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पंचायत चुनाव: राजनीतिक धुरंधरों की प्रतिष्ठा दांव पर, जिले में आज मतदान

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के तीसरे चरण का चुनाव प्रचार शनिवार शाम से थम गया. 26 अप्रैल यानि आज सुबह से ही मतदान शुरू हो जायेगा. मिर्जापुर की बात करें तो यहां 809 ग्राम प्रधान, 10471 ग्राम पंचायत, 1092 क्षेत्र पंचायत और 44 जिला पंचायत सदस्यों का चुनाव होना है.

पंचायत चुनाव : राजनीतिक धुरंधरों की प्रतिष्ठा दांव पर, जिले में आज मतदान
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Published : Apr 26, 2021, 1:54 AM IST

मिर्ज़ापुर : पंचायत चुनाव के तीसरे चरण में जनपद मिर्जापुर के 12 विकास खंडों में 4 विभिन्न पदों के लिए 26 अप्रैल को चुनाव कराया जाएगा. इनमें 808 ग्राम प्रधान, 1092 सदस्य क्षेत्र पंचायत, 10471 सदस्य ग्राम पंचायत, 44 सदस्य जिला पंचायत के पदों पर चुनाव होना है. इनमें 3 ग्राम प्रधान, 9 सदस्य क्षेत्र पंचायत, 5724 सदस्य ग्राम पंचायत निर्विरोध निर्वाचित उम्मीदवार है. वहीं, 6282 ग्राम प्रधान, 6499 सदस्य क्षेत्र पंचायत, 5036 सदस्य ग्राम पंचायत और 883 सदस्य जिला पंचायत के उम्मीदवार मैदान में हैं. 17 लाख 78 हजार 60 मतदाता इन प्रत्याशियों के किस्मत का फैसला 26 अप्रैल को करेंगे. नतीजे 2 मई को आएंगे.


पंचायत चुनाव में धुरंधर नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के तीसरे चरण का चुनाव प्रचार शनिवार शाम से थम गया. 26 अप्रैल को सुबह से मतदान कराया जाएगा. मिर्जापुर की बात की जाए तो 809 ग्राम प्रधान, 10471 ग्राम पंचायत 1092 क्षेत्र पंचायत और 44 जिला पंचायत सदस्यों का चुनाव होना है. इस पंचायत चुनाव में जिले के कई राजनीति धुरंधर चुनाव मैदान में कूद पड़े हैं. कई ने अपने करीबियों को प्रत्याशी बनाकर उतारा है. अपना दल (सोनेलाल) पार्टी के छानबे से विधायक राहुल प्रकाश कोल की पत्नी रिंकी राजगढ़ वार्ड नंबर 3 से जिला पंचायत सदस्य की प्रत्याशी हैं.

रिंकी के नाम पर ससुर पकौड़ी लाल कोल की प्रतिष्ठा दांव पर

रिंकी के ससुर पकौड़ी लाल कोल राजनीति का एक बड़ा नाम है. वह आदिवासियों के बड़े नेता माने जाते हैं. इस समय सोनभद्र से सांसद हैं. रिंकी सिंह की सीट के जातिगत समीकरण की बात करें तो यह आदिवासी और कुर्मी बाहुल इलाके की सीट है. रिंकी के सामने बीजेपी ने कांति देवी को प्रत्याशी बनाया है. ऐसे में पति के विधायक और ससुर के सांसद होने के नाते रिंकी की दावेदारी पर इन दोनों की प्रतिष्ठा दांव पर है. माना जा रहा है कि अपना दल सोनेलाल पार्टी के सदस्य अधिक संख्या में जीतकर आते हैं तो रिंकी जिला पंचायत अध्यक्ष पद की मजबूत दावेदार हो सकती है.

जिला पंचायत की सीट पर बाहूबली की भी नजर

वहीं, सिटी ब्लॉक के वार्ड नंबर-4 से बाहुबली विनीत सिंह अपने करीबी राजू को प्रत्याशी बनाकर उतारा है. विनीत सिंह की पत्नी प्रमिला सिंह जिला पंचायत अध्यक्ष के पद पर दो बार से काबिज रहीं हैं. राजू के सामने बीजेपी ने राजेश भारती को उम्मीदवार बनाया है. जिला पंचायत अध्यक्ष पद सुरक्षित होने से राजू को जिताकर विनीत सिंह जिला पंचायत अध्यक्ष के पद पर लगातार तीसरी बार अपना कब्जा जमाना चाहते हैं.


मनीराम कोल बीजेपी उम्मीदवार

हलिया वार्ड नंबर-4 से SC -ST आयोग के उपाध्यक्ष मनीराम कोल को बीजेपी ने अपना उम्मीदवार बनाया है. मनीराम कोल के सामने टक्कर देने के लिए समाजवादी पार्टी के जिला अध्यक्ष देवी चौधरी के बेटे इंजीनियर अखिलेश कुमार चौधरी मैदान में है. माना जा रहा है कि मनीराम कोल को जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए बीजेपी ने अपना टिकट देकर हर हाल में इस सीट को जीतने का मन बना लिया है. वहीं, देवी चौधरी बेटे अखिलेश कुमार चौधरी और पत्नी उर्मिला चौधरी को जिला पंचायत सदस्य जीताकर कुर्सी पर कब्जा करना चाह रहे हैं.

यह भी पढ़ें : कोरोना के मामलों को देखते हुए मां विंध्यवासिनी मंदिर दो दिन के लिए रहेगा बंद

कांग्रेस के aicc सदस्य व पूर्व विधायक भगवती प्रसाद चौधरी ने लालगंज ब्लॉक के वार्ड नंबर एक से अपने बेटे इंजीनियर कृष्ण गोपाल चौधरी और वार्ड नंबर 3 से भाई की पत्नी मीना चौधरी को जिला पंचायत सदस्य के लिए मैदान में उतारा है. 1995 में जिला पंचायत अध्यक्ष पद अनुसूचित जाति के खाते में जाने की वजह से भगवती प्रसाद चौधरी जिला पंचायत अध्यक्ष भी रह चुके हैं. माना जा रहा है कि यदि उनका बेटा और भाई की पत्नी जिला पंचायत सदस्य की सीट जीतते हैं तो वह अध्यक्ष पद के मजबूत दावेदारी कर सकते हैं.

इसके अलावा चर्चित नामों की बात की जाए तो जम्मू कश्मीर के बारामूला में शहीद हुए रवि सिंह की मां रेखा सिंह को भारतीय जनता पार्टी ने छानबे ब्लॉक के वार्ड नंबर 3 से अपना प्रत्याशी बनाया है. वहीं, समाजवादी पार्टी के पूर्व जिला अध्यक्ष शिव शंकर सिंह यादव जिनकी पत्नी प्रभावती यादव दो बार जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुकी हैं, के बेटे संजय यादव को जमालपुर ब्लाॅक के वार्ड नंबर 3 से समाजवादी पार्टी ने जिला पंचायत सदस्य का प्रत्याशी बनाया है.

इनका रहा कब्जा

बात करें मिर्जापुर जिला पंचायत अध्यक्ष पद की तो 1995 में यह सीट अनुसूचित जाति के खाते में गई थी. तब भगवती चौधरी जिला पंचायत अध्यक्ष बने थे. इसके बाद 2005 में जिले के समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता और पूर्व जिला अध्यक्ष शिवशंकर यादव की पत्नी प्रभावती अध्यक्ष रहीं. 2010 और 2015 में सामान्य खाते में गई 2010 और 2015 में मतलब दोनों बार इस सीट पर वाराणसी के चोलापुर के रहने वाले बाहुबली विनीत सिंह की पत्नी प्रमिला सिंह लगातार दो बार जिला पंचायत अध्यक्ष बनीं.

अब इस बार देखना होगा कि सुरक्षित सीट हो जाने पर क्या विनीत सिंह जिला पंचायत अध्यक्ष पद की कुर्सी लेकर हैट्रिक बना पाते हैं या सपा से देवी चौधरी, कांग्रेस से भगवती चौधरी और अपना दल सोनेलाल पार्टी से राहुल प्रकाश कोल के परिवार का इस सीट पर कब्जा होता है. सत्ताधारी पार्टी से मनीराम कोल जो दर्जा राज्यमंत्री है, के हाथ में भी यह पद जा सकता है. इस चुनाव को सभी पार्टियां विधानसभा-2022 के सेमीफाइनल चुनाव के रूप में देख रहीं हैं.

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इन मुद्दों पर पब्लिक करेगी वोट

मिर्जापुर जिले में 12 ब्लॉक हैं. एक दो ब्लाॅकों को छोड़कर सभी ब्लॉकों में सबसे बड़ी समस्या पीने के पानी की है. राजगढ़, पटेहरा, हलिया, लालगंज ब्लॉक पहाड़ी इलाका होने से यहां पानी का स्तर नीचे रहता है. इससे वर्षों से लोग इस समस्या से जूझ रहे हैं. जिले में पानी और सड़क की सबसे ज्यादा समस्या है.

जातीय समीकरण

ब्लॉकों में जातिगत समीकरण की बात की जाए तो हलिया, राजगढ़ पटेहरा कोल बाहुल्य इलाका है. नारायणपुर जमालपुर सिखाड़ कुर्मी बाहुल्य, सिटी, छानबे, पहाड़ी ब्लॉक में ब्राह्मण, यादव और क्षत्रियों की जनसंख्या अधिक है. मझवां ब्लॉक में बिंद और ब्राह्मण तो लालगंज ब्लॉक में क्षत्रिय, ब्राह्मण कुर्मी जातियों का दबदबा है.

मिर्ज़ापुर : पंचायत चुनाव के तीसरे चरण में जनपद मिर्जापुर के 12 विकास खंडों में 4 विभिन्न पदों के लिए 26 अप्रैल को चुनाव कराया जाएगा. इनमें 808 ग्राम प्रधान, 1092 सदस्य क्षेत्र पंचायत, 10471 सदस्य ग्राम पंचायत, 44 सदस्य जिला पंचायत के पदों पर चुनाव होना है. इनमें 3 ग्राम प्रधान, 9 सदस्य क्षेत्र पंचायत, 5724 सदस्य ग्राम पंचायत निर्विरोध निर्वाचित उम्मीदवार है. वहीं, 6282 ग्राम प्रधान, 6499 सदस्य क्षेत्र पंचायत, 5036 सदस्य ग्राम पंचायत और 883 सदस्य जिला पंचायत के उम्मीदवार मैदान में हैं. 17 लाख 78 हजार 60 मतदाता इन प्रत्याशियों के किस्मत का फैसला 26 अप्रैल को करेंगे. नतीजे 2 मई को आएंगे.


पंचायत चुनाव में धुरंधर नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के तीसरे चरण का चुनाव प्रचार शनिवार शाम से थम गया. 26 अप्रैल को सुबह से मतदान कराया जाएगा. मिर्जापुर की बात की जाए तो 809 ग्राम प्रधान, 10471 ग्राम पंचायत 1092 क्षेत्र पंचायत और 44 जिला पंचायत सदस्यों का चुनाव होना है. इस पंचायत चुनाव में जिले के कई राजनीति धुरंधर चुनाव मैदान में कूद पड़े हैं. कई ने अपने करीबियों को प्रत्याशी बनाकर उतारा है. अपना दल (सोनेलाल) पार्टी के छानबे से विधायक राहुल प्रकाश कोल की पत्नी रिंकी राजगढ़ वार्ड नंबर 3 से जिला पंचायत सदस्य की प्रत्याशी हैं.

रिंकी के नाम पर ससुर पकौड़ी लाल कोल की प्रतिष्ठा दांव पर

रिंकी के ससुर पकौड़ी लाल कोल राजनीति का एक बड़ा नाम है. वह आदिवासियों के बड़े नेता माने जाते हैं. इस समय सोनभद्र से सांसद हैं. रिंकी सिंह की सीट के जातिगत समीकरण की बात करें तो यह आदिवासी और कुर्मी बाहुल इलाके की सीट है. रिंकी के सामने बीजेपी ने कांति देवी को प्रत्याशी बनाया है. ऐसे में पति के विधायक और ससुर के सांसद होने के नाते रिंकी की दावेदारी पर इन दोनों की प्रतिष्ठा दांव पर है. माना जा रहा है कि अपना दल सोनेलाल पार्टी के सदस्य अधिक संख्या में जीतकर आते हैं तो रिंकी जिला पंचायत अध्यक्ष पद की मजबूत दावेदार हो सकती है.

जिला पंचायत की सीट पर बाहूबली की भी नजर

वहीं, सिटी ब्लॉक के वार्ड नंबर-4 से बाहुबली विनीत सिंह अपने करीबी राजू को प्रत्याशी बनाकर उतारा है. विनीत सिंह की पत्नी प्रमिला सिंह जिला पंचायत अध्यक्ष के पद पर दो बार से काबिज रहीं हैं. राजू के सामने बीजेपी ने राजेश भारती को उम्मीदवार बनाया है. जिला पंचायत अध्यक्ष पद सुरक्षित होने से राजू को जिताकर विनीत सिंह जिला पंचायत अध्यक्ष के पद पर लगातार तीसरी बार अपना कब्जा जमाना चाहते हैं.


मनीराम कोल बीजेपी उम्मीदवार

हलिया वार्ड नंबर-4 से SC -ST आयोग के उपाध्यक्ष मनीराम कोल को बीजेपी ने अपना उम्मीदवार बनाया है. मनीराम कोल के सामने टक्कर देने के लिए समाजवादी पार्टी के जिला अध्यक्ष देवी चौधरी के बेटे इंजीनियर अखिलेश कुमार चौधरी मैदान में है. माना जा रहा है कि मनीराम कोल को जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए बीजेपी ने अपना टिकट देकर हर हाल में इस सीट को जीतने का मन बना लिया है. वहीं, देवी चौधरी बेटे अखिलेश कुमार चौधरी और पत्नी उर्मिला चौधरी को जिला पंचायत सदस्य जीताकर कुर्सी पर कब्जा करना चाह रहे हैं.

यह भी पढ़ें : कोरोना के मामलों को देखते हुए मां विंध्यवासिनी मंदिर दो दिन के लिए रहेगा बंद

कांग्रेस के aicc सदस्य व पूर्व विधायक भगवती प्रसाद चौधरी ने लालगंज ब्लॉक के वार्ड नंबर एक से अपने बेटे इंजीनियर कृष्ण गोपाल चौधरी और वार्ड नंबर 3 से भाई की पत्नी मीना चौधरी को जिला पंचायत सदस्य के लिए मैदान में उतारा है. 1995 में जिला पंचायत अध्यक्ष पद अनुसूचित जाति के खाते में जाने की वजह से भगवती प्रसाद चौधरी जिला पंचायत अध्यक्ष भी रह चुके हैं. माना जा रहा है कि यदि उनका बेटा और भाई की पत्नी जिला पंचायत सदस्य की सीट जीतते हैं तो वह अध्यक्ष पद के मजबूत दावेदारी कर सकते हैं.

इसके अलावा चर्चित नामों की बात की जाए तो जम्मू कश्मीर के बारामूला में शहीद हुए रवि सिंह की मां रेखा सिंह को भारतीय जनता पार्टी ने छानबे ब्लॉक के वार्ड नंबर 3 से अपना प्रत्याशी बनाया है. वहीं, समाजवादी पार्टी के पूर्व जिला अध्यक्ष शिव शंकर सिंह यादव जिनकी पत्नी प्रभावती यादव दो बार जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुकी हैं, के बेटे संजय यादव को जमालपुर ब्लाॅक के वार्ड नंबर 3 से समाजवादी पार्टी ने जिला पंचायत सदस्य का प्रत्याशी बनाया है.

इनका रहा कब्जा

बात करें मिर्जापुर जिला पंचायत अध्यक्ष पद की तो 1995 में यह सीट अनुसूचित जाति के खाते में गई थी. तब भगवती चौधरी जिला पंचायत अध्यक्ष बने थे. इसके बाद 2005 में जिले के समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता और पूर्व जिला अध्यक्ष शिवशंकर यादव की पत्नी प्रभावती अध्यक्ष रहीं. 2010 और 2015 में सामान्य खाते में गई 2010 और 2015 में मतलब दोनों बार इस सीट पर वाराणसी के चोलापुर के रहने वाले बाहुबली विनीत सिंह की पत्नी प्रमिला सिंह लगातार दो बार जिला पंचायत अध्यक्ष बनीं.

अब इस बार देखना होगा कि सुरक्षित सीट हो जाने पर क्या विनीत सिंह जिला पंचायत अध्यक्ष पद की कुर्सी लेकर हैट्रिक बना पाते हैं या सपा से देवी चौधरी, कांग्रेस से भगवती चौधरी और अपना दल सोनेलाल पार्टी से राहुल प्रकाश कोल के परिवार का इस सीट पर कब्जा होता है. सत्ताधारी पार्टी से मनीराम कोल जो दर्जा राज्यमंत्री है, के हाथ में भी यह पद जा सकता है. इस चुनाव को सभी पार्टियां विधानसभा-2022 के सेमीफाइनल चुनाव के रूप में देख रहीं हैं.

यह भी पढ़ें: मुख्तार अंसारी पर एक और मुकदमा दर्ज

इन मुद्दों पर पब्लिक करेगी वोट

मिर्जापुर जिले में 12 ब्लॉक हैं. एक दो ब्लाॅकों को छोड़कर सभी ब्लॉकों में सबसे बड़ी समस्या पीने के पानी की है. राजगढ़, पटेहरा, हलिया, लालगंज ब्लॉक पहाड़ी इलाका होने से यहां पानी का स्तर नीचे रहता है. इससे वर्षों से लोग इस समस्या से जूझ रहे हैं. जिले में पानी और सड़क की सबसे ज्यादा समस्या है.

जातीय समीकरण

ब्लॉकों में जातिगत समीकरण की बात की जाए तो हलिया, राजगढ़ पटेहरा कोल बाहुल्य इलाका है. नारायणपुर जमालपुर सिखाड़ कुर्मी बाहुल्य, सिटी, छानबे, पहाड़ी ब्लॉक में ब्राह्मण, यादव और क्षत्रियों की जनसंख्या अधिक है. मझवां ब्लॉक में बिंद और ब्राह्मण तो लालगंज ब्लॉक में क्षत्रिय, ब्राह्मण कुर्मी जातियों का दबदबा है.

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