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आजादी के 75 साल बाद इस गांव में पहुंचा पानी, ग्रामीणों और डीएम के खिल उठे चेहरे - जल जीवन मिशन

मिर्जापुर के पहाड़ों पर बसे एक गांव में आजादी के 75 साल बाद जल जीवन मिशन योजना के तहत पानी पहुंचा. टोटी से पानी गिरता देख ग्रामीणों के चेहरे खिल उठे. डीएम दिव्या मित्तल ने गांव में पानी पहुंचाने के लिए मिशन स्तर पर कार्य कराया. गांव में पानी पहुंचने के बाद ग्रामीणों के साथ-साथ डीएम का चेहरे पर भी खुशी साफ देखने को मिली.

जल जीवन मिशन योजना
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 30, 2023, 11:18 AM IST

जल जीवन मिशन योजना के तहत लहुरियादह गांव में नल पानी का शुभारंभ करती डीएम दिव्या मित्तल

मिर्जापुर: जिले के हलिया ब्लॉक के लहुरियादह गांव में आजादी के 75 साल बाद नल से जल पहुंचा. पहली बार गांव में नल के टोटी से पानी गिरता देख ग्रामीणों के चेहरे खिल उठे. इससे पहले ग्रामीणों को पहाड़ों के झरने और टैंकर से पानी लाना पड़ता था लेकिन, अब उन्हें आसानी से घर पर लगे नल से पानी मिल सकेगा. जल जीवन मिशन योजना के तहत गांव में पानी पहुंचने पर जिलाधिकारी दिव्या मित्तल ने हवन-पूजन कर पेयजल आपूर्ति का शुभारम्भ किया. इस दौरान डीएम ने कहा, 'निश्चित ही इससे ग्रामीणों की समस्या कुछ कम होगी.'

दरअसल, मिर्जापुर जिला मुख्यालय से 70 किलोमीटर दूर मध्य प्रदेश बार्डर पर हलिया ब्लॉक का लहुरियादह गांव है. यहां ग्रामीण कभी झरने से तो कभी टैंकर के पानी से अपनी प्यास बुझाते थे. इस दौरान उन्हें काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था. मगर जल जीवन मिशन के तहत जब मंगलवार को गांव में नल से जल पहुंचा तो ग्रामीणों में खुशी का मौहाल दिखा.

गौरतलब है कि पहाड़ के ऊपर बसे इस गांव में जल जीवन मिशन से भी पानी पहुंचाना कठिन हो रहा था. लेकिन, जिलाधिकारी दिव्या मित्तल के प्रयास से कम समय में जल जीवन मिशन योजना का काम पूरा कराकर, मंगलवार को पूजा और हवन के बाद नल से जल का शुभारंभ किया. इस दौरान ग्रामीणों खुशी देखते बन रही थी.

डीएम ने बताया कि गांव का निरीक्षण के बाद अधिकारियों के साथ बैठक कर निर्णय लिया गया था कि यहां किसी भी परिस्थिति में पानी पहुंचाना है. इसमें अधिकारियों के साथ बीएचयू के साइंटिस्ट, भूगर्भ विभाग के अधिकारी की भी मदद लेनी पड़ी. तब जाकर पहाड़ के ऊपर पानी पहुंचाना संभव हो पाया. पहले गांव में प्रधान का सारा पैसा पानी में चला जाता था. इसके चलते गांव का कोई विकास नहीं हो पाता था. अब ग्रामीणों का समय भी बचेगा साथ ही ग्राम सभा का पैसा बचने से गांव का विकास भी हो पाएगा.

ग्रामीणों ने बताया कि गांव में पानी न होने के चलते कोई अपने लड़की का शादी यहां नहीं करना चाहता था, क्योंकि यहां की महिलाएं पानी को लेकर ही पूरा दिन परेशान रहती थी. बरसात और ठंडी के मौसम में पहाड़ के झरने से आने वाले पानी से काम चलाना पड़ता था. लोग वहां थोड़े-थोड़े पानी को डिब्बे के सहारे बड़े बर्तनों में भरा करते थे. इसके बाद उसे ढो कर घर लाते थे.

ग्रामीणों के अनुसार, गर्मी के मौसम में पहाड़ के झरने भी धोखा दे जाते थे, तो जिला प्रशासन टैंकर से पानी पहुंचाता था. मगर वह पर्याप्त नहीं रहता था. लोग डिब्बों में पानी इकट्ठा करके किसी तरह परिवार और पशुओं को जिंदा रखते थे. इस बीच जल जीवन मिशन योजना आने से ग्रामीणों की उम्मीद जगी. ग्रामीणों की परेशानी को देखते हुए जिला अधिकारी दिव्या मित्तल ने भी गांव में जाकर पानी की समस्या को देखा. यह गांव वालों के लिए बहुत ही खुशी का पल है. यह सब संभव हुआ है जिला अधिकारी दिव्या मित्तल के चलते.

ये भी पढ़ेंः अब यात्री कर वसूलकर नगर निगम भरेगा अपनी झोली, रोडवेज और रेलवे को देना होगा इतना पैसा

जल जीवन मिशन योजना के तहत लहुरियादह गांव में नल पानी का शुभारंभ करती डीएम दिव्या मित्तल

मिर्जापुर: जिले के हलिया ब्लॉक के लहुरियादह गांव में आजादी के 75 साल बाद नल से जल पहुंचा. पहली बार गांव में नल के टोटी से पानी गिरता देख ग्रामीणों के चेहरे खिल उठे. इससे पहले ग्रामीणों को पहाड़ों के झरने और टैंकर से पानी लाना पड़ता था लेकिन, अब उन्हें आसानी से घर पर लगे नल से पानी मिल सकेगा. जल जीवन मिशन योजना के तहत गांव में पानी पहुंचने पर जिलाधिकारी दिव्या मित्तल ने हवन-पूजन कर पेयजल आपूर्ति का शुभारम्भ किया. इस दौरान डीएम ने कहा, 'निश्चित ही इससे ग्रामीणों की समस्या कुछ कम होगी.'

दरअसल, मिर्जापुर जिला मुख्यालय से 70 किलोमीटर दूर मध्य प्रदेश बार्डर पर हलिया ब्लॉक का लहुरियादह गांव है. यहां ग्रामीण कभी झरने से तो कभी टैंकर के पानी से अपनी प्यास बुझाते थे. इस दौरान उन्हें काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था. मगर जल जीवन मिशन के तहत जब मंगलवार को गांव में नल से जल पहुंचा तो ग्रामीणों में खुशी का मौहाल दिखा.

गौरतलब है कि पहाड़ के ऊपर बसे इस गांव में जल जीवन मिशन से भी पानी पहुंचाना कठिन हो रहा था. लेकिन, जिलाधिकारी दिव्या मित्तल के प्रयास से कम समय में जल जीवन मिशन योजना का काम पूरा कराकर, मंगलवार को पूजा और हवन के बाद नल से जल का शुभारंभ किया. इस दौरान ग्रामीणों खुशी देखते बन रही थी.

डीएम ने बताया कि गांव का निरीक्षण के बाद अधिकारियों के साथ बैठक कर निर्णय लिया गया था कि यहां किसी भी परिस्थिति में पानी पहुंचाना है. इसमें अधिकारियों के साथ बीएचयू के साइंटिस्ट, भूगर्भ विभाग के अधिकारी की भी मदद लेनी पड़ी. तब जाकर पहाड़ के ऊपर पानी पहुंचाना संभव हो पाया. पहले गांव में प्रधान का सारा पैसा पानी में चला जाता था. इसके चलते गांव का कोई विकास नहीं हो पाता था. अब ग्रामीणों का समय भी बचेगा साथ ही ग्राम सभा का पैसा बचने से गांव का विकास भी हो पाएगा.

ग्रामीणों ने बताया कि गांव में पानी न होने के चलते कोई अपने लड़की का शादी यहां नहीं करना चाहता था, क्योंकि यहां की महिलाएं पानी को लेकर ही पूरा दिन परेशान रहती थी. बरसात और ठंडी के मौसम में पहाड़ के झरने से आने वाले पानी से काम चलाना पड़ता था. लोग वहां थोड़े-थोड़े पानी को डिब्बे के सहारे बड़े बर्तनों में भरा करते थे. इसके बाद उसे ढो कर घर लाते थे.

ग्रामीणों के अनुसार, गर्मी के मौसम में पहाड़ के झरने भी धोखा दे जाते थे, तो जिला प्रशासन टैंकर से पानी पहुंचाता था. मगर वह पर्याप्त नहीं रहता था. लोग डिब्बों में पानी इकट्ठा करके किसी तरह परिवार और पशुओं को जिंदा रखते थे. इस बीच जल जीवन मिशन योजना आने से ग्रामीणों की उम्मीद जगी. ग्रामीणों की परेशानी को देखते हुए जिला अधिकारी दिव्या मित्तल ने भी गांव में जाकर पानी की समस्या को देखा. यह गांव वालों के लिए बहुत ही खुशी का पल है. यह सब संभव हुआ है जिला अधिकारी दिव्या मित्तल के चलते.

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