मिर्जापुर: नगर से प्रतिदिन निकलने वाले कूड़े से खाद बनाने के लिए 2010 में 11 करोड़ की योजना बनाई गई थी. सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट परियोजना (कूड़े से खाद) बनाने का प्लांट सिटी विकासखंड के टांड गांव में मशीनों को लाकर रख दिया गया. वर्तमान में काम बंद है मशीनों में जंग लग रही है. कार्यदायी संस्था सीएनडीएस द्वारा निर्माण कार्य में उदासीनता के कारण परियोजना अधर में लटका हुआ है.
जिले के टांड में 11 करोड़ खर्च करके कूड़े कचरे से खाद बनाने का प्रोजेक्ट शुरु हुआ था. जब प्रोजेक्ट आरंभ हुआ तब ग्रामीणों के मन में एक नई आशा जगी थी कि उन्हें खाद के प्रोजेक्ट के चलते रोजगार मिलेगा. सरकारी तंत्र की सनक में उनके अरमान पूरे कचरे के ढेर में दफन हो रहे हैं. उससे निकलने वाली दुर्गंध और धुए से उनका जीवन बेहाल हो गया है.
करोड़ों की मशीनें खा रही जंग
यह प्रोजेक्ट लगने का काम वर्ष 2010 में शुरू हुआ था. अब हालात यह है कि करोड़ों रुपए की लगाई गई मशीन जंग पहले खाए अब कूड़ा के ढेर से जल रहे हैं. इन मशीनों का कोई सुध लेने वाला नहीं है. मशीनें कूड़े के ढेर में दबकर जलकर कभी भी पूरी तरह से समाप्त हो सकती है.
तत्कालीन सीएम ने आवंटित किए थे 11 करोड़ रुपये
कूड़े कचरे से खाद बनाने की योजना को क्रियान्वित करने का काम स्थानीय नगर पालिका को दिया गया था. नगर पालिका परिषद को 11 करोड़ रुपए तत्कालीन सीएम मायावती के समय आवंटित किया गया था. इसे बनवाने के लिए ठेका मायावती के करीबी सख्स को दिया गया था. करीब 7 करोड़ों पर रुपए खर्च कर कुछ मशीनें लगाई गई थीं.
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इसी बीच सपा की सरकार आने पर अपने किसी और चाहते को प्रोजेक्ट दे दिया गया. जिससे ठेकेदार आमने-सामने आ गए और मामला लटक गया. इस प्रोजेक्ट के लिए प्रदेश सरकार से वार्ता हो रही है. पालिका के पास अभी 4 करोड़ रुपए बाकी हैं. पालिका के जमीन पर फेंके गए कूड़े में अराजक तत्वों द्वारा आग लगाने की शिकायत मिली है. आग लगाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की बात की जा रही है.
नगर पालिका अध्यक्ष का कहना है कि मामला कोर्ट में है लापरवाही हुआ है. मशीन नहीं चलाई जा रही है कुछ अराजक किसान हैं जो आग लगा दिए होंगे मेरे पास कूड़ा फेंकने का और जगह नहीं है मामले की जांच की जाएगी.
-मनोज जायसवाल, नगर पालिका अध्यक्ष