मिर्जापुर: कोर्ट ने तीन पुलिसकर्मियों पर मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है. फर्जी तरीके से NDPS एक्ट का मुकदमा लिखकर जेल भेजने के मामले में कोर्ट ने यह आदेश दिया. कोर्ट ने NDPS एक्ट में उपनिरीक्षक हरिकेश राम आजाद, हेड कॉन्स्टेबल शौकत अली और कॉन्स्टेबल पंकज दुबे के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है. साथ ही अभियुक्त सुलेमान को एक लाख के मुचलके पर जमानत का आदेश दिया है. डीजीपी को पत्र लिखकर वर्तमान विवेचक संजीव सिंह और पर्यवेक्षण अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई का आदेश दिया है. कहा है कि एक महीने में कोर्ट को अवगत कराएं.
प्रमुख सचिव गृह/अपर मुख्य सचिव गृह उत्तर प्रदेश को पत्र जारी कर पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाया है. कहा है कि मिर्ज़ापुर पुलिस नागरिकों के मूल अधिकारों का हनन कर रही है. अपर सत्र न्यायाधीश वायु नंदन मिश्र ने कहा कि फर्जी तरीके से मुकदमा दर्जकर न्यायालय में मुकदमे का बोझ बढ़ाने का पुलिस काम कर रही हैं. इसे सज्ञान में लिया जाए. मिर्जापुर में अपर सत्र न्यायाधीश एफटीसी प्रथम वायुनंदन मिश्र की अदालत ने यह आदेश जारी किया है.
कोर्ट ने गिरफ्तार करने वाली कटरा कोतवाली पुलिस और मामले की जांच करने वाले पुलिस अधिकारी पर गंभीर टिप्पणी करते हुए कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. गिरफ्तार करने वाली टीम पर मुकदमा दर्ज करने, विवेचक और पर्यवेक्षण अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के आदेश दिए हैं. यह आदेश 21 दिसम्बर का है. दरअसल, मिर्जापुर की कटरा कोतवाली पुलिस ने 27 जून 2021 को जिस युवक को एनडीपीएस में गिरफ्तार कर जेल भेजने का काम किया था, उस मामले में न्यायालय ने पीड़ित को सुनने और पुलिस की गढ़ी हुई कहानी को सुनकर न केवल पुलिस की थ्योरी को गलत करार दिया, बल्कि इसे मानवाधिकार का उल्लंघन मानते हुए पीड़ित को न्याय देते हुए इस मामले में पुलिसकर्मियों को दंडित करने का आदेश भी जारी कर दिया. इससे पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है.
यह भी पढ़ें: जमीन विवाद में विशेष समुदाय के युवक ने दिया भड़काऊ बयान, VIDEO VIRAL
कटरा कोतवाली इमामबाड़ा के रहने वाला सुलेमान पीड़ित बेहद गरीब परिवार का है. घर में कुंडी तक नहीं है. बिजली भी नहीं है. मां दूसरों के घरों में बर्तन धोती है. कर्ज लेकर मां ने बेटे की जमानत कराई. पीड़ित के मुताबिक, 27 जून 2022 को रात में पुलिस ने कटरा कोतवाली इलाके के संगमोहल के पास से गिरफ्तार किया. एक दिन थाने में रखा गया. दूसरे दिन चालान कर जेल भेज दिया गया. वहीं, जिसको पुलिस वालों ने पकड़ा था, उसे पैसा लेकर छोड़ दिया था. सुलेमान ने कहा कि उसे न्यायालय पर भरोसा था. 21 दिसम्बर को उसे न्यायालय ने दोषमुक्त करार दिया. 22 दिसंबर को वह जेल से छूटकर घर आ गया.