से मशीनें भी जल रही है कार्यदाई संस्था सीएनडीएस द्वारा निर्माण कार्य में उदासीनता के कारण परियोजना अधर में लटका हुआ है कूड़े का अंबार लगा हुआ है कूड़े से स्थानीय लोगों में रोष है क्योंकि धुआं और बीमारी मच्छर से परेशान हैं वही नगर पालिका अध्यक्ष का कहना है कि मामला कोर्ट में है लापरवाही हुआ है मशीन नहीं चलाई जा रही है कुछ अराजक किसान हैं जो आग लगा दिए होंगे मेरे पास कूड़ा फेंकने का और जगह नहीं है मामले की जांच की जाएगी।




Body:मिर्जापुर के टांड में 11 करोड़ खर्च करके कूड़े कचरे से खाद बनाने के प्रोजेक्ट पर ऐसा ग्रहण लगा कि वह समाप्त ही नहीं हो रहा है गांव वालों को आशा थी कि खाद बनने पर उन्हें रोजगार मिलेगा लेकिन मशीन जंग खा रही हैं मशीन के पास कूड़ा डंप होने से गांव वालों को मिल रहा है तो दुर्गंध, मच्छरों का दंश धुआं और बीमारी। वर्ष 2010 मे यह प्रोजेक्ट लगने का काम शुरू हुआ था अब हालात यह है कि पूरी मशीनें जंग खा ली हैं साथ ही कूड़े के ढेर में आग लगाने से कुछ मशीनें भी जल रही हैं करोड़ों रुपए मशीन का कोई सुध लेने वाला नहीं है।
नगर के निकलने वाले कूड़े कचरे से खाद बनाने की योजना के तहत स्थानीय नगर पालिका परिषद को 11 करोड रुपए तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती के समय आवंटित किया गया था। इसे बनवाने के लिए ठेका मायावती के करीबी को दिया गया था। करीब 7 करोड़ों पर रुपए खर्च कर कुछ मशीनें लगाई गई हैं इसी भी सपा की सरकार आने पर अपने किसी और चाहते को प्रोजेक्ट दे दिया गया ठेकेदार आमने-सामने आ गए मामला लटक गया इस प्रोजेक्ट के लिए प्रदेश सरकार से वार्ता हो रही है पालिका के पास अभी 4 करोड रुपए हैं पालिका के जमीन पर फेंके गए कूड़े में अराजक तत्वों द्वारा आग लगाने की शिकायत मिली है आग लगाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की बात की जा रही है।
जब प्रोजेक्ट आरंभ हुआ तब ग्रामीणों के मन में एक नई आशा जगी थी कि उन्हें खाद के प्रोजेक्ट के चलते रोजगार मिलेगा सरकारी तंत्र की सनक में उनके अरमान पूरे कचरे के ढेर में दफन हो रहे हैं उससे निकलने वाली दुर्गंध और धुए से उनका जीवन बेहाल हो गया है। तो वही करोड़ों रुपए की लगाई गई मशीन जंग पहले खाए अब कूड़ा के ढेर से जल रहे हैं इन मशीनों का कोई सुध लेने वाला नहीं है मशीनें कूड़े के ढेर में दबकर जलकर कभी भी पूरी तरह से समाप्त हो सकती है।

बाईट-रामधनी-चौकीदार
बाईट-दीपक -स्थानीय
बाईट-वीरू-स्थानीय
बाईट-मनोज जायसवाल- नगर पालिका अध्यक्ष


जय प्रकाश सिंह
मिर्ज़ापुर
9453881630



Conclusion:

Last Updated : Sep 10, 2020, 12:19 PM IST
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